44 लेयर में भरी जाएगी प्रभु श्रीराम मंदिर की 15 मीटर गहरी नींव

टीम भारत दीप |

नींव में  प्रयोग होने वाले मैटीरियल की टेस्टिंग का काम देश के नामचीन विशेषज्ञों की देखरेख में हुआ है।
नींव में प्रयोग होने वाले मैटीरियल की टेस्टिंग का काम देश के नामचीन विशेषज्ञों की देखरेख में हुआ है।

नींव भराई के लिए इंजीनियर्ड फिल्ड मैटीरियल का प्रयोग होगा। इसे पत्थर के साथ ही सीमेंट, मौरंग व माइक्रो सिलिका सहित अन्य पदार्थ से तैयार किया जाएगा। एक-एक लेयर भर कर इसे जमीन की सतह तक लाया जाएगा। इसके बाद ऊपरी हिस्से का कार्य शुरू हो जाएगा।

अयोध्या। अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर निर्माण के लिए नींव की खोदाई का दो तिहाई काम इस समय पूरा हो गया है। जो जानकारी अभी सामने आई है उसके अनुसार नींव भराई की तैयारी भी शुरू हो गई है।

तकरीबन 15 मीटर गहरी नींव कुल 44 लेयर में भरी जाएगी। नींव भराई के लिए इंजीनियर्ड फिल्ड मैटीरियल का प्रयोग होगा। इसे पत्थर के साथ ही सीमेंट, मौरंग व माइक्रो सिलिका सहित अन्य पदार्थ से तैयार किया जाएगा।

एक-एक लेयर भर कर इसे जमीन की सतह तक लाया जाएगा। इसके बाद ऊपरी हिस्से का कार्य शुरू हो जाएगा। नींव की डिजाइन व इसकी भराई का ब्लूप्रिंट तैयार है। नींव का निर्माण पारंपरिक शैली में होगा। एक-एक स्तर बड़ी बारीकी से तैयार किया जाएगा।  

मैटीरियल टेस्टिंग का काम पूरा

नींव में प्रयुक्त होने वाले मैटीरियल की टेस्टिंग का काम देश के नामचीन विशेषज्ञों की देखरेख में हुआ है। यह मैटीरियल कई स्तर की टेस्टिंग के बाद तय किया गया। इस समय नींव की तैयार डिजाइन के अनुरूप ही खोदाई का कार्य हो रहा है। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने बताया कि अप्रैल में नींव की भराई का कार्य शुरू हो जाएगा।  

नींव खोदाई के बाद भी होगी मिट्टी के लोड की टेस्टिंग, नींव की खोदाई पूरी होते ही दोबारा मिट्टी के लोड की क्षमता आंकी जाएगी। खोदाई के पहले भी ऐसा हुआ था। इसी आधार पर नींव की गहराई तय हुई थी। खोदाई के बाद विशेषज्ञों की टीम एक बार फिर से परिसर में आएगी। पिलर्स के सहारे क्षैतिज व ऊध्र्वाधर लोड की क्षमता जांची जाएगी। यह कार्य नींव की निचली सतह पर ही होगा। 


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