एमएलसी चुनाव: कहीं चुस्ती तो कहीं सुस्ती के बीच मतदान सम्पन्न, मतपेटियों में कैद हुआ प्रत्याशियों का भाग्य, पढ़ें पूरी खबर

टीम भारतदीप |
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एमएलसी चुनाव: कहीं चुस्ती तो कहीं  सुस्ती के बीच मतदान सम्पन्न
एमएलसी चुनाव: कहीं चुस्ती तो कहीं सुस्ती के बीच मतदान सम्पन्न

जिलाधिकारी के निर्देश पर सभी मतदान केन्द्रों पर कोविड-19 की गाइडलाइन का पूर्णतया पालन करते हुये मतदान सकुशल सम्पन्न कराया गया। सभी केन्द्रों पर मास्क, सेनेटाइजर, सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुये कोविड हेल्प डेस्क पर थर्मल स्कैनर से तापमान मापने के उपरान्त मतदान कराया गया।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधान परिषद स्नातक एवं शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों के द्विवार्षिक निर्वाचन-2020 की कुल 11 खाली सीटों के लिए मतदान सम्पन्न हो चुके है और अब इन सभी उम्मीदवारों की किस्मत मतपेटियों में कैद हो गई हैं।

मंगलवार को हुए मतदान के क्रम में कहीं-कहीं मतदाताओं की चुस्ती दिखी तो कहीं-कहीं सुस्ती भी नजर आई। वहीं उत्तर प्रदेश की राजधानी की बात करें तो लखनऊ खण्ड स्नातक एवं शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों के द्विवार्षिक निर्वाचन-2020 का मतदान शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न हुआ।

स्नातक निर्वाचन के लिए 19 मतदान केन्द्रों पर 43 बूथ एवं शिक्षक निर्वाचन के लिए सभी 19 मतदान केन्द्रों में एक-एक बूथ बनाये गये थे जिनमें प्रातः 8 बजे से सायं 5 बजे तक स्नातक के 37201 मतदाताओं में से 33.93 प्रतिशत मतदाताओं ने एवं शिक्षक के 5569 मतदाताओं में से 59.25 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।

लखनऊ उत्तरी से भाजपा विधायक नीरज बोरा एवं उनकी पत्नी ने भी लखनऊ खंड स्नातक क्षेत्र के एमएलसी चुनाव में मतदान किया। लखनऊ खण्ड स्नातक निर्वाचन को सकुशल, शान्तिपूर्ण, निष्पक्ष, पारदर्शी एवं निर्विघ्न रूप से सम्पन्न कराने के लिए जिलाधिकारी डा0 रूपेश कुमार एवं पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने जनपद में भ्रमणशील रहकर सुरक्षा सहित अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लेने के साथ ही निर्वाचन में लगे अधिकारियों एवं कर्मचारियों को आवश्यक निर्देश देते रहे।

जिलाधिकारी ने प्रातःकाल से ही मतदान केन्द्रों का निरीक्षण किया जिसमें विकास खण्ड सण्ड़वा चन्द्रिका, सांगीपुर, लालगंज, लक्ष्मणपुर, सदर, राजकीय इण्टर कालेज एवं तहसील सदर का निरीक्षण किया, इस दौरान उन्होने निर्वाचन सहित सुरक्षा व्यवस्था में लगे सभी अधिकारियों-कर्मचारियों को आवश्यक निर्देश दिये।

मतदान को लेकर मुख्य विकास अधिकारी अश्विनी कुमार पाण्डेय, अपर जिलाधिकारी (वि0ध्रा0) शत्रोहन वैश्य, मुख्य राजस्व अधिकारी इन्द्र भूषण वर्मा सहित अन्य अधिकारी क्षेत्र में भ्रमणशील रहकर सभी व्यवस्थाओं पर नजर बनाए और पूरी सतर्कता के साथ जायजा लेते रहे।

जिलाधिकारी के निर्देश पर सभी मतदान केन्द्रों पर कोविड-19 की गाइडलाइन का पूर्णतया पालन करते हुये मतदान सकुशल सम्पन्न कराया गया। सभी केन्द्रों पर मास्क, सेनेटाइजर, सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुये कोविड हेल्प डेस्क पर थर्मल स्कैनर से तापमान मापने के उपरान्त मतदान कराया गया।

जिलाधिकारी ने स्नातक एवं शिक्षक निर्वाचन को शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न कराने के लिये निर्वाचन कार्य में लगे सभी अधिकारियों-कर्मचारियों, पुलिस आदि का आभार भी जताया।

ऐसे चुने जाते हैं विधान परिषद के सदस्य
विधान परिषद के सदस्य का कार्यकाल छह साल का होता है। इस चुनाव में प्रत्याशी की निर्धारित उम्र 30 साल होनी चाहिए। इसमें एक तिहाई सदस्यों को विधायक चुनते हैं। इसके अलावा एक तिहाई सदस्यों को नगर निगम, नगरपालिका, जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायत के सदस्य चुने जाते हैं।

वहीं, 1ः12 सदस्यों को शिक्षक और 1ः12 सदस्यों को रजिस्टर्ड ग्रैजुएट चुनते हैं। उत्तर प्रदेश में विधान परिषद के 100 में से 38 सदस्यों को विधायकों द्वारा चुना जाता हैं। जबकि 36 सदस्यों को स्थानीय निकाय निर्वाचन क्षेत्र के तहत जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य और नगर निगम या नगरपालिका के निर्वाचित प्रतिनिधि चुनते हैं।

इसमें 10 मनोनीत सदस्यों का चयन राज्यपाल नामित करते हैं। इसके अतिरिक्त 8-8 सीटें शिक्षक निर्वाचन एवं स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के तहत होती है।


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