जल प्रलयः अब तक 32 शव बरामद, 206 लोग अभी लापता, तलाशने में जुटे जवान

टीम भारत दीप |

टनल के अंदर के हालात ऐसे हैं कि फंसे लोगों तक पहुंचना चुनौती बना हुआ है।
टनल के अंदर के हालात ऐसे हैं कि फंसे लोगों तक पहुंचना चुनौती बना हुआ है।

देवभूमि में रविवार को ग्लेशियर टूटने से हुई तबाही के बाद से लगातार मलबे में खो गई मानव जिंदगियों को लगतार बचाने का प्रयत्न किया जा रहा है। अब तक सुरक्षा बलों ने 32 शव मलबे से निकाले है। वहीं कई लोगों को जिंदा भी बचाया गया है। अब तपोवन त्रासदी में बिजली परियोजना की टनल में तीन दिन से फंसे लोगों को रेस्क्यू करना मुश्किल होता जा रहा है।

उत्तराखंड। देवभूमि में रविवार को ग्लेशियर टूटने से हुई तबाही के बाद से लगातार मलबे में खो गई मानव जिंदगियों को लगतार बचाने का प्रयत्न किया जा रहा है।

अब तक सुरक्षा बलों ने 32 शव मलबे से निकाले है। वहीं कई लोगों को जिंदा भी बचाया गया है। अब तपोवन त्रासदी में बिजली परियोजना की टनल में तीन दिन से फंसे लोगों को रेस्क्यू करना मुश्किल होता जा रहा है।

टनल के अंदर मौजूद टनों मलबा बचाव कार्य में बाधा बन रहा है। सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ मौके पर राहत और बचाव कार्य में जुटी है। लेकिन टनल के अंदर के हालात ऐसे हैं कि फंसे लोगों तक पहुंचना चुनौती बना हुआ है। 

तपोवन परियोजना में दो सुरंग हैं। दो किमी लंबी मुख्य टनल पूरी तरह बंद है। इसका मुहाना भी पूरी तरह मलबे में दबा है। मुख्य टनल से 180 मीटर लंबी दूसरी टनल जुड़ती है। इसी टनल से रास्ता खोलने का प्रयास चल रहा है।

इस दूसरी टनल के साथ एक 450 मीटर लंबी सहायक टनल भी है, जहां करीब 30 मजदूरों के फंसे होने की सम्भावना है। जबकि पांच मजदूर दो किमी लम्बी मुख्य टनल में फंसे हुए है। लेकिन मंगलवार शाम तक भी 150 मीटर तक ही बचाव दल के सदस्य जा पा रहे हैं, जिसमें जेसीबी 120 मीटर तक ही पहुंच पाई है। 

अब मुश्किल हो रही सफाई

बचाव कार्य  कर रहे एसडीआरएफ कमाडेंट नवनीत भुल्लर के मुताबिक जितनी सफाई हो रही है उतनी ही तेजी से मलबा पीछे से आ रहा है। यही कारण है कि घटना के पहले ही दिन टनल 70 मीटर तक खोल दी गई थी, जबकि इसके शेष दो दिन में कुल और 80 मीटर ही सफाई हो पाई है। जवान लकड़ी के फट्टे बिछाकर रास्ता बना रहे हैं।

206 लोगों है अभी भी लापता

इस हादसे में अब भी 206 लोग लापता है इनमें से बिजली परियोजना की सुरंग में फंसे हुए करीब 25-35 मजदूरों को निकालने की कवायद जारी है। मंगलवार को रैणी गांव स्थित ऋषिगंगा परियोजना की साइट से चार और शव मिले। इस तरह कुल मृतकों की संख्या 32 तक पहुंच गई है

तीन मीटर चौड़ी टनल में फंसे मजदूर

सुरंग निर्माण में लगी हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर नीरज कांत सहाय के मुताबिक जिस टनल में मजदूर फंसे हैं। उसकी चौड़ाई महज तीन मीटर ही हैं। ऐसे में ऑपरेशन में देरी से यहां हालात बिगड़ सकते हैं।


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