मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर हो गया अब शिक्षा मंत्रालय

टीम भारत दीप |
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यह फोटो ट्वीट किया गया।
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पूर्व की राजीव गांधी सरकार ने 1985 में केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय का नाम बदलकर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय कर दिया था। नई शिक्षा नीति में ही इस नाम को बदलने का सुझाव शामिल था।

नई दिल्ली। बीते माह नरेंद्र मोदी कैबिनेट द्वारा नई  शिक्षा नीति को मंजूरी के साथ ही अब मानव संसाधन मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय हो गया है। मंगलवार को सुबह मंत्रालय के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से इसकी जानकारी दी गयी।

बता दें कि पूर्व की राजीव गांधी सरकार ने 1985 में केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय का नाम बदलकर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय कर दिया था। नई शिक्षा नीति में ही इस नाम को बदलने का सुझाव शामिल था। सरकार के सूत्रों का कहना है कि इसका उद्देश्य शिक्षा और सीखने पर फोकस करना है। 

 नई शिक्षा नीति का खाका तैयार करने वाले पूर्व इसरो चीफ के कस्तूरीरंगन और अन्य विशेषज्ञों ने मंत्रालय का नाम बदलने का सुझाव दिया। साथ ही आरएसएस भी इस नाम को लेकर जोर दे रहा था। आरएसएस का मानना है कि राजीव गांधी को कुछ लोगों ने भ्रमित कर मंत्रालय का नाम बदलवा दिया। 

 नई शिक्षा नीति 2020 ने 1986 की शिक्षा नीति और बाद में 1992 में संशोधित शिक्षा नीति की जगह ली है। नई शिक्षा नीति में शिक्षा का अधिकार कानून 2009 का विस्तार अब 3 साल से 18 साल तक के बच्चों के लिए किया जाएगा। साथ ही इसमें बच्चों के पाठ्यक्रम को कम करने पर जोर रहेगा। 

नई शिक्षा नीति में पाठ्यक्रम के तहत विज्ञान और मानविकी वर्ग जैसे विभाजन नहीं होंगे। इसके अलावा  co-curricular और extra-curricular जैसे विभाजन भी देखने को नहीं मिलेंगे। कला, संगीत, खेल, समाज सेवा आदि विषयों को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा।

मंगलवार को मंत्रालय की ओर से ट्वीट किया गया कि हमें ये बताते हुए खुशी हो रही है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय अब शिक्षा मंत्रालय हो गया है।


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