बैंक FD पर अभी कम मिलता रहेगा ब्याज, अधिक ब्याज के लिए अपना सकते हैं ये तरीके

टीम भारत दीप |

FD की ब्याज दरों पर रिजर्व बैंक के फैसले का असर काफी होता है।
FD की ब्याज दरों पर रिजर्व बैंक के फैसले का असर काफी होता है।

रिजर्व बैंक ने एक बार फिर प्रमुख दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। यह लगातार 8 वीं बार है, जब दरों को ज्यों का त्यों रखा गया है। इससे पूर्व मई 2020 में रेपो रेट को घटाया गया था। ऐसे में यदि आप बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) किए हुए हैं या करने वाले हैं तो आपको कोई फायदा नहीं होने जा रहा है।

नई दिल्ली। FD की ब्याज दरों पर रिजर्व बैंक के फैसले का असर काफी होता है। फिलहाल रिजर्व बैंक ने एक बार फिर प्रमुख दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। यह लगातार 8 वीं बार है, जब दरों को ज्यों का त्यों रखा गया है। इससे पूर्व मई 2020 में रेपो रेट को घटाया गया था। ऐसे में यदि आप बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) किए हुए हैं या करने वाले हैं तो आपको कोई फायदा नहीं होने जा रहा है।

दरअसल फिक्स्ड डिपॉजिट(FD) की ब्याज दरों पर रिजर्व बैंक के फैसले का असर काफी पड़ता है। यदि रिजर्व बैंक दरें घटाता तो आपकी FD पर और कम ब्याज मिलता। यदि वह रेपो रेट को बढ़ा देता तो आपको FD पर अधिक ब्याज मिलता। बताया जाता है कि डिपॉजिट और उधारी दोनों एक दूसरे से जुड़े हैं। यानी जब लोन पर ब्याज दर कम होगा तो डिपॉजिट पर भी कम होगा।

ऐसा इसलिए कि बैंक आपसे जो डिपॉजिट 5 या 6 फीसदी पर लेता है, वही पैसा आपको लोन के समय में 7-8 फीसदी पर देता है। दरअसल बैंक की यही प्रमुख कमाई होती है। बैंक के पास अपना खुद का पैसा बहुत कम रहता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रिजर्व बैंक ने दरों को जस का तस रखा है तो आपको मिलने वाला ब्याज भी जस का तस रहेगा।

बताया गया कि लोन की तरह ही इस समय बैंक की FD पर ब्याज दरें निचले स्तर पर हैं। कुछ जानकारों के मुताबिक आने वाले वक्त में रिजर्व बैंक रेपो रेट को बढ़ा सकता है। ऐसे में जानकारों की सलाह है कि यदि आप नई FD करने की योजना बना रहे हैं तो आपको कम समय के लिए इसे करना चाहिए। यदि पहले की FD है और रिन्यूअल कर रहे हैं तो भी कम समय के लिए ही इसे कीजिए।

यानी 6 महीने या एक साल के लिए। ऐसा इसलिए क्योंकि उसके बाद रेपो रेट में बढ़ोत्तरी हो सकती है। जिसके बाद आप इसी पैसे को नई FD के रूप में रख सकते हैं। जानकारों के मुताबिक यदि आप FD करना ही चाहते हैं तो आपको इसके लिए पैसों को कई साल के अलग-अलग समय में FD करना चाहिए। मान लीजिए आपके पास 1 लाख रुपए हैं तो आप इसे 4 हिस्सों में कर सकते हैं।

मतलब इसमें से 1 साल, 2 साल, 3 साल और 4 साल के लिए 25-25 हजार रुपए फिक्स्ड कर सकते हैं। एक साल के बाद जब आपकी डिपॉजिट का समय पूरा हो जाए तो आप इसे फिर से लंबे समय के लिए फिक्स कर सकते हैं। 

लंबे वक्त के लिए भी फिक्स कर सकते हैं पैसा

यदि आप चाहते हैं कि लंबे समय के लिए एक ही बार में पैसे को जमा कर दिया जाए तो इसके लिए आप बांड ले सकते हैं। दरअसल बांड पर वैसे भी ब्याज दर ज्यादा रहती है। काफी सारे बैंक और नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियां फ्लोटिंग रेट वाली फिक्स्ड डिपॉजिट भी ऑफर करते हैं। यदि आप चाहें तो इसे भी देख सकते हैं।

इस तरह के डिपॉजिट में रेट के बढ़ने और घटने का लाभ और नुकसान दोनों आपको होता है। यानी अब आगे ब्याज दरें बढ़ने की उम्मीद है तो आपको इसका लाभ मिल जाएगा।

CRR को बढ़ाने का फैसला

रिजर्व बैंक ने वैसे भी नकद आरक्षित अनुपात (CRR) को बढ़ाने का निर्णय किया है। इसे मार्च में 3 फीसदी से बढ़ाकर 3.5 फीसदी कर दिया गया था जबकि मई में इसे बढ़ाकर 4 फीसदी कर दिया गया था। CRR का अर्थ है कि बैंक रिजर्व बैंक के पास जो पैसे एक या दो दिन के लिए रखते हैं, उससे है।


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