यूनियन और आईबीए के बीच बिगड़ी बात, हड़ताल पर जा सकते हैं बैंककर्मी

टीम भारत दीप |

बैंककर्मी इसके पक्ष में नहीं हैं।
बैंककर्मी इसके पक्ष में नहीं हैं।

शुक्रवार को सभी यूनियन की ओर से संयुक्त रूप से जारी सर्कुलर में कहा गया कि आईबीए के साथ एक और वार्ता का दौर चला।

बैंकिंग डेस्क। वेज रिवीजन के मुद्दे पर इंडियन बैंक एसोसिएशन और वार्ताकार चार बैंक यूनियन के बीच बात आखिरकार बिगड़ गई है। यूनियनों का कहना है कि आईबीए उनकी शर्ताें को स्वीकार करने को तैयार नहीं है।

भारत दीप ने 14 अक्टूबर की अपनी खबर में दोनों पक्षों में अनबन होने की बात कही थी। 16 अक्टूबर को मतभेद खुलकर बाहर आ गए। अब इंडियन बैंक एम्प्लाॅयीज एसोसिएशन ने अनिश्चित कालीन हड़ताल का एलान किया है। हालांकि बैंककर्मी इसके पक्ष में नहीं हैं। वे इसे धोखा ही बता रहे हैं। 

वेज रिवीजन के मुद्दे पर आईबीए से अनबन, बैंक यूनियनों का आरोप मनमानी पर उतर आए

बता दें कि बैंककर्मियों के वेज रिवीजन को लेकर इंडियन बैंक एसोसिएशन यानी आईबीए के साथ एआईबीईए, एनसीबीई, एनओबीडब्ल्यू, आईएनबीईएफ ये चार यूनियन वार्ता में शामिल हैं। शुक्रवार को सभी यूनियन की ओर से संयुक्त रूप से जारी सर्कुलर में कहा गया कि आईबीए के साथ एक और वार्ता का दौर चला। 

इसमें आईबीए चेयरमैन आईडीबीआई बैंक के एमडी राकेश शर्मा और सभी यूनियन के महासचिव मौजूद रहे। यूनियनों का कहना है कि उन्होंने विशेष भत्ते को 20 प्रतिशत करने की अपनी मांग कायम रखी लेकिन आईबीए 16.4 प्रतिशत पर ही अड़ा रहा। 

यूनियनों ने इस मांग को अस्वीकार कर दिया और इसके बाद सैलरी कंपोनेंट में अन्य डिवीजन को लेकर भी चर्चा नहीं है। सभी यूनियनों का कहना है कि हम आईबीए के इस आॅफर को अस्वीकार करते हैं। हालांकि मामला अभी फाइनल नहीं है लेकिन आईबीए चाहे तो आॅफर को बढ़ा सकता है। 

इसके बाद रविवार को एआईबीईए ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान अपने ट्विटर हैंडल पर किया। उनका कहना है कि यदि आईबीए हमारी मांगों को स्वीकार नहीं करता तो हम हड़ताल पर चले जाएंगे। 

हालांकि ट्विटर पर यूजर्स यूनियन की इस बात से सहमत नजर नहीं आ रहे हैं। उनका कहना है कि स्ट्राइक हो तो सैलरी नहीं कटनी चाहिए। यदि सैलरी कटे तो स्ट्राइक का कोई फायदा नहीं। एक यूजर ने लिखा कि यूनियन 48 घंटे ये ज्यादा हड़ताल कर नहीं सकते। ऐसे में इसे अनिश्चतकालीन कहना हमारे साथ धोखा है।  


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