चेक जारी करने से पहले रखें यह ध्यान, वर्ना उठाना पड़ सकता है नुकसान

टीम भारत दीप |

चेक बाउंस होने पर आपको पेनल्टी राशि देनी पड़ेगी।
चेक बाउंस होने पर आपको पेनल्टी राशि देनी पड़ेगी।

भारतीय रिजर्व बैंक ने 1 अगस्त से बैंकिंग नियमों में कुछ बदलाव किए हैं। जिसके तहत अब केंद्रीय बैंक ने चौबीसों घंटे बल्क क्लियरिंग की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय किया है। इस माह से नेशनल ऑटोमेटेड क्लियरिंग हाउस (एनएसीएच) 24 घंटे काम कर रहा है।

नई दिल्ली। यदि आप चेक के जरिए पेमेंट करते हैं, तो यह खबर आपके काम की है। दरअसल अब से किसी भी व्यक्ति को चेक जारी करने से पहले से अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है। भारतीय रिजर्व बैंक ने 1 अगस्त से बैंकिंग नियमों में कुछ बदलाव किए हैं। जिसके तहत अब केंद्रीय बैंक ने चौबीसों घंटे बल्क क्लियरिंग की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय किया है।

इस माह से नेशनल ऑटोमेटेड क्लियरिंग हाउस (एनएसीएच) 24 घंटे काम कर रहा है। चूंकि अब एनएसीएच सभी दिन काम कर रहा है। ऐसे में आपको चेक के माध्यम से पेमेंट करते समय अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है, क्योंकि कभी भी चेक क्लियरिंग के लिए जा सकता है और नॉन-वर्किंग डेज,छुट्टियों पर भी इसे भुनाया जा सकता है।

ऐसे में चेक जारी करने से पहले यह सुनिश्चित करें कि बैंक अकाउंट में पर्याप्त राशि हो, नहीं तो आपका चेक बाउंस हो जाएगा। चेक बाउंस होने पर आपको पेनल्टी राशि देनी पड़ेगी। वहीं आरबीआई ने इसी साल जनवरी में चेक आधारित लेनदेन की सेफ्टी बढ़ाने के लिए एक 'पॉजिटिव पे सिस्टम' लागू किया। जिसके तहत 50,000 से अधिक के भुगतान के लिए डिटेल की दोबारा पुष्टि की आवश्यकता हो सकती है।

इस प्रक्रिया के तहत चेक जारी करने वाला व्यक्ति जारी किए चेक से संबंधित डिटेल दोबारा देता है।  इसमें चेक नंबर, चेक डेट, चेक रिसीव करने वाले का नाम, खाता संख्या, राशि आदि शामिल होता है। 

क्या है एनएसीएच ?
एनएसीएच, नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा संचालित एक बल्क पेमेंट सिस्टम है। यह डिविडेंड, ब्याज, वेतन और पेंशन के भुगतान जैसे एक से अधिक क्रेडिट ट्रांसफर की सुविधा प्रदान करता है। इसके ​जरिए बिजली, गैस, टेलीफोन, पानी, लोन की किश्तों, म्यूचुअल फंड में निवेश और बीमा प्रीमियम से संबंधित भुगतानों के कलेक्शन की सुविधा भी प्रदान की जाती है।
 
 


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