औरंगाबाद का नाम बदलने की कवायद से शिवसेना-कांग्रेस में खींची तलवारें

टीम भारत दीप |

कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने कहा है कि अगर नाम बदला तो सरकार खतरे में पड़ जाएगी।
कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने कहा है कि अगर नाम बदला तो सरकार खतरे में पड़ जाएगी।

औरंगाबाद के पूर्व सांसद व शिवसेना नेता चंद्रकांत खैरे ने कहा कि कांग्रेस के विरोध का कोई मतलब नहीं है। उनका यह क्षणिक विरोध है। कांग्रेस के लोग सरकार छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे। इस पर भाजपा ने चुटकी ली कि यह शिवसेना और कांग्रेस की मिलीभगत है।

मुंबई। पिछले कुछ​ दिनों से महाराष्ट्र में चल रही तीन ​दलों की सरकार में सब कुछ सामान्य नहीं है। कभी शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे शरद पवार को यूपीए अध्यक्ष बनाने की वकालत करके निशाने पर जाते है तो कभी कांग्रेस तय योजना को पूरा करने पर उनकी टांग खींचती रहती है।

इसी बीच औरंगाबाद का नाम 'संभाजी नगर' किए जाने को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति फिर गरमा गई है। सरकार के घटक दल शिवसेना और कांग्रेस के बीच जुबानी तलवारें खिंच गई हैं। कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने कहा है कि अगर नाम बदला तो सरकार खतरे में पड़ जाएगी।

'शिवसेना और कांग्रेस की मिलीभगत'

वहीं, औरंगाबाद के पूर्व सांसद व शिवसेना नेता चंद्रकांत खैरे ने कहा कि कांग्रेस के विरोध का कोई मतलब नहीं है। उनका यह क्षणिक विरोध है। कांग्रेस के लोग सरकार छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे।

इस पर भाजपा ने चुटकी ली कि यह शिवसेना और कांग्रेस की मिलीभगत है, क्योंकि औरंगाबाद मनपा का चुनाव सिर पर है। इधर, मनसे ने नासिक में नाम बदलने के समर्थन में प्रदर्शन किया।

मनपा के चुनाव आते ही होता है नाटक

औरंगाबाद मनपा का चुनाव आने वाला है। वहां शिवसेना सत्ता में है। जब भी औरंगाबाद मनपा के चुनाव आते हैं, तब शहर का नाम बदलने का मसला सामने आता है। अब फिर शिवसेना ने इस मसले को गरमा दिया है।

इस पर गत दिनों महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष बालासाहेब थोरात ने अपनी कड़ी नाराजगी व्यक्त की थी।बालासाहेब थोरात ने सीधे-सीधे कहा था कि कांग्रेस नाम बदलने के प्रस्ताव का विरोध करेगी।

वहीं, शिवसेना ने कहा कि कांग्रेस के विरोध से उनके रुख में कोई बदलाव नहीं आया है। अब कांग्रेस के संजय निरुपम ने शिवसेना को चेताया है।कांग्रेस नेता निरुपम ने शनिवार को कहा कि महाराष्ट्र की तीन दलों की सरकार न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर चल रही है।

ऐसे में यदि कोई घटक दल अपना एजेंडा लादने की कोशिश करेगा तो यह सरकार की सेहत के लिए ठीक नहीं होगा। औरंगाबाद शहर का नाम बदलने को लेकर यदि शिवसेना ने ज्यादा जिद की तो यह सरकार के लिए खतरा बन सकता है।

चुनाव हैं, इसलिए मामला उठा: भाजपा

औरंगाबाद का नाम संभाजी नगर करने को लेकर भाजपा शिवसेना के साथ खड़ी है। भाजपा प्रवक्ता व विधायक राम कदम ने कहा कि शिवसेना का यह नाटक सिर्फ चुनाव तक रहेगा।

जब राज्य में भाजपा के साथ शिवसेना सत्ता में थी तो उन्होंने औरंगाबाद का नाम बदलने का प्रस्ताव राज्य सरकार के पास नहीं भेजा, अब जब औरंगाबाद मनपा का चुनाव सिर पर हैं, तो उन्हें संभाजीनगर याद आ रहा है।
 


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