काबुल से आधी रात में भागे अमेरिकी, आखिरी सैनिक के जाते ही तालिबान ने मनाया आजादी का जश्न

टीम भारत दीप |

देशभर में जश्‍न मना रहे हैं, वहीं राजधानी काबुल की सड़कों पर सन्‍नाटा पसरा है।
देशभर में जश्‍न मना रहे हैं, वहीं राजधानी काबुल की सड़कों पर सन्‍नाटा पसरा है।

तालिबान प्रवक्ता ने सोमवार देर रात को ट्वीट करके कहा, 'आज रात 12 बजे (अफगानिस्‍तान के समयानुसार) आखिरी अमेरिकी सैनिक अफगानिस्‍तान से लौट गया। हमारे देश को पूरी आजादी मिल गई है। अल्‍लाह को धन्‍यवाद। सभी देशवासियों को दिली धन्‍यवाद।

काबुल।अफगानिस्तान में करीब बीस साल पहले पहुंचे अमेरिकी सैनिक शर्मनाक हार के बाद सोमवार आधी रात को काबुल छोड़ दिया। काबुल एयरपोर्ट से सोमवार रात आखिरी अमेर‍िकी सैनिक की वापसी के बाद तालिबान आतंकियों ने जमकर जश्‍न मनाया। वहीं कतर में तालिबान के प्रवक्‍ता सुहैल शाहीन ने कहा कि अब हमारा देश पूरी तरह से आजाद है और देशवासियों को बहुत-बहुत बधाई।

तालिबान प्रवक्ता ने सोमवार देर रात को ट्वीट करके कहा, 'आज रात 12 बजे (अफगानिस्‍तान के समयानुसार) आखिरी अमेरिकी सैनिक अफगानिस्‍तान से लौट गया। हमारे देश को पूरी आजादी मिल गई है। अल्‍लाह को धन्‍यवाद। सभी देशवासियों को दिली धन्‍यवाद।' इसी के साथ ही अब पंजशीर घाटी को छोड़कर पूरे अफगानिस्‍तान पर तालिबान का पूरा नियंत्रण हो गया है।

काबुल की सड़कों पर सन्‍नाटा पसरा

तालिबानी जहां देशभर में जश्‍न मना रहे हैं, वहीं राजधानी काबुल की सड़कों पर सन्‍नाटा पसरा है। अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान के लिए यह एक ऐतिहासिक जीत है।

तालिबान ने हमेशा से ही अफगानिस्‍तान में विदेशी सेनाओं के खिलाफ अपनी लड़ाई के बारे में बयान दिया है और वे इसे अपनी संप्रभुता के खिलाफ बताते रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी सैनिकों के अफगानिस्‍तान से चले जाने के बाद अब देश के नए शासकों को कई सवालों का जवाब देना होगा।

पुन: निर्माण तालिबान की कड़ी परीक्षा

अमेरिका के जाने के बाद तालिबान के सामने अब अफगानिस्‍तान के फिर से निर्माण के लिए तालिबान को काफी संघर्ष करना होगा। तालिबान ने ऐलान किया है कि वह एक ऐसी कार्यकारी सरकार बनाएंगे जिसमें सभी पक्षों और गुटों को शामिल किया जाएगा।

इसमें अफगानिस्‍तान के अल्‍पसंख्‍यक भी शामिल होंगे। बता दें कि करीब 19 साल 8 महीने तक चली जंग के बाद अमेरिकी सैनिक अफगानिस्‍तान से लौट गए हैं। इस जंग के दौरान उन्‍हें 2461 सैनिकों से हाथ धोना पड़ा। अफगानिस्‍तान से जाते-जाते भी अमेरिका को आईएसआईएस के भीषण हमले का सामना करना पड़ा।

काबुल से आखिरी अमेरिकी विमान के उड़ने के बाद जो बाइडेन ने कहा- अब अफगानिस्तान में हमारी 20 साल की सैन्य उपस्थिति खत्म हो गई है। मैं अपने कमांडरों को धन्यवाद देना चाहता हूं कि बिना किसी और अमेरिकी की जान गंवाए उन्होंने अफगानिस्तान से खतरनाक निकासी को पूरा किया, जैसा कि 31 अगस्त सुबह की डेडलाइन निर्धारित की गई थी।

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