किसान आन्दोलन: सरकारी भोज करने से किसानों का इंकार, लंगर खाया, चाय की ली चुस्की

टीम भारतदीप |
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सरकारी भोज करने से किसानों का इंकार
सरकारी भोज करने से किसानों का इंकार

किसान नेताओं ने अपने लिए लंगर से ही खाना मंगवाया और वही खाया। मिली जानकारी के अनुसार किसानों के लिए राजमा-चावल, सब्जी-पूरी और दाल-सब्जी रोटी लंगर से यहां पहुंची। साथ ही एक ड्रम चाय भी यहां लाई गयी। किसानों ने अपना लंगर एम्बुलेंस से मंगवाया।

नई दिल्ली। केन्द्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन का आज आठवां दिन है। इस बीच आज विज्ञान भवन में किसान नेताओं और सरकार के बीच एक और दौर की वार्ता जारी है। बैठक में किसानों ने एक बार फिर से कृषि कानून वापस लेने की मांग दोहराई।

सरकार और किसानों की इस बैठक के दौरान एक अनोखी तस्वीर भी सामने आई। दरअसल गुरूवार दोपहर 12 बजे से शुरू हुई बैठक में कुछ देर का अन्तराल हुआ। ब्रेक के दौरान सरकार की ओर से किसान नेताओं के लिए खाने पीने का इंतजाम किया गया था।

मगर किसान नेताओं ने सरकार की ओर से खाने के इंतजाम को नकार दिया। किसान नेताओं ने अपने लिए लंगर से ही खाना मंगवाया और वही खाया। मिली जानकारी के अनुसार किसानों के लिए राजमा-चावल, सब्जी-पूरी और दाल-सब्जी रोटी लंगर से यहां पहुंची।

साथ ही एक ड्रम चाय भी यहां लाई गयी। किसानों ने अपना लंगर एम्बुलेंस से मंगवाया। किसानों के तेवर देखकर तो यही लग रहा है कि कृषि बिल पर किसान पूरी तरह से अब आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं। वहीं विज्ञान भवन में किसान संगठनों और सरकार के बीच जारी वार्ता में किसानों ने एक बार फिर तीनों कृषि कानून वापस लेने की मांग की है।

किसानों ने सरकार को लिखित में मांग दी है। इसके साथ ही किसानों ने पराली, वायु प्रदूषण को लेकर जो कानून आया था उसे वापस लेने की बात भी की है। इसके अलावा इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट एक्ट-2020 जो आने वाला है, उस पर भी बैठक में किसानों ने लिखित रूप में आपत्ति जताई है।

वहीं सरकार व किसानों के बीच बैठक से पूर्व पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने अमित शाह से उनके आवास पर बैठक की। जिसके बाद उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द आम सहमति पर पहुंचना चाहिए और दोनों पक्षों को मामले में अड़ियल रूख नहीं अपनाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि मैं गृह मंत्री से मिलने, मामले पर अपना रुख दोहराने, उनसे और किसानों से इस मामले का जल्द समाधान करने की अपील करने आया था, क्योंकि इससे पंजाब की अर्थव्यवस्था और राष्ट्र की सुरक्षा काफी प्रभावित हो रही है।
 


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