महिला पर टोनही का आरोप लगाकर ग्रामीणों ने की मारपीट, मुश्किल से बची जान

टीम भारत दीप |

महिला की चीख सुनकर उसकी चाची मौके पर पहुंची और उसने बीच बचाव कर महिला की जान बचाई।
महिला की चीख सुनकर उसकी चाची मौके पर पहुंची और उसने बीच बचाव कर महिला की जान बचाई।

खतरे को भांपते हुए महिला ने अपने घर का दरवाजा भीतर से बंद कर लिया और बाहर नहीं निकली। काफी देर तक आवाज देने के बाद भी जब महिला घर से बाहर नहीं निकली तो ग्रामीणों ने दरवाजा तोड़कर घर के भीतर घुस गए और महिला के साथ मारपीट करने लगे।

छत्तीसगढ़। जहां एक तरफ पूरे विश्व में महिलाओं के सम्मान में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है। वहीं छत्तीसगढ़ में अंतरराष्ट्रीय  महिला दिवस की पूर्व संध्या पर एक महिला के साथ अमानवीयता की खबर ने पूरे देशवासियों को विचलित कर दिया।

 जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ के कोतबा चौकी क्षेत्र के ग्राम कोकियाखार में एक महिला पर टोनही का संदेह कर ग्रामीणों ने उसके  घर का दरवाजा तोड़कर उसको जमकर पीटा। महिला की चाची ने मौके पर पहुंचकर उसकी जान बचाई।

घटना की सूचना जब पुलिस को दी गई तो मौके पर पुलिस पहुंची। पर पुलिस के सामने भी महिला पर ईंट व पत्थर फेंकने में ग्रामीणों ने कोई कसर नहीं छोड़ी।

बाजार पति गया तो ग्रामीणों ने बोला हमला

जानकारी के मुताबिक कोकियाखार की महिला रविवार शाम को अपने घर में बच्चों के साथ थी। उसके पति बाजार गए हुए थे। इस दौरान कुछ ग्रामीण उसके घर के बाहर जमा हुए और गालियां देते हुए महिला को घर से निकलने को कहा।

खतरे को भांपते हुए महिला ने अपने घर का दरवाजा भीतर से बंद कर लिया और बाहर नहीं निकली। काफी देर तक आवाज देने के बाद भी जब महिला घर से बाहर नहीं निकली तो ग्रामीणों ने दरवाजा तोड़कर घर के भीतर घुस गए और महिला के साथ मारपीट करने लगे।

पीड़ित महिला के मुताबिक आरेापियों ने उसकी बाल पकड़कर जमीन पर पटका और लात व मुक्कों से उसे बेरहमी से पीटा। आरोपी महिला का गला दबाकर उसे जान से मारने की कोशिश कर रहे थे, उसी वक्त महिला की चीख सुनकर उसकी चाची मौके पर पहुंची और उसने बीच बचाव कर महिला की जान बचाई। 

इस घटना की सूचना सीधे एसएसपी बालाजी राव को फोन पर दी गई थी और उन्होंने तत्काल मौके पर कोतबा पुलिस को भेजा। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर महिला को सुरक्षा दी। बताया जाता है कि पुलिस के सामने भी कुछ ग्रामीण महिला पर ईंट व पत्थर फेंककर उसे मारने की कोशिश कर रहे थे।

बैगा ने बताया था महिला को टोनही

बैगा ने गांव वालों के सामने किया था टोनही घोषित 5 मार्च को गांव में अनिरूद्ध ने एक बैठक रखवाई थी। जिसमें तंत्र-मंत्र करने वाले बैगा को बुलाया गया था। पीड़िता ने बताया कि उस दिन उस बैठक में उसे भी बुलाया गया था।

महिला अपने पति के साथ बैठक में गई। जहां बैगा बस्ती वालों के सामने तंत्र साधना कर रहा था और उसने एक टांगी पकड़ी थी। बैगा ने गांव वालों के सामने कहा था कि उस टांगी को वह फेकेंगा। टांगी जिसके घर के सामनेजाकर गिरेगी वही टोनही का घर है। ऐसा कहकर बैगा ने टांगी को पीड़िता के घर के सामने फेंक दिया था और पूरे गांव वालों के सामने उसे टोनही घोषित कर दिया था।

14 ग्रामीणों पर मामला दर्ज

गांव की एक बच्ची की तबियत खराब होने के कारण आरोपियों ने अंधविश्वास में पड़कर इस घटना को अंजाम दिया है।

इस मामले में कोतबा चौकी पुलिस ने आरोपी अनिरुद्ध यादव, शारदा, जितेंद्र, अंजली,उषा चौहान, विनय, पुरन्दर, गोलीए परमानंद, जामझोरेन, विनीता, रानी, रमेश, गोलू और गांव के बैगा सहित अन्य लोगो के खिलाफ अपराध पंजीबद्घ कर जांच विवेचना शुरू कर दी है। महिला ने बताया कि उसे एक माह से टोनही कहकर परेशान किया जा रहा था। 

पीड़िता ने पुलिस से मांगी सुरक्षा

पीड़ित महिला ने पुलिस से सुरक्षा की मांग की है। गांव वाले कभी भी उसे जान से मार सकते हैं। वह और उसके बच्चे व परिवार के सभी सदस्य काफी डरे हुए हैं।

इस वारदात को अंजाम देने वाले अंधविश्वास में जकड़े आरोपी अनिरूद्ध की पत्नी पेशे से स्कूल टीचर है। एक स्कूल टीचर होते हुए भी वह अपने पति को नहीं समझा पाई कि जादू-टोना जैसी कोई चीज होती नहीं है।

जब शिक्षिका स्वयं अंधविश्वास की समर्थक है तो इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि गांव के आने वाली पीढ़ी में अंधविश्वास पनपेगा या दूर होगा।
 


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