सिर्फ बैंक नहीं और भी सेक्टर में चल सकती है निजीकरण की आरी, जानिए ऐसे

टीम भारत दीप |

निजी हाथों में सौंप दिए जाएंगे।
निजी हाथों में सौंप दिए जाएंगे।

कुल संख्या क्या होगी यह नीति आयोग की अनुशंसा पर केंद्रीय कैबिनेट तय करेगी। माना जा रहा है कि सरकार हर उस पीएसबी से सरकारी का ठप्पा हटाने जा रही है जो घाटे में है या नाॅन कोर सेक्टर में शामिल है।

व्यापार डेस्क। दो पब्लिक सेक्टर बैंकों के निजीकरण का संदेश सिर्फ बैंकों तक ही सीमित नहीं है। ऐसे प्रयोग सरकार अन्य पब्लिक सेक्टर कंपनियों पर भी कर सकती है। ऐसे में वर्तमान में चल रही 300 कंपनियों में से शायद एक दर्जन ही सरकारी क्षेत्र के पास रह जाएं। बाकी को सेठजी को सौंपा जा सकता है। 

अंग्रेजी अखबार टाइम्स आॅफ इंडिया की खबर के अनुसार केंद्रीय बजट में पब्लिक सेक्टर के निजी हाथों में जाने का इशारा दे दिया गया है। कुल संख्या क्या होगी यह नीति आयोग की अनुशंसा पर केंद्रीय कैबिनेट तय करेगी। माना जा रहा है कि सरकार हर उस पीएसबी से सरकारी का ठप्पा हटाने जा रही है जो घाटे में है या नाॅन कोर सेक्टर में शामिल है। 

टीओआई को सरकारी सूत्रों के हवाले से पता चला है कि सरकार केवल 4 सेक्टर को ही प्रमुखता देगी जिसमें अधिकतक 3 कंपनियां ही रखी जाएंगी। इस हिसाब से गणित लगाया जाए तो वर्तमान में चल रहे 300 पीएसयू में से 12 ही सरकार के पास रह जाएंगे। बाकी या तो बंद होंगे या नोट उगलने के लिए निजी हाथों में सौंप दिए जाएंगे।  


संबंधित खबरें