इत्र कारोबारी के ठिकानों से मिली नोटों की गिनती 40 घंटे में हुई पूरी, बक्सों में भरकर बैंक भेजे

टीम भारत दीप |

दीवारों को तोड़ा गया तो अंदर से नोटों के बंडल गिरने लगे, ये बंडल पॉलिथीन और कागज में पैक थे।
दीवारों को तोड़ा गया तो अंदर से नोटों के बंडल गिरने लगे, ये बंडल पॉलिथीन और कागज में पैक थे।

कानपुर और कन्नौज में इत्र कारोबारी के घर और प्रतिष्ठानों पर आयकर और जीएसटी के छापे के साथ सपा का नाम जोड़ा जा रहा है। इसे लेकर सफाई देते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्विटर पर रीट्वीट किया है। उन्होंने कहा कि इस छापेमारी को सपा से कतई नहीं जोड़ा जाना चाहिए। सपा एमएलसी पम्मी जैन से पीयूष जैन का कोई संबंध नहीं है।

कन्नौज। इत्र नगरी के बड़े कारोबारी पीयूष जैन के ठिकानों पर चल रही आयकर विभाग की कार्रवाई 40 घंटे में पूरी हो सकीं। नोटों की गिनती में लगी 13 मशीनों से गिनती पूरी हो सकी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कारोबारी के ठिकाने से कुल 179 करोड़ से अधिक की नकदी गिनी जा चुकी थी।

नोटों की गिनती में 30 से अधिक कर्मचारी, 13 मशीनें लगाई गई हैं। अभी तक गिनी जा चुकी रकम 80 बक्सों में भरकर स्टेट बैंक की मुख्य शाखा में भिजवाई गई है। वहीं पीयूष के कन्नौज स्थित मकान से 1 करोड़ रुपये से अधिक के जेवर मिले है। कारोबारी के घर शुक्रवार देररात भी डीजीजीआई की छापेमारी जारी रही।

चाबियां न मिलने पर हथौड़ों से अलमारियां तोड़ी गईं। यहां से चार करोड़ रुपये और एक करोड़ के जेवर भी टीम को मिले हैं। टीम ने स्थानीय पुलिस से डुप्लीकेट चाबी बनाने वाले पिता-पुत्र को बुलवाया। वहीं रानू मिश्रा का मुनीम रहा विनीत गुप्ता भी इत्र और कंपाउंड के कारोबारी निकला।

टीम उसे लेकर कचहरी टोला स्थित उसके घर पहुंची। यहां देररात तक उससे पूछताछ करती रही। यहां से भी दस्तावेज जब्त किए गए हैं। पीयूष जैन के आनंदपुरी स्थित घर की दीवारों से भी नोटों के बंडल मिले हैं। बुधवार को जब कार्रवाई शुरू हुई तो अफसरों को कई अलमारियां मिली थीं, जो बंद थीं।

दीवारों से निकले नोटों के बंडल

कार्रवाई के दौरान पीयूष जैन से कई बार अफसरों ने संपर्क किया, लेकिन बात नहीं हो पाई। फिर दूसरे दिन अफसरों ने दूसरी चाभियों से ताले खोले। इनमें भारी मात्रा में कैश मिला। इस दौरान अधिकारियों को घर की कुछ दीवारें अन्य दीवारों से अलग लगीं। अधिकारियों ने दीवार को ठोंका तो खोखली लगी। दीवारों को तोड़ा गया तो अंदर से नोटों के बंडल गिरने लगे। ये बंडल पॉलिथीन और कागज में पैक थे। ये बंडल पांच सौ और सौ के नोटों के हैं।  

भनक लगते ही स्कूटी से पहुंचा रानू मिश्रा

आपकों बता दें कि कारखाने में छापे की जानकारी मिलते ही कारोबारी रानू मिश्रा स्कूटी से कारखाने पहुंचा। यहां टीम से कहासुनी भी हुई। इसके बाद टीम ने रानू के लैपटॉप से डाटा खोज निकाला। पुलिस से प्रिंटर मंगवाकर उसका प्रिंटआउट निकालकर फाइल बनाई। इसके बाद कारखाने में रानू और उसके मुनीम से घंटों पूछताछ की।

रानू का कानपुर के अलावा कई शहरों में मकान है। वह पान मसाला बनाने वाली कानपुर की एक बड़ी कंपनी को कंपाउंड सप्लाई करता है। शहर में छापे के बाद अन्य कारोबारियों में हड़कंप मच गया। कई कारोबारियों ने कारखाने बंद कर माल को इधर-उधर छिपा दिया तो कई ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे। देररात तक कारोबारी एक-दूसरे को फोन कर टीम की लोकेशन और गतिविधियों की जानकारी करते रहे।

27 सदस्यीय टीम ने की कार्रवाई

इत्र और कंपाउंड कारोबारियों के यहां छापा मराने वाली 27 सदस्यीय टीम ने बड़े गोपनीय ढंग से कार्रवाई की। टीम के सदस्यों के पास बगैर नंबर की बाइकें भी हैं। इससे चर्चा है कि टीम के कुछ सदस्य करीब 10 दिन से दोनों कर्मचारियों के आवासों, कारखानों और प्रतिष्ठानों के आसपास चक्कर लगाकर अहम जानकारी जुटा रहे थे।

अखिलेश यादव ने किया किनारा

कानपुर और कन्नौज में इत्र कारोबारी के घर और प्रतिष्ठानों पर आयकर और जीएसटी के छापे के साथ सपा का नाम जोड़ा जा रहा है। इसे लेकर सफाई देते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्विटर पर रीट्वीट किया है। उन्होंने कहा कि इस छापेमारी को सपा से कतई नहीं जोड़ा जाना चाहिए। सपा एमएलसी पम्मी जैन से पीयूष जैन का कोई संबंध नहीं है।

अखिलेश यादव ने ट्विटर पर मनीष जगन अग्रवाल के ट्वीट को रीट्वीट किया है। उसमें लिखा है कि- "शिखर पान मसाला समूह और इत्र व्यापारी पीयूष जैन के घर में छापेमारी और बरामद नकदी नोटबंदी की विफलता की कहानी बयां कर रही है। भाजपा और मीडिया पीयूष जैन और शिखर पान मसाले को सपा से जबरन जोड़कर सपा को बदनाम कर रही है। सपा एमएलसी पम्मी जैन से पीयूष जैन का कोई मतलब नहीं।

भाजपा पर ही जड़ा आरोप

अगले ट्वीट में जगन ने लिखा है- छापे की जद में आए ये दोनों कारोबारी भाजपा से जुड़े हुए हैं और भाजपा को चंदा देते थे। भाजपा ने इस बार इनसे ज्यादा चुनावी चंदा मांगा। इन्होंने ज्यादा चुनावी चंदा देने से मना कर दिया, तो भाजपा सरकार ने इन पर रेड डालकर पैसा पकड़कर सपा से जोड़कर सपा को बदनाम करने की साजिश रची।

इस ट्वीट कि अगली कड़ी में उन्होंने लिखा- चूंकि कुछ दिन पूर्व सपा से जुड़े लोगों के यहां छापे पड़े थे। मगर, वहां से सरकार और एजेंसीज को कुछ नहीं मिला और सपा के लोग पाक साफ निकले। अतः बौखलाई भाजपा ने तुरंत यहां छापेमारी करके कैश बरामद करके इसे सपा से जोड़कर जनता को अपने दुष्प्रचार से भ्रमित करने की साजिश की है!

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