सीबीआई ने यसबैंक के घोटाले में राणा कपूर और उनकी पत्नी के खिलाफ चार्जशीट दायर की

टीम भारत दीप |

प्रारंभिक जांच के बदले सीधे प्राथमिकी दर्ज की जा सकती है।
प्रारंभिक जांच के बदले सीधे प्राथमिकी दर्ज की जा सकती है।

सीबीआई के प्रवक्ता आरसी जोशी के अनुसार, बंगले की बाजार में कीमत करीब 550 करोड़ रुपए थी, जबकि उसे तत्कालीन यस बैंक के एमडी और सीईओ ने 378 करोड़ में लिया था और बाद में उसकी विक्रय प्रक्रिया पूरी नहीं की गई।

नई दिल्ली। सीबीआई ने देश में हुए बड़े बैंक घोटाले के आरोप में एसबैंक के एमडी और सीईओ राणाकपूर के खिलाफ दायर याचिका के मामले में कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी। जांच एजेंसी 1700 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले में चार्जशीट में अवंता ग्रुप के प्रवर्तक गौतम थापर का भी नाम शामिल किया है। 

सीबीआई की विशेष अदालत में दायर चार्जशीट में बताया है कि कपूर ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए काफी कम कीमत पर 40 अमृता शेरगिल मार्ग पर स्थित 1.2 एकड़ के बंगले को खरीदा था।

सीबीआई के प्रवक्ता आरसी जोशी के अनुसार, बंगले की बाजार में कीमत करीब 550 करोड़ रुपए थी, जबकि उसे तत्कालीन यस बैंक के एमडी और सीईओ ने 378 करोड़ में लिया था और बाद में उसकी विक्रय प्रक्रिया पूरी नहीं की गई।

इसके बाद घोटाला करने के लिए कर्ज को बैंक की ओर से एनपीए याानि डूबता हुआ कर्ज घोषित किया गया। बंगले को जिस कंपनी ब्लिस अबोड प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर खरीदा गया था, उसके निदेशकों में कपूर की पत्नी बिंदु भी थीं।

आरोप के अनुसार राणा कपूर ने इस फायदे के बदले थापर की अन्य कंपनियों को 1360 करोड़  के ऋण दिलाए। ये रुपए जिस उद्देश्य से लिए गए थे, उसमें कोई पैसा नहीं लगाया गया और राशि की बंदरबांट हुई। 

किसी शिकायत या चैप्टर 8 के तहत ‘जानकारी के स्रोत’ के माध्यम से संज्ञेय अपराध की कोई जानकारी मिलती है और यदि अधिकारी इस बात के प्रति आश्वस्त है कि सामने आई जानकारी संज्ञेय अपराध का खुलासा कर रही है तो प्रारंभिक जांच के बदले सीधे प्राथमिकी दर्ज की जा सकती है।

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