सोशल मीडिया: आप​त्तिजनक पोस्ट पर 48 घंटे में हो सकेगी कार्रवाई, सरकार तैयार कर रही ये प्लान

टीम भारत दीप |

सरकार वेबसाइट के ज़रिए ऑनलाइन हिंसा और आपत्तिजनक पोस्ट पर लगाम कसने की तैयारी में है।
सरकार वेबसाइट के ज़रिए ऑनलाइन हिंसा और आपत्तिजनक पोस्ट पर लगाम कसने की तैयारी में है।

गृह मंत्रालय के अनुसार बीते तीन वर्षों में 60,000 से अधिक साइबर अपराध दर्ज किए गए है। मंत्रालय के मुताबिक नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो यानी एनसीआरबी के आंकड़ों मुताबिक़ साइबर अपराध की घटनाओं के 27,248 मामले साल 2016 से साल 2018 में दर्ज किए गए हैं। फिलवक्त गृह मंत्रालय एक साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (cybercrime.gov.in) चलाता है।

नई दिल्ली: सोशल मीडिया में आपत्तिजनक पास्ट पर जल्द—जल्द कार्रवाई हो सके। इसके लिए सरकार एक प्लान तैयार कर रही हैं। इस प्लान के जरिए ऐसी आपत्तिजनक पोस्ट पर 48 घंटे  के अन्तर कार्रवाई हो सकेगी। दरअसल सरकार ने आपत्तिजनक ऑनलाइन पोस्ट को फ़्लैग करने के लिए नए प्लेटफ़ॉर्म की योजना बनाई है।

मौजूदा समय में शिकायतकर्ता या तो उन सामग्रियों को अदालत में चुनौती दे सकते हैं या फिर आक्रामक, धमकी भरे पोस्ट से उपजी चिंताओ को दूर करने के लिए सोशल मीडिया हैंडल को रिपोर्ट करते हैं। आईटी ऐक्ट को संशोधित करने की प्रक्रिया में तेजी के साथ केंद्र सरकार साइबरस्पेस से संबंधित मामलों की तेजी से निस्तारण के लिए एक वैकल्पिक प्रणाली पर विचार कर रही है।

बताया गया कि वैकल्पिक प्रणाली में कानून के दायरे में रहते हुए आपत्तिजनक सामग्री के खिलाफ शिकायतों पर सख्त कार्रवाई करने की शक्तियां होंगी। सूत्रों के अनुसार सरकार ऐसे विकल्प पर विचार कर रही है कि जो लोग हिंसात्मक ऑनलाइन सामग्री के बारे में अदालतों या पुलिस से संपर्क नहीं करना चाहते हैं। उनको जल्द कैसे न्याय मिले या उनकी शिकायतों का जल्द निस्तारण हो सके।

ऐसे ही एक विकल्प पर विचार चल रहा है। बताया गया कि ऐसी वेबसाइट बनाने पर विचार किया जा रहा है जिससे ऑनलाइन हिंसा या आपत्तिजनक पोस्ट के शिकार लोगों की शिकायत का समय से समाधान निकाल सके। सूत्रों के अनुसार ऐसे मामलों में समाधान के लिए अधिकतम समय सीमा 48 घंटे रखने पर विचार चल रहा है।

गृह मंत्रालय के अनुसार बीते तीन वर्षों में 60,000 से अधिक साइबर अपराध दर्ज किए गए है। मंत्रालय के मुताबिक नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो यानी एनसीआरबी के आंकड़ों मुताबिक़ साइबर अपराध की घटनाओं के 27,248 मामले साल 2016 से साल 2018 में दर्ज किए गए हैं। फिलवक्त गृह मंत्रालय एक साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (cybercrime.gov.in) चलाता है।

इसे साल 2019 में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा से संबंधित मामलों को ऑनलाइन रिकॉर्ड करने के लिए शुरू किया गया था। बताया गया कि यह बलात्कार के वीडियो और चाइल्ड पोर्नोग्राफी जैसे ऑनलाइन कंटेंट से निपटता है। मगर इसके बाद अन्य प्रकार के मामलों को भी इसमे सम्मिलित किया गया। जैसे साइबर धोखाधड़ी आदि।

लेकिन इन मामलों के समाधान के लिए पोर्टल में कोई निश्चित समय सीमा तय नहीं है। बताते चलें कि दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने दूरसंचार संसाधनों से संबंधित धोखाधड़ी गतिविधि की जांच में एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए एक नोडल एजेंसी “डिजिटल इंटेलिजेंस यूनिट” यानी डीआइयू की स्थापना करने का निर्णय लिया है।

इसी निर्णय के बाद अब सरकार वेबसाइट के ज़रिए ऑनलाइन हिंसा और आपत्तिजनक पोस्ट पर लगाम कसने की तैयारी में है। जिससे शिकायतकर्ता की समस्या का समाधान 48 घंटे के अन्दर हो सकेगा।


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