हिसार: गांव में घुसा पुलिस—प्रशासन तो बजाएंगे लठ, बर्बर लाठीचार्ज पर किसानों ने किया ये विद्रोही ऐलान

टीम भारत दीप |
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गांव में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से बनाए गए कोविड केयर सेंटर को भी बंद करा दिया गया।
गांव में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से बनाए गए कोविड केयर सेंटर को भी बंद करा दिया गया।

दो दिन पहले हिसार में किसानों पर लाठीचार्ज के विरोध में मंगलवार को गांव में महापंचायत हुई। जिसमें कई अहम फैसले लिए गए हैं। पंचायत के फैसले के अनुसार गांव में कोई भी व्यक्ति लॉकडाउन का पालन नहीं करेगा। बताया गया कि कोई दुकानदार दुकान बंद नहीं करेगा।

हिसार। कोरोना को लेकर मचे हाहाकार के बीच इससे निपटने को केन्द्र के साथ—साथ राज्य सरकारों के भी हाथ—पांव फूले हुए हैं। कई जगहों पर सरकारी पाबंदी के बावजूद नियमों की अनदेखी सामने आ रही है। इस बीच हरियाणा में किसानों पर हुए बर्बर लाठीचार्ज के विरोध में महापंचायत का विद्रोही ऐलान ने वहां प्रशासन की चिन्ता बढ़ा दी है।

दरअसल यहां पंचायत ने ऐलान किया है कि लॉकडाउन का किसी भी सूरत में पालन नहीं किया जाएगा। यदि पुलिस-प्रशासन का कोई अफसर गांव में घुसा, तो यहां तैनात लठैत उसे फोड़ डालेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार का खुलकर विरोध करने वाला यह गांव हिसार जिले का मसूदपुर है।

बताया गया कि दो दिन पहले हिसार में किसानों पर लाठीचार्ज के विरोध में मंगलवार को गांव में महापंचायत हुई। जिसमें कई अहम फैसले लिए गए हैं। पंचायत के फैसले के अनुसार गांव में कोई भी व्यक्ति लॉकडाउन का पालन नहीं करेगा। बताया गया कि कोई दुकानदार दुकान बंद नहीं करेगा। पुलिस या अन्य कोई भी प्रशासनिक अधिकारियों को गांव में आने की इजाजत नहीं रहेगी।

बताया गया कि यदि कोई जबरदस्ती आएगा तो वो मारपीट का खुद जिम्मेदार होगा। बताया गया कि इस काम के लिए 25 व्यक्तियों का एक ग्रुप बस स्टैंड पर तैनात रहेगा और पूरा गांव लठ लिए अलर्ट रहेगा। बताया गया कि गांव में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से बनाए गए कोविड केयर सेंटर को भी बंद करा दिया गया है।

इधर इस सेंटर के बारे में स्वास्थ्य विभाग के एक अफसर के मुताबिक गांव के लोगों की सेहत की चिंता के चलते यहां एक आइसोलेशन सेंटर बनाया गया था। बताया गया कि गांव में कोरोना संक्रमण से एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है, वहीं मौजूदा समय में भी 5 कोरोना संक्रमण के मामले हैं। उधर ग्रामीण गांव में कोरोना संक्रमण की बात को झूठा करार दे रहे हैं।

उनके मुताबिक गांव में कोरोना का एक भी केस नहीं है। जबरन यहां यह सेंटर स्थापित कर रखा था। साथ ही ग्रामीण सरकारी व्यवस्था के विरोध के कई तरह के कारण बता रहे हैं। वहीं सूत्रों के मुताबिक सबसे अहम वजह सिर्फ और सिर्फ किसान आंदोलन को समर्थन करना है।

इधर हांसी की SP नीतिका गहलौत के मुताबिक मसूदपुर में ग्रामीणों के द्वारा प्रशासनिक कोशिशों का विरोध किए जाने का मामला सामने आया है। बताया गया कि उनके बात करके जाना जाएगा कि कहां परेशानी है और हर हाल में माहौल को बनाए रखने की कोशिश होगी।
 


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