निजीकरण के विरोध में बंद रहे बैंकों के ताले, कर्मचारियों ने नारेबाजी कर बुलंद की आवाज

टीम भारत दीप |
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कई ग्राहक जानकारी के आभाव में बैंक पहुंचे। बैंक के गेट पर ताला जड़ा देखकर उन्‍हें लौटना पड़ा।
कई ग्राहक जानकारी के आभाव में बैंक पहुंचे। बैंक के गेट पर ताला जड़ा देखकर उन्‍हें लौटना पड़ा।

प्रदेश भर के बैंक मुख्‍यालयों पर सुबह 11 बजे से कर्मचारियों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया है। प्रदेश के हर जनपद के सभी मुख्‍यालयों पर बैंक कर्मचारी प्रदर्शन ने हाथों पर बैनर व पोस्‍टर लेकर विरोध जताया। वहीं बैंक पर काम से आए लोगों को निराश लौटना पड़ा। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के बैनर तले बैंक कर्मचारी प्रदर्शन किया।

लखनऊ। राष्ट्रीयकृत बैंकों के निजीकरण के विरोध में विभिन्न बैंक संगठन सोमवार से देशव्यापी हड़ताल पर हैं। दो दिवसीय ड़ताल के क्रम में प्रदेश भर के सभी बैंक कर्मी हड़ताल पर हैं।

प्रदेश भर के  बैंक मुख्‍यालयों पर सुबह 11 बजे से कर्मचारियों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया है। प्रदेश के हर जनपद के सभी मुख्‍यालयों पर बैंक कर्मचारी प्रदर्शन ने हाथों पर बैनर व पोस्‍टर लेकर विरोध जताया। वहीं बैंक पर काम से आए लोगों को निराश लौटना पड़ा। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के बैनर तले बैंक कर्मचारी प्रदर्शन किया। 

हड़ताल से बैंकों में नहीं हुए काम

निजीकरण के विरोध में बैंक की हड़ताल की सूचना काफी दिन से दी जा रही थी, लेकिन इसके बाद भी कई ग्राहक जानकारी के आभाव में बैंक पहुंचे। बैंक के गेट पर ताला जड़ा देखकर उन्‍हें लौटना पड़ा।

बैंकिंग सेवा ठप रही जिसकी वजह से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। राजधानी लखनऊ में एसबीआई के मुख्‍यालय पर कर्मचारियों ने निजीकरण के विरोध में जमकर नारेबाजी की। 

एटीएम पर दिखी कतार

राष्ट्रीयकृत बैंकों में देशव्यापी हड़ताल के कारण एटीएम सेवा को छोड़कर अन्य सभी जैसे नगद निकासी,नगद जमा,लॉकर, डिमांड ड्राफ्ट, लोन संबंधी ग्राहक सेवाएं पूरी तरह प्रभावित रहेंगी। इसके चलते बैंक ग्राहकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। एटीएम बूथों पर पैसे निकालने वालों की कही-कही कतार दिखाई दी। 

भारतीय स्टेट बैंक स्टाफ एसोसिएशन के महामंत्री के के सिंह और बैंक ऑफ इंडिया ऑफिसर एसोसिएशन के संरक्षक दिलीप चौहान ने बताया कि राष्ट्रीय कृत बैंकों के कर्मचारी हर स्तर पर सरकार की अपेक्षाओं पर खरे उतरे हैं इसके बावजूद भी सरकार द्वारा राष्ट्रीय कृत बैंकों का निजीकरण किया जा रहा है।

निजी करण किसी भी दृष्टिकोण से न तो बैंक कर्मचारियों के हित में है और न ही आम जनमानस के। ऐसे में सरकार को बैंकों के निजीकरण किए जाने के फैसले को तत्काल वापस लेना होगा।


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