ओमिक्रॉन वैरिएंट ने पकड़ी रफ्तार, एक सप्ताह में संक्रमण दर 175 फीसदी हुई, जानिए ताजा स्थिति

टीम भारत दीप |

दूसरी लहर के दौरान एक सप्ताह में अधिकतम 75 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी।
दूसरी लहर के दौरान एक सप्ताह में अधिकतम 75 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी।

कोरोना संक्रमण की बात करें तो देश में रविवार को कोरोना के 33 हजार से ज्यादा मामले सामने आए। यह संख्या पिछले 107 दिनों या 17 सितंबर के बाद सबसे ​अधिक है। वहीं दो जनवरी को खत्म हुए सप्ताह में देश में प्रतिदिन औसतन 18,290 नए मरीज सामने आए, जो कि 12 अक्टूबर के बाद से उच्चतम सात दिवसीय औसत है। जबकि 25 दिसंबर को खत्म हुए सप्ताह में सात दिनों का औसत 6,641 था। 

नई दिल्ली।कोरोना वायरस के नया वैरिएंट ओमिक्रॉन देश में तेजी से फैल रहा हैं। स्वस्थ्य विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार इस बार दूसरी लहर से ज्यादा भयानक रूप में तीसरी लहर रफ्तार पकड़ रही है।

यह सभी को मालूम हो कि दूसरी लहर में कोरोना की वजह से कितनी ज्यादा त्रास्दी झेलनी पड़ी थी। हालांकि, जानकारों का कहना है कि ओमिक्रॉन से संक्रमित होने के बाद गंभीर रूप से बीमार होने की खबरें कम हैं, जिसके चलते अस्पताल में भर्ती होने की दर भी कम है। 

रविवार को 33 हजार मामले सामने आए

कोरोना संक्रमण की बात करें तो देश में रविवार को कोरोना के 33 हजार से ज्यादा मामले सामने आए। यह संख्या पिछले 107 दिनों या 17 सितंबर के बाद सबसे ​अधिक है। वहीं दो जनवरी को खत्म हुए सप्ताह में देश में प्रतिदिन औसतन 18,290 नए मरीज सामने आए, जो कि 12 अक्टूबर के बाद से उच्चतम सात दिवसीय औसत है। जबकि 25 दिसंबर को खत्म हुए सप्ताह में सात दिनों का औसत 6,641 था। 

स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार कोरोना की संक्रमण दर इतनी तेज है कि पिछले एक सप्ताह के अंदर ही इसमें 175 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। नौ अप्रैल 2020 के बाद यह सबसे ज्यादा साप्ताहिक वृद्धि है। जबकि, दूसरी लहर के दौरान एक सप्ताह में अधिकतम 75 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यही संक्रमण दर बनी रही तो आने वाले सप्ताह में प्रतिदिन मिलने वाले मामलों की संख्या बढ़कर 36 हजार तक पहुंच जाएगी। 

डब्ल्यूएचओ ने पहले ही किया था आगाह 

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस बात की पहले ही पुष्टि की थी कि मौजूदा ओमिक्रॉन संक्रमण डेल्टा से भी ज्यादा तेजी से फैलेगा। डब्ल्यूएचओ ने कहा था कि इस बात की संभावना ज्यादा है कि टीकाकरण करा चुके या कोरोना से संक्रमित हो चुके लोग भी दोबारा संक्रमित हो सकते हैं।

अभी तक ओमिक्रॉन के जो भी मामले सामने आए हैं, उनमें ज्यादातर में यह ही देखा गया है। वहीं देश में फैल रहे संक्रमण दर को देखते हुए पश्चिम बंगाल जहां पूर्ण लॉकडाउन की तरफ बढ़ रहा है दूसरी सरकारे भी सुरक्षा को लेकर सतर्क है।  

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