यूपी सरकार ने अनुदेशकों और रसोईयों के मानदेय को बढ़ाया, यह सुविधा भी अब मिलेगी

टीम भारत दीप |

बेसिक शिक्षा विभाग की पत्रिका ‘उन्नयन के साढ़े चार वर्ष’ का विमोचन किया।
बेसिक शिक्षा विभाग की पत्रिका ‘उन्नयन के साढ़े चार वर्ष’ का विमोचन किया।

कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर ही रसोइयों के खिलाफ कार्रवाई होगी। रसोइयों के सेवा नवीनीकरण के लिए संबंधित विद्यालय में उसके पाल्य के होने की बाध्यता पर विचार किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में अंशकालिक अनुदेशकों को जॉब की गारंटी के लिए उनकी सेवाओं को बेहतर बनाने और उसे अच्छे ढंग से आगे बढ़ाने का काम किया जाएगा।

लखनऊ। यूपी की योगी सरकार ने बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में कार्यरत 27,546 अंशकालिक अनुदेशकों के मानदेय में दो हजार रुपये और 3,78,000 रसोइयों के मानदेय में पांच सौ रुपये के इजाफ की घोषणा की।

बुधवार को राजधानी स्थित अटल कंवेंशन सेंटर में आयोजित अनुदेशकों और रसोइयों से संवाद में मुख्यमंत्री ने रसोइयों को वर्ष में दो साड़ी, एप्रन और हेडकेप का पैसा भी सीधे उनके खाते में जमा कराने और उन्हें आयुष्मान भारत या मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत पांच लाख का स्वास्थ्य बीमा देने की घोषणा की। अनुदेशकों को अब नौ हजार रुपये महीने और रसोइयों को 2,000 रुपये महीने मानदेय मिलेगा।

मनमर्जी से नहीं हटाए जाएंगे रसाइया

मुख्यमंत्री ने संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि अब रसोइयों को मनमर्जी से नहीं हटाया जा सकेगा। रसोइयों के खिलाफ शिकायत पर जांच कमेटी गठित की जाएगी। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर ही रसोइयों के खिलाफ कार्रवाई होगी। रसोइयों के सेवा नवीनीकरण के लिए संबंधित विद्यालय में उसके पाल्य के होने की बाध्यता पर विचार किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में अंशकालिक अनुदेशकों को जॉब की गारंटी के लिए उनकी सेवाओं को बेहतर बनाने और उसे अच्छे ढंग से आगे बढ़ाने का काम किया जाएगा। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने अनुदेशक मीनू गुप्ता, रणवीर सिंह तथा रसोईया सीमा व रेखा से संवाद किया।

कार्यक्रम को बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री सतीश द्विवेदी ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर बेसिक शिक्षा विभाग की पत्रिका ‘उन्नयन के साढ़े चार वर्ष’ का विमोचन किया। विभाग पर केन्द्रित एक लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गई। 

परिषदीय स्कूलों के प्रति धारणा बदली

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि बीते साढ़े चार वर्षों में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में हुए सुधार कार्यों से उनके प्रति धारणा बदली है। 2017 से पहले परिषदीय स्कूल बंद होने के कगार पर थे। लेकिन प्रदेश सरकार की पहल और प्रयास से बीते चार वर्ष में परिषदीय स्कूलों में 54 लाख नए नामांकन हुए है। ऑपरेशन कायाकल्प के तहत 1.30 लाख विद्यालयों का कायाकल्प किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 से पहले 75 प्रतिशत बालिकाएं और 40 फीसदी बालक नंगे पैर स्कूल जाते थे। प्रदेश सरकार ने स्कूल यूनिफार्म के साथ बच्चों को स्वेटर, जूता-मोजा, स्कूल बैग भी वितरण शुरू किया।

संकट में भी नहीं काटा वेतन

वहीं प्रदेश सरकार ने कोरोना काल में दुनिया के तमाम देशों व देश के कई राज्यों की सरकारों ने 30 प्रतिशत तक भत्तों में कटौती की है लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने किसी भी कर्मचारी के वेतन में कोई कटौती नहीं की। उन्होंने कहा कि परिषदीय स्कूलों के लिए 1.26 लाख सहायक अध्यापकों की नियुक्ति की है।

69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती में भी लिया फैसला

आपकों बता दें कि इसके पहले मंगलवार को सरकार ने 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती में आरक्षण विसंगति दूर कर ओबीसी और एससी के करीब 6 हजार अभ्यर्थियों की सूची 30 दिसंबर को जारी करने का निर्णय लिया है।

आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी लगातार आंदोलन और प्रदर्शन कर ओबीसी और एससी के करीब 18 हजार पदों पर भर्ती करने की मांग कर रहे हैं। विभाग के एक अफसर के मुताबिक चाहे कुछ पद बढ़ाने पड़ जाएं, लेकिन विभाग ऐसी कोई चूक नहीं करना चाहता, जिससे मामला फिर न्यायालय में जाए या चुनाव के समय ओबीसी या दलित वर्ग के अभ्यर्थी आंदोलन करें।

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