कन्नौज: पम्मी की फर्मों में 20 करोड़ की फर्जी बिलिंग और बोगस इंट्री मिली, आयकर विभाग की पड़ताल जारी

टीम भारत दीप |

कन्नौज और दिल्ली में मिले चार बैंक लॉकर सील कर दिए गए हैं।
कन्नौज और दिल्ली में मिले चार बैंक लॉकर सील कर दिए गए हैं।

आपकों बता दें कि मलिक परफ्यूमर्स के संचालक के कन्नौज स्थित आवास से 3.58 करोड़ कैश मिला है। इनके दिल्ली के घर से 10 करोड़ के कैश लेनदेन के प्रमाण मिले हैं। कन्नौज और दिल्ली में मिले चार बैंक लॉकर सील कर दिए गए हैं। बड़े पैमाने पर दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं।

कन्नौज। सपा मुखिया ​अखिलेश यादव के करीबी और एमएलसी पुष्पराज जैन उर्फ पम्पी के ठिकानों पर आयकर विभाग की जांच में कोलकाता की बोगस कंपनियों के जरिये 10 करोड़ रुपये की इंट्री और इतनी ही धनराशि की फर्जी खरीद की बिलिंग के प्रमाण मिले हैं।

फर्जी बिलिंग के प्रमाण मिलने के बाद विभाग ने जांच का दायरा बढ़ा दिया है। पम्पी के कन्नौज, दिल्ली व मुंबई स्थित करीब एक दर्जन ठिकानों और कन्नौज के मलिक परफ्यूमर्स के यहां रविवार को तीसरे दिन भी देररात तक जांच-पड़ताल चलती रही।

मालूम हो कि बता दें कि समाजवादी इत्र लांच कर चर्चा में आए सपा एमएलसी पम्पी जैन के कानपुर, कन्नौज, लखनऊ, दिल्ली और मुंबई स्थित निवास, कार्यालय और कारखानों समेत 35 ठिकानों पर आयकर विभाग ने शुक्रवार को एक साथ छापा मारा था।

विभागीय सूत्रों के अनुसार जांच अभी भी जारी है। पम्पी के मुंबई स्थित आवास से दो करोड़ की नकदी मिल चुकी है। इनकी कंपनी में मिडिल ईस्ट देशों से बड़े पैमाने पर पूंजी (कैपिटल) आने की भी बात सामने आई है। यह धन किस रूट से आया है, इसकी जांच-पड़ताल की जा रही है।

काले धन को किया सफेद

आयकर विभाग की जांच में सामने आया है कि काले धन को सफेद करने के लिए बोगस कंपनियों का सहारा लिया गया। कोलकाता में पंजीकृत बोगस कंपनियों के माध्यम से 10 करोड़ रुपये की इंट्री दिखाई गई है। इसके साथ ही 10 करोड़ रुपये की फर्जी बिलिंग के प्रमाण मिले हैं।

यह सभी खरीद से जुड़े बिल हैं। अब आयकर विभाग यह ब्योरा जुटा रहा है कि ये खेल कितने समय से चल रहा है। साथ ही बोगस कंपनियों का भी डाटा जुटाया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार पम्पी की फर्मों से की जा रही बिक्री पर 50 फीसदी तक प्रॉफिट लिया जा रहा है।

कार्रवाई में 3.58 करोड़ कैश मिला

आपकों बता दें कि मलिक परफ्यूमर्स के संचालक के कन्नौज स्थित आवास से 3.58 करोड़ कैश मिला है। इनके दिल्ली के घर से 10 करोड़ के कैश लेनदेन के प्रमाण मिले हैं। कन्नौज और दिल्ली में मिले चार बैंक लॉकर सील कर दिए गए हैं। बड़े पैमाने पर दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं।

बोगस कंपनियों से हुआ लेनदेन

आपकों बता दें कि बोगस कंपनियों का कोई अस्तित्व नहीं होता। बस ये कागजों पर पंजीकृत दिखाई जाती हैं। इनकी कंपनियों के जरिये पहले फर्म या कंपनी लोन आदि देना दिखाती है। इसके बाद इसकी अदायगी में रकम जमा की जाती है। इस प्रक्रिया में लेनदेन में काली कमाई को एक नंबर में बना लिया जाता है। यही धन किसी दूसरे को देकर फिर सरकारी चैनल से अपने खातों या कंपनी की बैलेंसशीट में इंट्री दिखाई जाती है।

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