प्रयागराजः रेप के आरोपियों पर बरती नरमी तो कोर्ट हुआ सख्त, विवेचकों के बाद दो सीओ सस्पेंड

टीम भारत दीप |
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इस मामले में दो विवेचकों ने जांच की थी।
इस मामले में दो विवेचकों ने जांच की थी।

कोर्ट में पीड़िता के वकील ने तर्क दिया कि जब पीड़िता ने 164 के बयान में चारों आरोपियों के नाम लिए तो सिर्फ एक के खिलाफ क्यों कार्रवाई हुई।

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एक युवती के अपहरण और दुराचार के मामले में पुलिस ने जांच में लापरवाही की साथ ही आरोपियों में सिर्फ एक को गिरफ्तार किया। 

इस मामले में पीड़िता के परिवारीजन हाईकोर्ट चले गए तो कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए दो सीओ को निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया। वहीं इस मामले में दो सब इंस्पेक्टर पहले ही निलंबित किए जा चुके हैं। 

मेजा के एक इलाके की युवती इसी वर्ष में अपने मामा के घर गई थी। आरोप है कि वहां से उसका अपहरण कर लिया गया था। घरवालों ने पवन सिंह, अरुण सिंह, आशीष सिंह, सनी सिंह उर्फ अभिषेक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बाद में जब पीड़िता बरामद की गई तो उसने भी चारों आरोपियों के खिलाफ बयान दर्ज कराया। 

इसके बावजूद पुलिस ने सिर्फ एक आरोपी अभिषेक सिंह उर्फ सनी को ही गिरफ्तार किया। बाकी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की थी। इस बात से नाराज पीड़िता के परिजनों ने हाईकोर्ट का रूख किया। कोर्ट में पीड़िता के वकील ने तर्क दिया कि जब पीड़िता ने 164 के बयान में चारों आरोपियों के नाम लिए तो सिर्फ एक के खिलाफ क्यों कार्रवाई हुई। 

बता दें कि इस मामले में दो विवेचकों ने जांच की थी। तत्कालीन सीओ नवीन नायक और वर्तमान सीओ मेजा सच्चिदानंद ने भी जांच की थी। हाईकोर्ट ने विवेचकों और सीओ के खिलाफ तीखी टिप्पणी करते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई का आदेश जारी कर दिया। 

वहीं इस मामले में रविवार को ही दो विवेचकों मुन्ना लाल और मो. अजहर को सस्पेंड कर दिया गया था। वहीं एडीजी प्रेम प्रकाश ने दोनों क्षेत्राधिकारियों नवीन नायक और सच्चिदानंद को सस्पेंड करने की संस्तुति शासन से की थी। सोमवार रात तक दोनों अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया।


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