भगवान श्रीराम के मंदिर निर्माण के लिए अब तक मिली पांच हजार करोड़ की समर्पण निधि, बापू सबसे बड़े दानवीर

टीम भारत दीप |

नींव के दूसरे फेज के तहत हो रही राफ्ट की ढलाई 90 फीसद पूरी हो चुकी है।
नींव के दूसरे फेज के तहत हो रही राफ्ट की ढलाई 90 फीसद पूरी हो चुकी है।

अब तक पांच हजार करोड़ से अधिक की समर्पण निधि मिल चुकी है। प्रभु के चरणों में अब तक प्रख्यात कथावाचक मोरारी बापू ने सर्वाधिक 11 करोड़ रुपये अर्पित किए है।वहीं महावीर ट्रस्ट पटना की तरफ से दस करोड़ दान देने की बात कही गई है अब तक चार करोड़ खाते में पहुंच चुका है। हर साल करोड़ रुपये ट्रस्ट जमा कराएगा।

अयोध्या। भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में प्रभु के भव्य मंदिर निर्माण के लिए भक्तों से दान मिलने का सिलसिला लगातार जारी है। मंदिर निर्माण के लिए नींव के दूसरे फेज के तहत हो रही राफ्ट की ढलाई 90 फीसद पूरी हो चुकी है।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का खाता खुलने के बाद से मंदिर निर्माण के लिए भक्तों ने समर्पण निधि देनी शुरू की थी, जो अब तक लगातार जारी है। अब तक पांच हजार करोड़ से अधिक की समर्पण निधि मिल चुकी है।

प्रभु के चरणों में अब तक प्रख्यात कथावाचक मोरारी बापू ने सर्वाधिक 11 करोड़ रुपये अर्पित किए है।वहीं महावीर ट्रस्ट पटना की तरफ से दस करोड़ दान देने की बात कही गई है अब तक चार करोड़ खाते में पहुंच चुका है। हर साल करोड़ रुपये ट्रस्ट जमा कराएगा। 

ट्रस्ट से मिली जानकारी के अनुसार मार्च में हुए ऑडिट की रिपोर्ट में 3500 करोड़ के दान की बात सामने आई थी, लेकिन ट्रस्ट सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राममंदिर के लिए अब तक पांच हजार करोड़ से अधिक का दान मिल चुका है।

आपकों बता दें कि 2020 के अप्रैल व मई में 4.60 करोड़ का दान ट्रस्ट को मिला था। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट कार्यालय के प्रभारी प्रकाश गुप्ता बताते हैं कि निर्माण के लिए दान का सिलसिला जारी है। कार्यालय में प्रतिदिन हजारों की नकदी सहित चेक भी आ रहे हैं।

उद्धव ठाकरे ने जमा कराया एक करोड़

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की ओर से एक करोड़, संघ कार्यकर्ता सियाराम की ओर से एक करोड़, चैतन्य सेवा ट्रस्ट मुंबई की ओर से एक करोड़ का दान किया जा चुका है। इससे पहले ट्रस्ट का खाता खुलने के बाद केंद्र सरकार ने एक रुपया व सीएम योगी ने भी 11 लाख का दान दिया था।

इसलिए नहीं मिल रहा विदेशी दान 

आपकों बता दें कि देश के बड़े उद्योगपतियों से ट्रस्ट ने अभी तक दान नहीं लिया है न ही विदेशी भक्तों द्वारा राममंदिर निर्माण के लिए दान दिया जा सका है। विदेशी दान के लिए ट्रस्ट के पास एफसीआरए की वैधता होनी चाहिए, जो अभी नहीं है।

ट्रस्ट ने बड़े-बड़े उद्योगपतियों से भी अब तक राममंदिर के लिए दान देने की अपील नहीं की है, ट्रस्ट का कहना है कि अभी इसकी जरूरत नहीं। दूसरी तरफ विदेशी दान के लिए एफसीआरए चाहिए जिसके लिए तीन साल की ऑडिट रिपोर्ट अनिवार्य है। ट्रस्ट अभी तक तीन साल का नहीं हुआ है, इसलिए विदेशी दान प्राप्त करने में कुछ समय लगेगा।

15 हजार लोगों ने दिया ऑनलाइन दान 

ऑनलाइन माध्यम से बड़ी संख्या में लोग ट्रस्ट को दान भेज रहे हैं। अप्रैल में ट्रस्ट का खाता खुलने के बाद से अब तक करीब 15 हजार लोगों ने ऑनलाइन दान दिया है। रामभक्त नेटबैकिंग व आरटीजीएस टूल का भी प्रयोग कर रहे हैं।

ट्रस्ट ने स्टेट बैंक, बीओबी व पंजाब नेशनल बैंक में खाता खोल रखा है। ट्रस्ट कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने बताया कि प्रतिदिन ऑनलाइन माध्यम से लाखों का दान आ रहा है।वहीं आपकों बता दें कि ​मंदिर निर्माण का काम जबसे शुरू हुआ तब से प्रभु के चरणों में चढ़ावा लगातार बढ़ता जा रहा है। 

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