यूपी का रण: उन्नाव में दलित लड़की से रेप और हत्या को लेकर प्रियंका ने योगी सरकार साधा पर निशाना

टीम भारत दीप |

महिलाओं पर अत्याचार कर उनकी हत्या कर दी जाती है और आप झूठे दावों में व्यस्त रहते हैं।
महिलाओं पर अत्याचार कर उनकी हत्या कर दी जाती है और आप झूठे दावों में व्यस्त रहते हैं।

प्रियंका ने कहा कि उन्नाम में जो हुआ वह उत्तरप्रदेश में नया नहीं है। एक दलित लड़की की मां अपनी बेटी का पता लगाने के लिए दफ्तरों के चक्कर काटती रही, अंत में उसको अपनी बेटी का शव मिला। प्रशासन ने उसकी एक नहीं सुनी।

लखनऊ। यूपी की राजधानी से सटे जिले उन्नाव में दो माह पहले सपा के पूर्व मंत्री स्व. फतेहबहादुर के पुत्र और उसके साथी द्वारा दलित लड़की से दुष्कर्म के बाद हत्या किए जाने के बाद मामला खुलने पर अब सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष घिर गए।

दरअसल मृतका की मां ने अखिलेश यादव की गाड़ी के आकर जान देने की कोशिश की थी, लेकिन अखिलेश यादव ने उसकी बात नहीं सुनी थी। अब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इस मामले को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा है। 

प्रियंका ने कहा कि उन्नाम में जो हुआ वह उत्तरप्रदेश में नया नहीं है। एक दलित लड़की की मां अपनी बेटी का पता लगाने के लिए दफ्तरों के चक्कर काटती रही, अंत में उसको अपनी बेटी का शव मिला। प्रशासन ने उसकी एक नहीं सुनी।

भाजपा को इस मुद्दे पर राजनीति करने की बजाय जवाब देना चाहिए कि प्रशासन क्यों उस मां को जनवरी से दौड़ाता रहा, किसने इस बिटिया की मां की गुहार नहीं सुनी। योगी आदित्यनाथ जी आप अपने भाषणों में कानून व्यवस्था की बात करना छोड़ दीजिए।

आपके प्रशासन में महिलाओं को न्याय के लिए दर-दर भटकना पड़ता है, महिलाओं पर अत्याचार होने पर उनकी आवाज सुनी ही नहीं जाती। महिलाओं पर अत्याचार कर उनकी हत्या कर दी जाती है और आप झूठे दावों में व्यस्त रहते हैं।

स्वामी के साथी  अमर न घर के हुए न घाट के

यूपी के चुनाव में बड़ा फेरबदल करने वाले स्‍वामी के साथ सपा ज्वाइन करने वाले अमर सिंह सपा में नहीं टिके। विरोध की वजह से उनका टिकट कट गया,इसलिए उन्होंने पार्टी छोड़ दी।आपकों बता दें कि शोहरतगढ़ सीट से अपना दल (एस) से विधायकी जीतने वाले अमर सिंह चौधरी ने सपा की साइकिल की सवारी छोड़ दी।

मालूम हो कि अमर को पहले पार्टी ने बांसी से टिकट दिया। पार्टी नेताओं के विरोध और समीकरणों के चलते सपा ने प्रत्याशी बदल दिया। घर के रहे न घाट के वाली स्थिति में पहुंचने से पहले विधायक ने सपा को भी छोड़ कर आजाद समाज पार्टी में ठौर तलाश ली और नामांकन भी दाखिल कर दिया है। 

उधर, देवरिया के रुद्रपुर में निर्दल नामांकन करने पहुंचे प्रदीप यादव सपा का टिकट कटने से फफक पड़े। बोले-इसी तरह पार्टी ने पिछली बार भी उनका टिकट काटा था। टिकट कटने की पीड़ा संतकबीरनगर के अब्दुल कलाम की भी छलक पड़ी।

उन्होंने कहा कि न तो वह बिकाऊ हैं न ही उनकी कौम। इसी तरह का दर्द महराजगंज की फरेंदा सीट से घोषित प्रत्याशी बदलने जाने का दर्द परशुराम निषाद को भी है। अब वहां पूर्व मंत्री शंखलाल माझी पर सपा की नैया पार लगाने की जिम्मेदारी है।

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