अमेरिका में दो सौ साल में पहली बार ऐसा बवाल, ट्रंप समर्थक हुए​ हिंसक चार की मौत

टीम भारत दीप |

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि ट्रंप ने हिंसा उकसाई।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि ट्रंप ने हिंसा उकसाई।

ट्रंप समर्थक बुधवार को जबरन संसद कैपिटल में घुस गए, तोड़फोड़ और हिंसा हुई। गोली भी चली और इसमें चार लोगों की जान भी चली गई। मिलिट्री की स्पेशल यूनिट ने दंगाइयों को खदेड़ा। कई घंटे बाद संसद की कार्यवाही फिर शुरू हुई। यह अब भी जारी है। इतिहासकर बताते हैं कि अमेरिकी संसद पर इस तरह का हमला 200 साल में पहली बार देखा गया है।

वाशिंगटन। विश्व को लोकतंत्र का पाठ पढाने वाले अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के बाद से ही सब कुछ सामान्य नहीं है। 3 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव के बाद  जो नतीजे आए उससे मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रप सहमत नहीं दिखाई दे रहे थे।

लेकिन उनके समर्थक इतना हंगामा करेंगे इसका किसी को अंदाजा नही थ। अमेरिका के इतिहास में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर बवाल जितना इस बार हुआ है, शायद ही कभी हुआ हो। 
ट्रंप समर्थक बुधवार को जबरन संसद कैपिटल में घुस गए, तोड़फोड़ और हिंसा हुई।

गोली भी चली और इसमें चार लोगों की जान भी चली गई। मिलिट्री की स्पेशल यूनिट ने दंगाइयों को खदेड़ा। कई घंटे बाद संसद की कार्यवाही फिर शुरू हुई।

इतिहासकर बताते हैं कि अमेरिकी संसद पर इस तरह का हमला 200 साल में पहली बार देखा गया है। यह घटना इतनी गंभीर है कि खुद रिपब्लिकन नेता लोकतंत्र पर हुए इस हमले के बाद डोनाल्ड ट्रंप को बाहर करने की मांग करने लगे हैं।

हंगामा के बाद हुई गोली बारी

ट्रंप समर्थकों ने बुधवार को यूएस कैपिटल में घुसकर हंगामा किया, हंगामें ने देखते ही देखते खूनी झड़पों का रूप ले लिया, जिसमें अब तक चार लोगों की जान जा चुकी है। वहीं कई लोगों के घायल होने की खबर भी मिल रही है।

वॉशिंगटन डीसी के मेयर ने राजधानी में कर्फ्यू की घोषणा की। वहीं अपने भाषण में चुनावी धांधली का आरोप लगाने वाले ट्रंप ने हिंसा भड़कने के बाद अपने समर्थकों से शांतिपूर्ण तरीके से रहने को कहा। नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस हिंसा को राजद्रोह बताया।


अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को मिली हार के नतीजों को पलटने की मंशा सेट्रंप समर्थक बुधवार को यूएस कैपिटल में घुस गए। यूएस कैपिटल में हिंसक झड़पों की वजह से सांसद को संसद से भागना पड़ा।

हिंसा के कारण जो बाइडन को चुनावी जीत का सर्टिफिकेट देने की प्रक्रिया में भी देरी होती रही। इस हंगामें कारण 6 घंटे तक संसद की कार्यवाही बाधित रहीं । अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई ने बताया कि उन्होंने दो संदिग्ध विस्फोटक निष्क्रिय किया है और अधिकारियों ने हमले के चार घंटे बाद यूएस कैपिटल को सुरक्षित घोषित किया।


ट्रंप ने ट्वीट कर चुनाव में धांधली के आरोप लगाए। इसके बाद ट्विटर ने ट्रंप के अकाउंट को 12 घंटे के लिए ब्लॉक कर दिया। इसके साथ ही यह चेतावनी भी दी कि अगर उन्होंने हिंसा भड़काने जैसा कुछ भी पोस्ट किया तो उनका अकाउंट हमेशा के लिए ब्लॉक कर दिया जाएगा।

ट्रप के वीडियो हटाए

फेसबुक और उसके मालिकाना हक वाले इंस्टाग्राम पर भी ट्रंप के पेजों को अगले 24 घंटों के लिए ब्लॉक कर दिया गया है। फेसबुक और यूट्यूब ने ट्रंप के उन वीडियो को भी हटा दिया, जिसमें वे अपने समर्थकों को संबोधित कर रहे थे।

नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस पूरी घटना पर कहा कि वह स्तब्ध और काफी दुखी हैं कि अमेरिका को ऐसा दिन देखना पड़ा। बाइडन ने राष्ट्र के नाम एक संबोधन में कहा, 'इस समय, हमारे लोकतंत्र पर अभूतपूर्व हमला हो रहा है।

हमने आधुनिक समय में ऐसा कभी नहीं देखा। स्वतंत्रता के गढ़, कैपिटल पर हमला। लोगों का प्रतिनिधित्व करने वालों और कैपिटल हिल पुलिसऔर लोक सेवक जो हमारे गणतंत्र के मंदिर में काम करते हैं उन पर हमला। यह अराजकता है। यह राजद्रोह के समान है। इसका अब अंत होना चाहिए।

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि ट्रंप ने हिंसा उकसाई। उन्होंने कहा, 'कानूनी तरीके से हुए चुनाव को लेकर लगातार बेबुनियाद झूठे दावे करने वाले एक मौजूदा राष्ट्रपति द्वारा आज यूएस कैपिटल में भड़काई गई हिंसा को इतिहास में हमेशा हमारे देश के लिए शर्मिंदगी के तौर पर याद रखा जाएगा


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