किसानों ने तय समय से पहले शुरू किया मार्च, कई इलाकों में इंटरनेट बंद

टीम भारत दीप |
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दिल्ली मेट्रो प्रबंधन ने  दिलशाद गार्डन, झिलमिल, मानसरोवर पार्क और जामा मस्जिद मेट्रो स्टेशन बंद कर दिए हैं।
दिल्ली मेट्रो प्रबंधन ने दिलशाद गार्डन, झिलमिल, मानसरोवर पार्क और जामा मस्जिद मेट्रो स्टेशन बंद कर दिए हैं।

किसानों ने जमकर उपद्रव और तोड़फोड़ शुरू कर दी। पुलिस को उन्हें हटाने के लिए सख्ती बरतनी पड़ी। तनाव बढ़ता देख इलाके में इंटरनेट बंद कर दिया गया, ताकि अफवाहें नहीं फैलें। अभी भी सैंकड़ों प्रदर्शनकारी लाल किला परिसर में मौजूद हैं।

नईदिल्ली। किसानों ने मंगलवार को जिस तरह से लाल किले पर पहुंचकर बवाल किया हैं वह शर्मनाक है।लाल किले के आसपास जमा हुए किसानों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर बाहर करना शुरू कर दिया है।

किसानों ने जमकर उपद्रव और तोड़फोड़ शुरू कर दी। पुलिस को उन्हें हटाने के लिए सख्ती बरतनी पड़ी। तनाव बढ़ता देख इलाके में इंटरनेट बंद कर दिया गया, ताकि अफवाहें नहीं फैलें। अभी भी सैंकड़ों प्रदर्शनकारी लाल किला परिसर में मौजूद हैं।

पुलिस को किसानों को हटाने के लिए सख्ती बरतनी पड़ रही है। तनाव बढ़ता देख इलाके में इंटरनेट बंद कर दिया गया, ताकि अफवाहें नहीं फैलें। अभी भी सैंकड़ों प्रदर्शनकारी लाल किला परिसर में मौजूद हैं।

इंटरनेट किया बंद

सरकार ने सिंघु, टीकरी, गाजीपुर बॉर्डर के साथ ही मुकरबा चौक और नांगलोई इलाके में भी इंटरनेट बंद कर दिया है। ये सभी ऐसे पॉइंट हैं, जहां से किसान आंदोलन चल रहा है।  दिल्ली मेट्रो प्रबंधन ने  दिलशाद गार्डन, झिलमिल, मानसरोवर पार्क और जामा मस्जिद मेट्रो स्टेशन बंद कर दिए हैं।

संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि हमारी तमाम कोशिशों के बावजूद कुछ संगठनों और लोगों ने तय रूट तोड़ा और गलत कामों में शामिल हो गए। प्रदर्शन में असामाजिक तत्व घुस आए, नहीं तो आंदोलन शांतिपूर्ण चल रहा था।

हमने हमेशा शांति बनाए रखी जो हमारी सबसे बड़ी ताकत थी और इसके उल्लंघन से आंदोलन कमजोर हो सकता है।इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने लाल किले पर पहुंच कर खालसा पंथ और किसान संगठनों के झंडे फहरा दिए। जहां स्थायी रूप से तिरंगा लगा रहता है वहां भी प्रदर्शनकारियों ने अपने झंडे लहराए। हालांकि तिरंगे को नहीं हटाया। 

ट्रैक्टर पलटने से किसान की मौत

आंदोलन में शामिल ट्रैक्टर पलटने से एक किसान की मौत हो गई। प्रदर्शनकारी शव रखकर धरने पर बैठ गए हैं। इससे पहले प्रदर्शनकारी आंध्रा एजुकेशन सोसायटी में घुस गए और गार्ड को बंधक बना लिया। पुलिस ने बताया कि किसानों को सोसायटी में लगे होने का शक था। इसी के चलते उन्होंने गार्ड को बंधक बना लिया।

कई किसान और पुलिसकर्मी घायल

बवाल के बाद पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज कर दिया तो किसानों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। झड़प में कई किसान और पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। किसानों ने ट्रैक्टर दौड़ा दिए तो पुलिस को पीछे हटना पड़ा। पुलिसकर्मी भागकर आस-पास की इमारतों में घुस गए और वहां से किसानों पर आंसू गैस छोड़ी।

 निहंगों ने तलवार से हमले की कोशिश की

इससे पहले गाजीपुर बॉर्डर से निकले किसानों को पुलिस ने नोएडा मोड़ पर रोक दिया और आंसू गैस के गोले छोड़े। किसानों ने भी पुलिस पर पथराव कर दिया और गाड़ियों में तोड़फोड़ की। पुलिस का दावा है कि किसानों ने पांडव नगर पुलिस पिकेट पर ट्रैक्टर चढ़ाने की कोशिश की। पुलिस ने यह भी कहा कि निहंगों ने तलवार से पुलिसकर्मियों पर हमले की कोशिश की।
किसानों ने तय समय से पहले मार्च शुरू किया

पुलिस ने किसानों से कहा था कि गणतंत्र दिवस की परेड खत्म होने के बाद 12 बजे से ट्रैक्टर मार्च निकालें। लेकिनए किसानों ने रिपब्लिक डे की परेड शुरू होने से पहले ही ट्रैक्टर मार्च शुरू कर दिया।


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