दमघोंटू हवा से छुटकारा दिलाने को बना केन्द्रीय आयोग महज पांच माह में ही हो गया बंद

टीम भारत दीप |

अध्यादेश कानून नहीं बन पाया।
अध्यादेश कानून नहीं बन पाया।

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु गुणवत्ता का प्रबंधन करने के लिए केंद्र की सरकार द्वारा गठित आयोग अपनी स्थापना के पांच महीने बाद ही बंद हो गया। बताया गया कि इस आयोग का गठन केंद्र सरकार ने एक अध्यादेश के तहत पिछले साल अक्टूबर में किया था। बताया गया कि अध्यादेश की अवधि समाप्त होने के साथ ही यह बंद हो गया है।

नयी दिल्ली। दिल्ली में दम घोंटू हवा ने लोगों को जीना मुहाल कर रखा है। वहीं केन्द्र सरकार द्वारा वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए बना आयोग महज पांच माह में ही बंद हो गया है। कहा जा रहा है कि केन्द्र सरकार ने इसको लेकर अध्यादेश तो जारी कर दिया। लेकिन वह संसद में इस पर कानून बनाने में असफल रह गई।

जिस कारण अध्यादेश की अवधि समाप्त होने के साथ ही यह आयोग स्वत: भंग हो गया। दरअसल राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु गुणवत्ता का प्रबंधन करने के लिए केंद्र की सरकार द्वारा गठित आयोग अपनी स्थापना के पांच महीने बाद ही बंद हो गया।

बताया गया कि इस आयोग का गठन केंद्र सरकार ने एक अध्यादेश के तहत पिछले साल अक्टूबर में किया था। बताया गया कि अध्यादेश की अवधि समाप्त होने के साथ ही यह बंद हो गया है।

केंद्रीय पर्यावरण सचिव आरपी गुप्ता के मुताबिक अध्यादेश को कानून का रूप देने के लिए इसे संसद का सत्र शुरू होने के छह हफ्ते के भीतर सदन में पेश नहीं किया जा सका और इस वजह से इसकी वैधता समाप्त हो गई और आयोग स्वत: भंग हो गया। उनके मुताबिक अध्यादेश कानून नहीं बन पाया।

बताया गया कि किसी भी अध्यादेश को संसद का सत्र शुरू होने के छह हफ्ते के भीतर वहां पेश करना होता है। यह नहीं हुआ इसलिए अध्यादेश की वैधता समाप्त हो गई और आयोग भंग हो गया। बताया गया कि पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के पूर्व सचिव एमएम कुट्टी को इस आयोग का अध्यक्ष बनाया गया था।


संबंधित खबरें