जांच में खुलासा: बिना पर्चा देखे प्राइवेट फार्मासिस्ट ने लगाया था एंटी रेबीज का इंजेक्शन

टीम भारत दीप |
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जब तीनों महिलाएं वैक्सीनेशन सेंटर की जगह एंटी रेबीज के इंजेक्शन वाले कक्ष में पहुंच गई ।
जब तीनों महिलाएं वैक्सीनेशन सेंटर की जगह एंटी रेबीज के इंजेक्शन वाले कक्ष में पहुंच गई ।

दरअसल जिस फार्मासिस्ट ड्यूटी एंटी रेबीज का इंजेक्शन लगाने की थाी वह उस सयम अपने कक्ष में नहीं था, वह अपनी जगह एक प्राइवेट फार्मासिस्ट को बैठाकर गया था, जब तीनों महिलाएं वैक्सीनेशन सेंटर की जगह एंटी रेबीज के इंजेक्शन वाले कक्ष में पहुंच गई तो उस प्राइवेट फार्मासिस्ट ने बिना पर्चा देखे तीन इंजेक्शन निकालकर लगा दिया।

शामली। उत्तर प्रदेश के शामली में कोविड-19 के वैक्सीनेशन के दौरान लापरवाही का मामला पिछले दिनों सामने आया था। यहां तीन महिलाओं को कोविड-19 की जगह  एंटी रेबीज इंजेक्शन लगा दिया गया था।

जब महिलाओं की बीमार हुई तो हंगामा बढने पर डीएम ने  इस मामले की विस्तार से जांच कराई जांच के बाद जो तथ्य सामने आया उसे सुनकर हर कोई हैरान है। इस कदर सरकारी संस्थानों में लापरवाही की जा रही है।इसका अंदाजा लगाया नहीं जा सकता है।

दरअसल जिस फार्मासिस्ट ड्यूटी एंटी रेबीज का इंजेक्शन लगाने की थाी वह उस सयम अपने कक्ष में नहीं था, वह अपनी जगह एक प्राइवेट फार्मासिस्ट को बैठाकर गया था, जब तीनों महिलाएं वैक्सीनेशन सेंटर की जगह एंटी रेबीज के इंजेक्शन वाले कक्ष में पहुंच गई।

उस प्राइवेट फार्मासिस्ट ने बिना पर्चा देखे तीन इंजेक्शन निकालकर लगा दिया। इस लापरवारही पर डीएम फार्मासिस्ट को निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही सीएचसी प्रभारी से 3 दिन के अंदर स्पष्टीकरण देने की बात कही है।

बता दें कि शामली के कांधला सीएचसी पर 3 महिलाओं को कोरोनावायरस की वैक्सीन की बजाय एंटी रेबीज इंजेक्शन लगाए जाने का मामला सामने आया था।

महिलाएं जब बीमार हुई तो शिकायत डीएम जसप्रीत कौर के पास पहुंची तो उन्होंने तुरंत संज्ञान लेते हुए एसडीएम कैराना और एसीएमओ शामली डॉक्टर अनिल कुमार को जांच सौंपीजब दोनों अधिकारियों ने जांच की तो घोर लापरवाही आ गई।

गलती से दूसरे कक्ष में गई थी महिलाएं

जांच में सामने आया कि तीनों महिलाएं गलती से वैक्सीन सेंटर की बजाए ओपीडी में चली गईं थीं। यहां पर तैनात फार्मासिस्ट कहीं बाहर गया हुआ था और उसने अपनी जगह एक प्राइवेट व्यक्ति जो जन औषधि केंद्र का फार्मासिस्ट है उसे बैठा दिया था।

उस फार्मासिस्ट ने बिना पर्चा देखे ही तीनों महिलाओं को एंटी रेबीज का इंजेक्शन लगा दिया, गलत इंजेक्शन से तीनों महिलाएं जब बीमार हुई तो प्रदेश भर में स्वास्थ्य सेवा की  किरकिरी हुई। 

वहीं एक अन्य मामले में कोरोना वायरस का टीका लगने के बाद रिटायर शिक्षक की तबीयत खराब हो गई। इसके बाद उन्हें सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उनकी हालत में सुधार हो गया। डॉक्टर ने बताया एक शिक्षक को वैक्सीन लगने के बाद चक्कर शिकायत आई थी, उनका इलाज किया गया है, अब वह बिल्कुल स्वस्थ हैं।


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