विश्‍व फेफड़ा दिवस पर चिकित्सकों की सलाह: फेफड़े हैं अनमोल, इनका यूं रखें ख्याल

टीम भारत दीप |

केजीएमयू के लखनऊ के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में 'वर्ल्ड लंग डे' मनाया गया।
केजीएमयू के लखनऊ के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में 'वर्ल्ड लंग डे' मनाया गया।

फेफड़ों को मजबूत करने और फेफड़ों की बीमारी से बचने के उपायों के बारें में चर्चा करते हुये इण्डियन चेस्ट सोसाइटी के पूर्व अध्यक्ष डा. सूर्यकान्त ने कहा कि इस कोरोना काल में हमनें फेस मास्क लगाना सीखा है। अगर हम नियमित रूप से मास्क लगायें तो हम कोरोना के साथ-साथ वायु प्रदूषण और अन्य बीमारियों से बच सकते है।

लखनऊ। फेफड़ा है तो सांस है, और सांस है तो जीवन है, ऐसे में जरूरत इस बात की है कि‍ फेफड़ों को हम स्वस्थ रखें। यदि हमारे फेफड़े ही खराब हों तो हम जिन्दा कैसे रह पायेंगे? क्योंकि फेफड़े ही हमारे शरीर में प्राण वायु का संचार करते हैं। इसके लिए हमें फेफड़े की बीमारियों को दूर रखते हुए फेफड़ों को मजबूत बनाने के लिए कदम उठाने होंगे।

यह बात केजीएमयू के पल्‍मोनरी मेडिसिन विभाग के विभागाध्‍यक्ष व आईएमए एकेडमी ऑफ मेडिकल स्पेशलिस्ट्स (आईएमए-एएमएस) के वाइस चेयरमैन डॉ सूर्यकांत ने 25 सितम्बर को वर्ल्ड लंग—डे के अवसर पर अपने संदेश में कही। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) लखनऊ के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में 'वर्ल्ड लंग डे' मनाया गया।

इस मौके पर कई चिकित्सक मौजूद रहे। यहां वर्ष की थीम ’’केयर फार योर लंग्स’’ अर्थात ’’अपने फेफड़ों की देखभाल करें’’ है। इंटरनेशनल सिम्‍पोजियम में भाग लेने दिल्‍ली गये डॉ सूर्यकांत ने वहां से भेजे अपने संदेश में बताया कि फेफड़ा हमारे शरीर में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

पेड़ों से हमें ऑक्सीजन मिलती है इस ऑक्सीजन को हम अपनी सांस द्वारा जब शरीर के अंदर लेते हैं तो यह ऑक्सीजन पहले फेफड़ों में जाती है फेफड़ा ऑक्सीजन लेकर शरीर के सभी अंगों में भेजने का कार्य करता है। उन्‍होंने कहा कि आज के परिदृश्य में बात करें तो बढ़ते हुए वायु प्रदूषण व धूम्रपान की वजह से अनेकों बीमारियां जन्म लेती है।

आकड़े कहते हैं कि हमारे देश में लगभग 17 लाख लोगों की मृत्यु प्रतिवर्ष वायु प्रदूषण की वजह से होती है। इन्हीं कारणों से फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों की संख्या व उनकी तीव्रता में काफी वृद्धि हुई है, फिर चाहे निमोनिया, टी0बी0, अस्थमा, सीओपीडी हो या चाहे कोविड-19 की ही बीमारी क्यों न हो सब की सब फेफड़ों से जुड़ी हुयी हैं।

फेफड़ों को मजबूत करने और फेफड़ों की बीमारी से बचने के उपायों के बारें में चर्चा करते हुये इण्डियन चेस्ट सोसाइटी के पूर्व अध्यक्ष डा. सूर्यकान्त ने कहा कि इस कोरोना काल में हमनें फेस मास्क लगाना सीखा है। अगर हम नियमित रूप से मास्क लगायें तो हम कोरोना के साथ-साथ वायु प्रदूषण और अन्य बीमारियों से बच सकते है।

धूम्रपान भी हमारे स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डालता है। डॉ सूर्यकांत ने सलाह दी कि फेफड़ों को मजबूत करने के लिए प्राणायाम व अन्य व्यायाम आधे घंटे अवश्य करें, इससे फेफड़े मजबूत होते हैं, इसके अतिरिक्त भाप लेनी चाहिए इससे फेफड़ों की गंदगी साफ होती है।

हमें रेस्पिरेटरी मसल्स और अपने इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए अच्छे खानपान (हरी सब्जियां, फल, पौष्टिक चीजें), प्राणायाम से फेफड़ो का स्टेमिना बढ़ाना, व्यायाम, भाप लेना आदि उपाये करने चाहिए। अगर ये सब सावधानियां हम बरतेंगे तो हमारे फेफड़े स्वस्थ्य रहेंगे, बीमारियां कम से कम होगी और हम सब एक स्वस्थ जिन्दगी जी पायेंगे।

डॉ सूर्यकांत ने कहा हमारे फेफड़ों को नुकसान पहुंचाने वाली वस्तुओं में धूम्रपान की भूमिका बहुत बड़ी है जो भी व्यक्ति धूम्रपान करता है तो वह अपने फेफड़ों को तो नुकसान पहुंचाता ही है साथ ही साथ अपने आसपास के वातावरण को भी प्रदूषित करता है और उसके धूम्रपान करने से उस दौरान निकलने वाला धुआं बड़ी मात्रा में उसके आसपास मौजूद लोगों के शरीर में चला जाता है।

इससे बचने की आवश्यकता है, इसी प्रकार अन्य वायु प्रदूषण के चलते भी हमारे फेफड़े को नुकसान पहुंचता है। डॉ सूर्यकांत ने सलाह दी कि फेफड़ों को मजबूत करने के लिए प्राणायाम व अन्य व्यायाम कम से कम आधे घंटे जरूर करें, इससे फेफड़े मजबूत होते हैं, इसके अतिरिक्त भाप लेनी चाहिए, इससे फेफड़ों की गंदगी साफ होती है।


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