राजस्थान में सियासी संकट: सीएम की 'हैट्रिक', राज्यपाल के जवाब का इंतज़ार

टीम भारत दीप |

राज्यपाल 31 जुलाई या किसी और तारीख से सत्र बुलाने की मंजूरी दे सकते हैं।
राज्यपाल 31 जुलाई या किसी और तारीख से सत्र बुलाने की मंजूरी दे सकते हैं।

दूसरी तरफ बसपा ने अपने 6 विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने के खिलाफ हाईकोर्ट में पिटीशन फाइल कर दी है। पार्टी के महासचिव सतीश मिश्रा की ओर कोर्ट में अर्जी लगाई गई।

जयपुर। राजस्थान में सियासी संकट अभी भी बरकरार है। राजनीतिक घमासान के बीच विधानसभा का सत्र बुलाने को लेकर सरकार और राज्यपाल के बीच खींचतान जारी है। पहले दो प्रस्ताव खारिज होने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को तीसरी अर्जी राजभवन भेजी। अब राज्यपाल के जवाब का इंतजार है। दूसरी तरफ बसपा ने अपने 6 विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने के खिलाफ हाईकोर्ट में पिटीशन फाइल कर दी है। पार्टी के महासचिव सतीश मिश्रा की ओर कोर्ट में अर्जी लगाई गई।

अब जो तस्वीर सामने आ रही है। उसासे लग रहा है कि राजभवन से तीसरी बार फाइल लौटाने की संभावना कम है। राज्यपाल पिछले 6 दिन से चल रहे टकराव को खत्म करने के मूड में हैं। ऐसे में 31 जुलाई या किसी और तारीख से सत्र बुलाने की मंजूरी दे सकते हैं।

गहलोत के कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का कहना है कि राज्यपाल संविधान के खिलाफ जाकर सत्र बुलाने की फाइल लौटा देते हैं तो सरकार फिर से इसे कैबिनेट में ले जाएगी। फिर मुख्यमंत्री जो फैसला लेंगे वो फाइनल होगा।

अदालत में कांग्रेस के खिलाफ भाजपा और बसपा के दांवपेंच चल रहे हैं। यह मामला 9 महीने पहले बसपा के सभी 6 विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने से जुड़ा है। भाजपा विधायक मदन दिलावर ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी है।

सोमवार को दिलावर की पिटीशन खारिज हो गई थी, लेकिन मंगलवार को उन्होंने नए सिरे से 2 अर्जी लगा दीं। एक अर्जी बसपा विधायकों के कांग्रेस में जाने के खिलाफ है। दूसरी दलबदल के खिलाफ स्पीकर से शिकायत करने के बावजूद कार्यवाही नहीं होने और बिना वजह बताए शिकायत खारिज करने को लेकर है। दोनों पर आज सुनवाई की उम्मीद है।

दूसरी तरफ बसपा खुद भी हाईकोर्ट पहुंची है। पार्टी प्रमुख मायावती ने मंगलवार को कहा था कि हमने राजस्थान में कांग्रेस को बिना शर्त समर्थन दिया, लेकिन अशोक गहलोत ने बसपा को नुकसान पहुंचाने के लिए हमारे विधायकों को असंवैधानिक तरीके से कांग्रेस में शामिल करवा दिया। अब उन्हें सबक सिखाने का वक्त आ गया है।

बसपा के ये 6 विधायक कांग्रेस में शामिल हुए थे
लखन सिंह (करौली), राजेन्द्र सिंह गुढ़ा (उदयपुरवाटी), दीपचंद खेड़िया (किशनगढ़ बास), जोगेन्दर सिंह अवाना (नदबई), संदीप कुमार (तिजारा) और वाजिब अली (नगर भरतपुर)।


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