बच गई इमरान खान की सरकार, नेशनल एसेंबली में हासिल किया विश्वासमत

टीम भारत दीप |

सत्ता बचाने की बड़ी परीक्षा इमरान खान ने पास कर ली।
सत्ता बचाने की बड़ी परीक्षा इमरान खान ने पास कर ली।

पाकिस्तान की इमरान खान सरकार अब कुछ समय तक राहत की सांस ले सकेगी। दरअसल नेशनल एसेंबली में इमरान सरकार की तरफ से लाए गए विश्वासमत प्रस्ताव के दौरान पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी की अगुवाई वाली वहां की सरकार के पक्ष में कुल 178 वोट पड़े। उन्हें अपनी सरकार बचाने के लिए कम से कम 171 सांसदों की जरूरत थी।

नई दिल्ली। बीते कई दिनों से से पाकिस्तान में चल रहा सियासी संकट फिलहाल टल गया है। सत्ता बचाने की बड़ी परीक्षा इमरान खान ने पास कर ली।पाकिस्तान की इमरान खान सरकार अब कुछ समय तक राहत की सांस ले सकेगी। नेशनल एसेंबली में इमरान सरकार ने विश्वासमत हासिल कर लिया है।

दरअसल रविवार को नेशनल एसेंबली में इमरान सरकार की तरफ से लाए गए विश्वासमत प्रस्ताव के दौरान पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी की अगुवाई वाली वहां की सरकार के पक्ष में कुल 178 वोट पड़े। उन्हें अपनी सरकार बचाने के लिए कम से कम 171 सांसदों की जरूरत थी।

बताया गया कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने संसद में प्रस्ताव रखा गया, जिस पर वोटिंग शुरू होने के बाद इमरान खान सरकार ने विश्वास मत हासिल कर लिया।

वहीं इससे पूर्व इमरान सरकार के बहुमत पर चर्चा होने की पूर्व संध्या पर विपक्षी गठबंधन ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि वे विश्वास मत का बहिष्कार करेंगे और दावा किया कि सीनेट चुनाव में उनके उम्मीदवार की जीत ही प्रधानमंत्री के खिलाफ ‘‘अविश्वास प्रस्ताव’’ है।

बताते चलें कि पीडीएम के उम्मीदवार और पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने बुधवार को सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के उम्मीदवार अब्दुल हाफिज शेख को करीबी मुकाबले में सीनेट चुनाव में हरा दिया था। बताया गया कि इमरान खान के लिए यह बड़ा झटका था जिन्होंने वित्त मंत्री अब्दुल हाफिज शेख के लिए निजी तौर पर प्रचार किया था।

उधर रहमान ने कहा कि गिलानी की जीत ‘खान के खिलाफ अपने आप में अविश्वास प्रस्ताव है।’ उन्होंने दावा किया कि राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने अधिसूचना जारी कर शनिवार को सत्र आहूत किया और निश्चित तौर पर कहा है कि प्रधानमंत्री खान ‘‘बहुमत का विश्वास खो चुके हैं’’ और इसलिए उन्हें विश्वास मत हासिल करने की जरूरत है।

बताया गया कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने नेशनल एसेंबली में विश्वास मत प्राप्त करने के पहले रणनीति तैयार करने की खातिर शुक्रवार को अपने सहयोगियों की बैठक बुलाई थी। जिसके बाद खान नेशनल एसेंबली में 171 सांसदों का समर्थन चाहिए था क्योंकि सदन में कुल 342 सदस्यों में अभी 340 सदस्य हैं और दो सीटें खाली हैं।

बताया गया कि खान की पीटीआई के पास 157 सांसद हैं जबकि विपक्षी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के 83 सदस्य हैं और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के 55 सांसद हैं।
 


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