पूर्व सीएम से मिले भाजपा सांसद जोशी के बेटे, राजनीतिक ​गलियारे में उठी बगावत की खबर

टीम भारत दीप |

सरोजनीनगर से सपा प्रत्याशी व पूर्व मंत्री प्रो. अभिषेक मिश्र से भी मिले।
सरोजनीनगर से सपा प्रत्याशी व पूर्व मंत्री प्रो. अभिषेक मिश्र से भी मिले।

2017 में लखनऊ कैंट सीट से विधायक चुनकर प्रदेश सरकार में मंत्री बनाई गईं रीता चाहती थीं कि इस बार कैंट से उनके बेटे मयंक जोशी को टिकट मिले। मामला सिर्फ दावेदारी तक नहीं था, बल्कि टिकट को अपने बेटे का अधिकार बताते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र भी लिखा था।

लखनऊ । यूपी विधानसभा चुनाव में मतदान के शुरूआती दिनों से पाला बदलने का जो सिलसिला शुरू हुआ है वह अभी जारी है। इस बीच भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी प्रयागराज में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ पार्टी प्रत्याशियों के लिए प्रचार कर रही थीं और इधर, लखनऊ में उनके बेटे मयंक जोशी बगावत की राह पर निकल पड़े।

चौथे चरण के मतदान से कुछ घंटे पहले मंगलवार देर शाम वह सपा मुखिया अखिलेश यादव से मिलने पहुंच गए। 'शिष्टाचार भेंट' बताते हुए जैसे ही अखिलेश ने मयंक के साथ की फोटो ट्वीट की, वैसे ही पुराने घटनाक्रम ने तस्वीर साफ कर दी। माना जा रहा है कि लखनऊ कैंट सीट से टिकट न मिलने से नाराज मयंक ने भाजपा को वोट की चोट पहुंचाने के इरादे से ऐन वक्त पर यह कदम उठाया है।

प्रयागराज से सांसद है जोशी

मालूम हो कि डॉ. रीता बहुगुणा जोशी प्रयागराज सीट से भाजपा की सांसद हैं। 2017 में लखनऊ कैंट सीट से विधायक चुनकर प्रदेश सरकार में मंत्री बनाई गईं रीता चाहती थीं कि इस बार कैंट से उनके बेटे मयंक जोशी को टिकट मिले। मामला सिर्फ दावेदारी तक नहीं था, बल्कि टिकट को अपने बेटे का अधिकार बताते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र भी लिखा था।

पत्र लिखने के बाद 18 जनवरी को उन्होंने पत्रकारों के पूछने पर स्पष्ट कहा था कि मयंक 2009 से इस सीट पर काम कर रहे हैं, इसलिए उन्हें टिकट मिलना चाहिए। चूंकि पार्टी ने नीति बनाई है कि परिवार में एक ही सदस्य को टिकट दिया जाएगा,

इसलिए इस नीति का समर्थन करते हुए राष्ट्रीय नेतृत्व से कह दिया कि यदि पार्टी उनके बेटे को विधानसभा का टिकट देती है तो वह सांसद के पद से तुरंत त्याग-पत्र देने के लिए तैयार हैं। हालांकि, इस सबके बावजूद रीता जोशी ने कहा था कि वह भाजपा से नाराज नहीं हैं। बेटे को टिकट मिले या नहीं, पार्टी नहीं छोड़ेंगी। इसके बाद उन अटकलों को भी लगभग विराम लग गया था कि मयंक सपा में शामिल हो सकते हैं।

अखिलेश ने ट्वीट करके दी जानकारी

मंगलवार शाम को मयंक जोशी सपा मुखिया अखिलेश यादव से मुलाकात करने के लिए उनके आवास पहुंच गए। अखिलेश ने खुद फोटो ट्वीट किया। उस पर लिखा तो सिर्फ 'शिष्टाचार भेंट', लेकिन राजनीतिक गलियारे में इसके स्पष्ट मायने निकाले जा रहे हैं।

माना जा रहा है कि बेशक, मयंक ने भाजपा से अब तक नाराजगी खुलकर जाहिर नहीं की, लेकिन मतदान के ऐन पहले वह भाजपा से नाराजगी का संदेश अपने समर्थकों तक पहुंचाकर वोटों को प्रभावित करना चाहते हैं। चूंकि, सांसद पुत्र के अभी अधिकृत रूप से सपा में शामिल होने की घोषणा नहीं की गई है, इसलिए खुलकर भाजपा इस घटनाक्रम पर कुछ नहीं कहना चाहती।

पिछले दिनों टिकट बंटवारे के वक्त से अटकलें लग रही थी कि यदि मयंक जोशी को बीजेपी ने टिकट नहीं दिया तो वह सपा से टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया। अब यूपी चुनाव में तीन चरणों का मतदान भी हो चुका है। भाजपा सांसद प्रो. रीता बहुगुणा जोशी के पुत्र मयंक जोशी मंगलवार को सरोजनीनगर से सपा प्रत्याशी व पूर्व मंत्री प्रो. अभिषेक मिश्र से भी मिले। इस मुलाकात के बाद अभिषेक ने मयंक जोशी के साथ मुलाकात की फोटो ट्वीट कर दी।

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