जिपं अध्यक्ष का चुनाव: शाहजहांपुर और पीलीभीत सपा के प्रत्याशियों ने मैदान छोड़ा

टीम भारत दीप |

बीजेपी प्रत्याशी ममता यादव निर्विरोध अध्यक्ष बनना तय हो गया है।
बीजेपी प्रत्याशी ममता यादव निर्विरोध अध्यक्ष बनना तय हो गया है।

कई जिलों में सपा अपने प्रत्याशी नहीं मैदान में उतार पाई तो कई आने के बाद नामांकन नहीं कर पाए। अब शाहजहांपुर और पीलीभीत में दो प्रत्याशी मैदान छोड़कर भाग खड़े हुए। इस तरह मैदान छोड़ने से जनता के बीच में सपा नेतृत्व को लेकर गहरा आक्रोश है। मालूम हो ​कि 3 जुलाई को जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होने है।

उत्तर प्रदेश। मिशन 2022 को लेकर काफी कुछ साफ होता जा रहा है। जहां सपा ने जिला पंचायत चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करके बीजेपी को मात दी थी, वही अब जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में सपा की कमजोर रणनीति से बीजेपी को मानसिक रूप से बढ़त हासिल हो रही है।

इसी का नतीजा है कि यूपी में जिला पंचायत के 21 अध्यक्ष अब तक भाजपा के निर्विरोध चुन लिए गए है। ताजा घटनाक्रम के तहत कई जिलों में सपा अपने प्रत्याशी नहीं मैदान में उतार पाई तो कई आने के बाद नामांकन नहीं कर पाए।

अब शाहजहांपुर और पीलीभीत में दो प्रत्याशी मैदान छोड़कर भाग खड़े हुए। इस तरह मैदान छोड़ने से जनता के बीच में सपा नेतृत्व को लेकर गहरा आक्रोश है।  मालूम हो ​कि 3 जुलाई को जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होने है। 

पीलीभीत से खबर आ रही है कि जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में सपा प्रत्याशी स्वामी प्रवक्ता नंद ने पर्चा वापस ले लिया है, सपा प्रत्याशी के नाम वापस लेने से चुनाव निर्विरोध हो गया है और बीजेपी प्रत्याशी डॉ दलजीत कौर का निर्विरोध अध्यक्ष चुना जाना तय हो गया है।

बता दें कि स्वामी प्रवक्ता नंद बीजेपी से ही सपा में आए थे और अब उन्होंने घर वापसी का एलान कर दिया है। वहीं शाहजहांपुर में जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में भी सपा को झटका लगा है, सपा प्रत्याशी वीनू सिंह बीजेपी में शामिल हो गईं हैं, जबकि बीजेपी प्रत्याशी ममता यादव निर्विरोध अध्यक्ष बनना तय हो गया है।

अच्छा प्रदर्शन के बाद भी सपा को मिल रही मात

बता दें कि पंचायत चुनाव में सपा ने भले ही बेहतरीन प्रदर्शन किया था लेकिन जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में उसे लगातार शिकस्त मिल रही है, इससे पहले कई जिलों में सपा जिला पंचायत अध्यक्ष पद का अपना कोई प्रत्याशी खड़ा तक नहीं सकी।

पार्टी के कार्यकर्ताओं ने इसकी शिकायत हाईकमान से की तो हाईकमान ने इस पर गंभीर रुख दिखाते हुए 11 जिलों के जिलाध्यक्षों को हटा दिया था। जिसमें गोरखपुर, मुरादाबाद, झांसी, आगरा, गौतमबुद्ध नगर, मऊ, बलरामपुर, श्रावस्ती, गोंडा, ललितपुर, श्रावस्ती, भदोही जिला शामिल था।

इसके बाद भी संगठन ने अपनी रणनीति में बदलाव नहीं किया जिसका नतीजा है कि 11 से 21 जिलों में बीजेपी को भाजपा हुआ और सपा को गहरा झटकर लगा है।

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