संविधान दिवस का विपक्ष ने किया बहिष्कार, पीएम मोदी ने जमकर साधा निशाना

टीम भारत दीप |

पीएम मोदी ने देश के लिए शहीद होने वाले बलिदानियों को किया याद।
पीएम मोदी ने देश के लिए शहीद होने वाले बलिदानियों को किया याद।

विपक्ष के इस कदम से संविधान की भावना को भी चोट पहुंची है, संविधान की एक-एक धारा को भी चोट पहुंची है, जब राजनीतिक दल अपने आप में अपना लोकतांत्रिक कैरेक्टर खो देते हैं। जो दल स्वयं लोकतांत्रिक कैरेक्टर खो चुके हों, वो लोकतंत्र की रक्षा कैसे कर सकते हैं।

नई दिल्ली। पीएम मोदी ने आज संविधान दिवस के अवसर पर सेंट्रल हॉल में हुए कार्यक्रम को संबोधित किया। पीएम ने अपने भाषण की शुरुआत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि देते हुए की।

इस अवसर पर उन्होंने विपक्षी पार्टी के कार्यक्रम में शामिल नहीं होने पर पीएम ने कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि यह विरोध आज से नहीं हो रहा है। यह कई सालों से चल रहा है। पीएम ने पारिवारिक पार्टियां कहकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों पर हमला बोला। पीएम ने कहा कि कई दल अपना लोकतात्रिक चरित्र खो चुके हैं। 

महात्मा गांधी के कार्यों को किया याद

पीएम ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महात्मा गांधी के कार्यों को याद करते हुए कहा कि गांधी जी ने आजादी के आंदोलन में आधिकारों के लिए लड़ते हुए भी, कर्तव्यों के लिए तैयार करने की कोशिश की थी। अच्छा होता अगर देश के आजाद होने के बाद कर्तव्य पर बल दिया गया होता। 

विपक्ष के इस कदम से संविधान की भावना को भी चोट पहुंची है, संविधान की एक-एक धारा को भी चोट पहुंची है, जब राजनीतिक दल अपने आप में अपना लोकतांत्रिक कैरेक्टर खो देते हैं। जो दल स्वयं लोकतांत्रिक कैरेक्टर खो चुके हों, वो लोकतंत्र की रक्षा कैसे कर सकते हैं।

पीएम ने कहा कि इस संविधान दिवस को इसलिए भी मनाना चाहिए, क्योंकि हमारा जो रास्ता है, वह सही है या नहीं है, इसका मूल्यांकन करने के लिए मनाना चाहिए। 

लोकतंत्र के लिए यह चिंताजनक

पीएम ने आगे कहा कि भारत एक ऐसे संकट की ओर बढ़ रहा है, जो संविधान को समर्पित लोगों के लिए चिंता का विषय है, लोकतंत्र के प्रति आस्था रखने वालों के लिए चिंता का विषय है और वो है पारिवारिक पार्टियां। योग्यता के आधार पर एक परिवार से एक से अधिक लोग जाएं, इससे पार्टी परिवारवादी नहीं बन जाती है। लेकिन एक पार्टी पीढ़ी दर पीढ़ी राजनीति में है। 

बाबासाहेब अम्बेडकर की 125वीं जयंती थी, हम सबको लगा इससे बड़ा पवित्र अवसर क्या हो सकता है कि बाबासाहेब अम्बेडकर ने जो इस देश को जो नजराना दिया है, उसको हम हमेशा एक स्मृति ग्रंथ के रूप में याद करते रहें। 

26/11 की घटना को किया याद

संविधान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दस साल पहले देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में हुई 26/11 की घटना को याद करते हुए इसे दुखदायी बताया। पीएम ने कहा कि हमारे लिए एक ऐसा दुखद दिवस है।

 जब देश के दुश्मनों ने देश के भीतर आकर मुंबई में आतंकवादी घटना को अंजाम दिया। देश के वीर जवानों ने आतंकवादियों से लोहा लेते हुए अपना जीवन बलिदान कर दिया। आज उन बलिदानियों को भी नमन करता हूं।

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