तेज हुआ किसानों का आंदोलन, हरियाणा के दो टोल प्लाजा को कराया मुफ्त

टीम भारत दीप |

किसानों के जाने के बाद टोल कंपनी ने वसूली शुरू कर दी। ऐसे में दोबारा से किसानों ने लौटकर बैरियर तोड़ दिया।
किसानों के जाने के बाद टोल कंपनी ने वसूली शुरू कर दी। ऐसे में दोबारा से किसानों ने लौटकर बैरियर तोड़ दिया।

शु्क्रवार देर रात को हरियाणा के करनाल और पानीपत में बसताड़ा टोल प्लाजा और पानीपत टोल प्लाजा पर कब्जा कर लिया एवं बैरियर तोड़ दिया। साथ ही वाहनों की आवाजाही फ्री कर दी। इस दौरान मौके से पुलिस-प्रशासन नदारद रहा। 

नईदिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा कृषि सुधारों को लेकर लाए गए तीन कानून को वापस लेने की मांग को लेकर किसान पिछले दो सप्ताह से आंदोलन कर रहे है।

कई दौर की वार्ता समाप्त हो जाने के बाद किसान अपना आंदोलन उग्र कर रहे है। किसानों ने एलान किया था वे सभी पहले टोल प्लाजा फ्री कर देंगे। इसी क्रम में शु्क्रवार देर रात को हरियाणा के करनाल और पानीपत में बसताड़ा टोल प्लाजा और पानीपत टोल प्लाजा पर कब्जा कर लिया एवं बैरियर तोड़ दिया। साथ ही वाहनों की आवाजाही फ्री कर दी।

इस दौरान मौके से पुलिस-प्रशासन नदारद रहा। जिले में नेशनल हाईवे-44 पर बसताड़ा और करनाल-जींद मार्ग पर प्योंत टोल प्लाजा को लेकर शुक्रवार की सुबह से ही किसान सक्रिय हो गये थे।

किसानों ने मौके पर पहुंचकर शनिवार को टोल बंद रखने की कंपनी अधिकारियों से अपील की थी। इस दौरान टोल प्रबंधन ने एनएचएआई (राष्ट्रीय राजमार्ग प्रधिकरण) के आदेश पर ही निर्णय लेने की बात कही थी। इसके बाद इसकी जानकारी एनएचएआई और स्थानीय प्रशासन को भी दी गयी थी। 

किसानों का रूख देते हुए डीसी निशांत कुमार यादव ने शनिवार की सुबह ही टोल पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात करने की बात कही थी, लेकिन इससे पहले ही शुक्रवार देर रात सैकड़ों की संख्या में पहुंचे किसानों ने  बसताड़ा टोल प्लाजा को फ्री कर दिया।

किसानों के जाने के बाद टोल कंपनी ने वसूली शुरू कर दी। ऐसे में दोबारा से किसानों ने लौटकर बैरियर तोड़ दिया। इसके बाद आगे जाकर आंदोलनकारी किसानों ने पानीपत टोल प्लाजा पर भी कब्जा कर उसे फ्री कर दिया। 

अन्नदाता भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरमुख सिंह ने कहा कि 13 दिसंबर को लोनी रोड बार्डर बंद करने का निर्णय भी लिया है। इसको लेकर हरियाणा व उत्तर प्रदेश के किसान संगठनों की बैठकों का दौर चल रहा है।

रणनीति के तहत लोनी बार्डर रोड की ओर कूच किया जाएगा और किसानों के जत्थे वहां पहुंचेंगे। उन्होंने बताया कि टोल पर होने वाले प्रदर्शन के दौरान किसान दो बड़े औद्योगिक घरानों के उत्पादों का बहिष्कार भी करेंगे। वहीं 14 दिसबर को जिला स्तर पर प्रदर्शन करने की भी किसानों द्वारा योजना बनाई जा रही है। 

जानकारी के अनुसार शनिवार को को गुलिया खाप तीसा की ओर से कुंडली-पलवल-मानेसर एक्सप्रेस हाइवे पर प्रदर्शन करने की योजना है। किया जाएगा। खाप नेताओं के अनुसार इस दौरान बादली में बनाए गए केएमपी टोल को बंद करवाया जाएगा। 

संगठनों की ओर से प्रस्तावित कंपनी के उत्पाद का बहिष्कार किया जाएगा।  किसानों का आंदोलन धीरे-धीरे कानून विरोधी से होकर सिस्ट विरोधी होता जा रहा है। किसानों को उम्मीद के अनुसार देशभर के किसानों से सहयोग नहीं मिल रहा है। 

इसलिए किसान अब सरकार को आर्थिक क्षति पहुंचाने की रणनीति के ​तहत प्रदर्शन कर रहे है। वहीं सरकार दावा कर रही है कि किसान उसके प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रहे है।इसके अलावा उनके आंदोलन में देश विरोधी तत्व शामिल हो रहे है। 


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