बलिया: बीजेपी विधायक का पलटवार, नेता प्रतिपक्ष भूल गए उनके नेता तो टोटी भी निकाल ले गए थे

टीम भारत दीप |

विधायक सुरेंद्र सिंह अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं।
विधायक सुरेंद्र सिंह अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं।

आपकों बता दें कि बलिया के बांसडीह तहसील में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने 15 जुलाई को प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान सदन के एक वाकये का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने यूपी के मुख्यमंत्री से कहा था कि जो आवास और शौचालय बनाया गया है, उसमें एक बार जाएं, उनका दम न फूल जाय और शौचालय उन गिर न जाय तो मैं मान जाऊंगा की शौचालय उन्होंने बनाया है।

बलिया। अपने बेबाक बयानों के लिए पहचाने जाने वाले बीजेपी विधायक ने एक बार फिर बेबाक बयान देकर सोशल मीडिया पर छा गए है। इस बार उन्होंने नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी के मुख्यमंत्री योगी के शौचालय निर्माण पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने पर पलटवार किया है।

बलिया के बौरिया विधानसभा सीट से विधायक सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष भूल गए हैं कि उनके नेता अखिलेश यादव मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद अपने आवास का संगमरमर और टोटी भी लेकर चले गए थे।

आपकों बता दें कि बलिया के बांसडीह तहसील में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने 15 जुलाई को प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान सदन के एक वाकये का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने यूपी के मुख्यमंत्री से कहा था कि जो आवास और शौचालय बनाया गया है, उसमें एक बार जाएं, उनका दम न फूल जाय और शौचालय उन गिर न जाय तो मैं मान जाऊंगा की शौचालय उन्होंने बनाया है।

नेता प्रतिपक्ष के इस सार्वजनिक बयान पर बीजेपी विधायक सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि योगी और मोदी पर भष्टाचार संबंधी टिप्पणी करना उनकी बुद्धि की विकलांगता है। वो भूल गए कि जब अखिलेश यादव मुख्यमंत्री पद से हटे तो अपने आवास का संगमरमर और टोटी भी लेकर चले जाने वाला व्यक्ति जिसका नेता हो वो क्या टिप्पणी करेगा।

बीजेपी विधायक ने कहा कि गरीबों को भी अच्छा जीवन जीने का अधिकार है। ये मोदी और योगी ने सोचा। जिसमे पात्र को 12 हजार रुपये दिए गए और उसे अपना शौचालय बनाने की स्वतंत्रा भी।

आपकों बता दें कि विधायक सुरेंद्र सिंह अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं। एक बार जब जब जयप्रभा सेतु का एप्रोच मार्ग बारिश के कारण दो जगह धंस गया था। विधायक ने मौके पर पहुंचकर बल्कि कई अधिकारियों को भी वहां बुलाया।  

जलजमाव व पुनर्निर्माण कार्य में देरी से नाराज विधायक ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के परियोजना प्रबंधक व ठेकेदार को अपने साथ कीचड़ और पानी भरे गड्ढों में पैदल चलवाया था। विधायक की सक्रियता के बाद  जयप्रभा सेतु पर 50 घंटे बाद आवागमन बहाल हुआ। 

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