यूपीटीईटी पेपर लीक के मामले में अब तक 29 लोग गिरफ्तार, संपति होगी जब्त

टीम भारत दीप |
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प्रवेश पत्र दिखा कर अभ्यर्थी अपने घरों को सरकारी बसों से जा सकेंगे।
प्रवेश पत्र दिखा कर अभ्यर्थी अपने घरों को सरकारी बसों से जा सकेंगे।

यूपी एसटीएफ को सौंपी गई है। इसमें परीक्षा नियामक आयोग या संबंधित एजेंसी की गड़बड़ी रही है तो उसे भी नहीं बख्शा जाएगा और सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। पकड़े 29 लोगों कुछ बिहार के रहने वाले हैं।प्रशांत कुमार ने बताया कि परीक्षा निरस्त होने की वजह से अभ्यर्थियों पर कोई भार नहीं आने दिया जाएगा।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) का प्रश्नपत्र लीक होने के बाद परीक्षा रदद कर दी गई। मालूम हो कि केंद्र पर प्रश्नपत्र पहुंचने से पहले लीक हो गया था, पेपर सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था।

इस मामले में यूपी एसटीएफ व पुलिस ने अब तक अलग अलग जिलों से 29 लोगों को गिरफ्तार किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। ऐसे लोगों के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट और रासुका के तहत कार्रवाई होगी। ऐसे लोगों की संपत्ति भी जब्त की जाएगी।

अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि टीईटी की परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होने की वजह से परीक्षा रद्द कर दी गई है। परीक्षा एक माह में दोबारा कराई जाएगी। इस मामले में जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।

जिस तरह से अन्य माफिया को खत्म किया गया है उसी तरह नकल माफिया को खत्म करने का अभियान चलाया जाएगा। इस पूरे मामले की जांच यूपी एसटीएफ को सौंपी गई है। इसमें परीक्षा नियामक आयोग या संबंधित एजेंसी की गड़बड़ी रही है तो उसे भी नहीं बख्शा जाएगा और सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। पकड़े 29 लोगों कुछ बिहार के रहने वाले हैं।

अभ्यर्थियो को मिलेगी राहत

प्रशांत कुमार ने बताया कि परीक्षा निरस्त होने की वजह से अभ्यर्थियों पर कोई भार नहीं आने दिया जाएगा। उन्हें न तो फीस दोबारा जमा करनी पड़ेगी और न ही घर वापस जाने के लिए रोडवेज की बसों में किराया लगेगा। प्रदेश सरकार ने अभ्यर्थियों को घरों तक पहुंचाने के लिए इंतजाम किया है और प्रवेश पत्र दिखा कर अभ्यर्थी अपने घरों को सरकारी बसों से जा सकेंगे।

वहीं प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा दीपक कुमार ने बताया कि इस परीक्षा की जिम्मेदारी परीक्षा नियामक आयोग की थी। जिस एजेंसी को यह परीक्षा कराने की जिम्मेदारी दी गई थी, उसकी भूमिका की भी जांच की जा रही है, भूमिका संदिग्ध पाए जाने पर उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

ऐसे में पकड़ में आया मामला

देर रात पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में टीईटी का प्रश्नपत्र वायरल होने की सूचना यूपी एसटीएफ को मिली। इस परीक्षा को लेकर पहले से सक्रिय एसटीएफ ने तत्काल वायरल हो रहे प्रश्नपत्र को बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ साझा किया और प्रश्नपत्र की सत्यता पता की।

बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने संबंधित से इसकी पुष्टि की और बताया कि यह हूबहू वही पेपर है जो परीक्षा में आने वाला था। इस पर एसटीएफ ने ताबड़तोड़ छापेमारी शुरू की और सुबह होते होते दो दर्जन से अधिक लोगों को हिरासत में ले लिया गया। इसमें से पूछताछ के बाद 29लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया।

