कानपुर के बाद अब गोरखपुर में मेट्रो चलाने की तैयारी, तीन कार वाली चलेगी लाइट मेट्रो

टीम भारत दीप |

दोनों कारिडोर पर कुल 27 स्टेशन बनाए जाएंगे।
दोनों कारिडोर पर कुल 27 स्टेशन बनाए जाएंगे।

शासन द्वारा जारी डीपीआर के अनुसार गोरखपुर मेट्रो के लिए दो कॉरिडोर होंगे। दोनों कारिडोर पर कुल 27 स्टेशन बनाए जाएंगे। सभी स्टेशन एलिवेटेड यानी ऊपर बनाए जाएंगे। मेट्रो में लगभग 4672 करोड़ रुपए खर्च का अनुमान है। पहला कॉरिडोर श्याम नगर से मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय तक 15.14 किमी लंबा होगा।

गोरखपुर। प्रदेश में अब मेट्रो ट्रेनों का जाल बिछाने का क्रम जारी है। लखनऊ के बाद कानपुर, आगरा,वाराणसी अब गोरखपुर में मेट्रो चलाने की तैयारी चल रही है।

अब सीएम के गृहजनपद गोरखपुर के रहने वाले लोगों में मेट्रो की सवारी करने को बेताब है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर गोरखपुर शहर में लाइट रेल ट्रांजिट परियोजना (एलआरटी) के तहत तीन कोच वाली लाइट मेट्रो का डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार है।

डीपीआर तैयार

कैबिनेट ने डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) को अपनी मंजूरी भी दे दी है। केंद्र की अनुमति मिलते ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। प्रशासन से ​मिली जानकारी के अनुसार यह निर्माण कार्य 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य है। सरकार ने बजट में भी गोरखपुर, वाराणसी और अन्य शहरों में मेट्रो रेल परियोजनाओं के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान सुनिश्चित कर दिया है।

दो कारिडोर पर कुल बनाए जाएंगे 27 स्टेशन

शासन द्वारा जारी डीपीआर के अनुसार गोरखपुर मेट्रो के लिए दो कॉरिडोर होंगे। दोनों कारिडोर पर कुल 27 स्टेशन बनाए जाएंगे। सभी स्टेशन एलिवेटेड यानी ऊपर बनाए जाएंगे। मेट्रो में लगभग 4672 करोड़ रुपए खर्च का अनुमान है।

पहला कॉरिडोर श्याम नगर से मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय तक 15.14 किमी लंबा होगा। इसमें 14 स्टेशन बनाए जाएंगे। अनुमान है कि वर्ष 2024 में 1.55 लाख लोग इसमें रोजाना सफर करेंगे।

यह संख्या वर्ष 2031 में बढ़कर 2.05 लाख होगी, जबकि अगले दस साल यानी वर्ष 2041 तक इसमें 2.73 लाख लोग रोजाना सफर कर सकेंगे।दूसरा कॉरिडोर बीआरडी मेडिकल कालेज से नौसढ़ के बीच बनेगा, जो 12.70 किमी लंबा होगा। इसमें 13 स्टेशन प्रस्तावित है।

अनुमान है कि वर्ष 2024 में 1.24 लाख लोग इसमें रोजाना सफर करेंगे। यह संख्या वर्ष 2031 में बढ़कर 1.73 लाख होगी। जबकि अगले दस साल यानी वर्ष 2041 तक इसमें 2.19 लाख लोग रोजाना सफर कर सकेंगे। शुरुआत में मेट्रों से रोजाना छह सौ लोग यात्रा कर सकेंगे।

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