हैरान करने वाला सच:गोरखपुर में 2715 मुर्दे अपनी सुरक्षा में लिए है शस्त्र लाइसेंस

टीम भारत दीप |

प्रशासन चुनाव को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से कराने के लिए अपराधियों की युद्ध स्तर पर धर पकड़ कर रही है।
प्रशासन चुनाव को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से कराने के लिए अपराधियों की युद्ध स्तर पर धर पकड़ कर रही है।

यहां पुलिस ने लोगों से लाइसेंसी हथियार जाम करा रही है। ऐसे में यह हकीकत सामने आई है कि गोरखपुर में 2715 मुर्दा अपनी सुरक्षा में हथियार रखे हुए है। हकीकत में यह लोग मर चुके है, लेकिन सरकारी रिकॉर्ड यह सभी लोग अभी जिंदा है और बकायदा अपनी सुरक्षा के लिए हथियार लेकर चलते है।

गोरखपुर। उत्तर प्रदेश में इस समय पंचायत चुनाव की तैयारी चल रही है। प्रदेश चुनाव आयोग ने मतदान से लेकर मतगणना के दिन घोषित कर दिए है। अब मतदान शांतिपूर्ण कराने के लिए ​जिला प्रशासन के साथ ही पुलिस प्रशासन भी दिन रात पसीना बहा रहा है। इस बीच गोरखपुर से हैरान करने वाली खबर सामने आई है। 

यहां पुलिस ने लोगों से लाइसेंसी हथियार जाम करा रही है। ऐसे में यह हकीकत सामने आई है कि गोरखपुर में 2715 मुर्दा अपनी सुरक्षा में हथियार रखे हुए है। हकीकत में यह लोग मर चुके है, लेकिन सरकारी रिकॉर्ड यह सभी लोग अभी जिंदा है और बकायदा अपनी सुरक्षा के लिए हथियार लेकर चलते है।  

दरअसल इन लोगों ने अपने जीवित रहते हुए अपनी तथा अपने परिवार की सुरक्षा के लिए सरकार से शस्त्र लाइसेंस ले रखा था, लेकिन इन लोगों ने मरने से पहले अपने हथियारों के लाइसेंस अपनों के नाम ट्रांसफर नहीं किए, इस वजह से अभी 2715 लोगों के नाम शस्त्र लाइसेंस शो कर रा है।  

जिला प्रशासन चुनाव को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से कराने के लिए अपराधियों की युद्ध स्तर पर धर पकड़ कर रही है। बदमाशों के खिलाफ गैंगस्टर और गुंडा एक्ट की कार्रवाई की जा रही है।

दबंगों पर 107, 16 में पाबंद किया जा रहा है। हिस्ट्रीशीटर पर नजर रखी जा रही है पुलिस कर्मियों द्वारा अराजक तत्वों को शांतिभंग की आशंका के तहत गिरफ्तार भी किया जा रहा है पुलिस द्वारा लाइसेंसी सत्र भी जमा कराए जा रहे हैं। 

पुलिस कर्मी घर-घर दे रहे दस्तक

लाइसेंसी शस्त्रों को जमा कराने से संबंधित थानों में तैनात पुलिसकर्मी घर-घर जा रहे हैं। पुलिस कर्मियों के इसी अभियान के दौरान एक सच्चाई भी सामने आई है कि गोरखपुर जोन में 80435 लाइसेंसी शस्त्र धारकों में से 2715 की कई साल पहले मौत हो चुकी है।

उनके परिवारीजन गन लाइसेंस नहीं बनवा पा रहे हैं। उनके पिता और दादा की निशानी शस्त्रों की दुकानों या फिर थानों के माल खानों में धूल फांक रही है।यह जानकारी आने के बाद भी पुलिस वाले हैरान आखिर इतने दिनों तक परिजनों क्यों नहीं शस्त्रों को अपने नाम ट्रांसफर कराए ऐसे में अगर इन ​हथियारों से कोई वारादता हो जाए तो कौन जिम्मेदार होगा।


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