मैनपुरी नवोदय छात्रा प्रकरण: डीजीपी को इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश, दो माह में पूरी कराएं विवेचना

टीम भारत दीप |

दारोगा कभी -कभी ही विवेचना करने के लिए जाता है।
दारोगा कभी -कभी ही विवेचना करने के लिए जाता है।

हाईकोर्ट ने मार्मिक टिप्पणी करते हुए कहा कि पैसा ही सब कुछ नहीं होता। स्वर्ग कहीं और नहीं है। सबको कर्मों का फल यहीं भुगतना पड़ता है। जांच में देरी से भी साक्ष्य नहीं मिल पाते। अपराधी जानते हैं कि कुछ नहीं होगा इसलिए वे बेखौफ होकर आपराधिक घटनाएं करते रहते हैं।

प्रयागराज। यूपी के मैनपुरी जिले में दो साल पहले छात्रा की संदिग्ध मौत के मामले में  इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गुरुवार को पुलिस की कार्यशैली पर तल्ख टिप्पणियां की। पुलिस प्रमुख (डीजीपी) मुकुल गोयल से कहा कि वह सीआरपीसी की धारा 173 का पालन करने के लिए सर्कुलर जारी करें। दो माह में विवेचना पूरी करने का सभी निर्देश पुलिस अधिकारियों को दिया जाय।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एमएन भंडारी तथा न्यायमूर्ति एके ओझा की खंडपीठ ने मामले में सामाजिक कार्यकर्ता महेंद्र प्रताप सिंह की तरफ से दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए कहा कि पुलिस असल में बरामदगी करने की बजाय हथियारों को प्लांट करती है।

बैलेस्टिक रिपोर्ट मैच नहीं करने से अपराधी बरी होते हैं। इस मसले पर हाईकोर्ट ने मार्मिक टिप्पणी करते हुए कहा कि पैसा ही सब कुछ नहीं होता। स्वर्ग कहीं और नहीं है। सबको कर्मों का फल यहीं भुगतना पड़ता है। जांच में देरी से भी साक्ष्य नहीं मिल पाते। अपराधी जानते हैं कि कुछ नहीं होगा इसलिए वे बेखौफ होकर आपराधिक घटनाएं करते रहते हैं।

पुलिस को दिया जाए प्रशिक्षण

हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए पुलिस जवानों को प्रशिक्षण दिए जाने की जरूरत पर बल दिया। अधिकांश विवेचना कांस्टेबल करता है। दारोगा कभी —कभी ही विवेचना करने के लिए जाता है। मैनपुरी मामले में विवेचना ठीक से नहीं हुई।

डीजीपी ने बताया कि मैनपुरी की घटना में अपर पुलिस अधीक्षक व उप पुलिस अधीक्षक पर कार्रवाई की गई है। हाईकोर्ट ने अनुपालन रिपोर्ट मांगते हुए कहा कि निष्पक्ष विवेचना नहीं होने से सजा का रेट 6.5 फीसद है जबकि विदेश में 85 फीसद है।

पुलिस द्वारा सही विवेचना नहीं होने से अपराधी छूट जा रहे हैैं। घटना सुबह पांच से छह बजे हुई लेकिन परिवार को सूचना नहीं दी। इस घटना में पुलिस की भूमिका ठीक नहीं रही है।

आपकों बता दें कि कोर्ट शुरू से ही इस मामले में पुलिस की कार्यशैली से नारजा चल रहा है। जज ने बुधवार को भी डीजीपी को फटकार लगाते हुए संतोष प्रद जवाब के साथ गुरुवार को सुनवाई में शामिल होने के लिए कहा था। 

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