बीस लाख अभ्यर्थियों को देनी थी परीक्षा 

प्रशांत कुमार ने बताया कि इस परीक्षा के लिए 2736 केंद्र बनाए गए थे। यहां 1999418 अभ्यर्थियों को परीक्षा देनी थी। परीक्षा केंद्रों पर पहुंचने से पहले ही प्रश्नपत्र लीक होने की पुष्टि हो गई। परीक्षा की शुचिता को बनाए रखने के लिए इस परीक्षा निरस्त करने का निर्णय सरकार ने तत्काल लिया। केंद्रों पर कोई अफरा तफरी न हो, इसके भी इंतजाम आनन फानन में किए गए।

इनकी हुई गिरफ्तारी

एसटीएफ और पुलिस ने लगातार कार्रवाई करते समय लखनऊ से चार लोगों को गिरफ्तार किया गया इसमें झांसी निवासी अनुराग देश व चंदू वर्मा, अम्बेडकर नगर निवासी फौजदार वर्मा, अयोध्या निवासी कौशलेंद्र प्रताप शामिल किया गया है।

कौशांबी से रोशन सिंह पटेल को गिरफ्तार किया गया है, उसके मोबाइल से हाथों से लिखा प्रश्न उत्तर मिला है।एसटीएफ की मेरठ ईकाई ने तीन लोगों को गिरफ़्तार किया है। शामली से मनीष, रवि और धर्मेंद्र को गिरफ्तार किया है। इनका अपना गैंग है।

पांच लाख रुपये में इस गैंग ने पेपर खरीदे। 50 से 60  अभ्यर्थियों से 50-50 हजार रुपये लेकर उन्हें इस प्रश्नपत्र और उसके उत्तर को परीक्षा से पहले पढ़ाना और याद कराना था। गैंग के अन्य सदस्यों की शिनाख्त की जा रही है।

इसी प्रकार अयोध्या से दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। संदीप वर्मा और रमेश गुप्ता को अयोध्या से गिरफ्तार किया गया है। संदीप सुल्तानपुर का रहने वाला है और साल्वर है।

संदीप उमानंद गुप्ता के स्थान पर गुरुनानक एकेडमी महिला पीजी कालेज में परीक्षा देने पहुंचा था। इसी कालेज के बाहर से रमेश को गिरफ्तार किया गया है। रमेश नकल माफिया गिरोह का सरगना है। वह मूल रूप से अम्बेडकरनगर का रहने वाला है।

प्रयागराज से 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनके पास से प्रश्नपत्र की फोटो कॉपी बरामद हुई है। इसमें सहायक अध्यापक भी शामिल है। इसके अलावा साल्वर और अभ्यर्थियों को भी गिरफ्तार किया गया है। प्राथमिक विद्यालय करिया खुर्द शंकरगढ़, प्रयागराज के सहायक अध्यापक सत्य प्रकाश सिंह को गिरफ्तार किया गया है

उसके व्हाट्स एप पर साल्व किया हुआ पेपर बरामद हुआ है। इसके अलावा साल्वर गैंग का मुख्य सरगना प्रतापगढ़ निवासी राजेंद्र पटेल, बिहार से साल्वर उपलब्ध कराने वाला गया, बिहार निवासी सन्नी सिंह, साल्वर टिंकू, शीतल, धनंनजय कुमार, शिव दयाल, कौनेन रजा और प्रतापगढ़ का रहने वाला नीरज शुक्ला शामिल हैं।

सोनभद्र का रहने वाला साल्वर अनुराग, चित्रकूट का रहने वाला अभ्यर्थी अभिषेक सिंह शामिल है। इसके अलावा प्रयागराज के जार्ज टाउन से साल्वर गैंग के सरगना चर्तुभुज सिंह, साल्वर संजय सिंह ब्रह्मा शंकर सिंह, सुनील कुमार सिंह और अजय कुमार सिंह शामिल हैं। सभी प्रयागराज के रहने वाले हैं।

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