मैनपुरी: 'मुफ्त' में मिले मकानों को किराए पर उठा कमाई में लगे सरकारी 'गरीब'

टीम भारत दीप |
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नोटिस का जवाब नहीं मिलने पर आवंटन निरसत करने की चेतावनी दी गई है।
नोटिस का जवाब नहीं मिलने पर आवंटन निरसत करने की चेतावनी दी गई है।

सत्यापन समिति ने कांशीराम कॉलोनी नगला कीरत के 222 आवासों को चिह्नित किया है। राजस्व विभाग, जिला नगरीय विकास अभिकरण, नगर पालिका कर्मियों की संयुक्त समिति ने 82 आवासों में किरायेदार रहने और 140 आवासों में ताला बंद रहने की रिपोर्ट दी है।

मैनपुरी। यूपी सरकार द्वारा गरीबों के लिए बनाए गए कांशीराम आवास पर अपात्रों का कब्जा है। ऐसे लोग किसी तरह आवास आवंटि कराने के बाद उसे किराए पर उठा रहे है। इसका खुलासा सत्यापन समिति की रिपोर्ट पर हुआ।

रिपोर्ट के अनुसार सरकारी जमीन पर बनी कांशीराम कॉलोनी में 82 लोग आवासों को किराए पर उठाकर किराया वसूल रहे हैं। डीएम के आदेश पर इसकी जांच कराई गई थी।। किराए पर उठाए गए आवासों को चिह्नित कर आवंटियों को नोटिस जारी किए गए हैं। नोटिस का जवाब नहीं मिलने पर आवंटित आवासों को निरस्त करने की चेतावनी दी गई है।

आपकों बता दें कि बसपा शासन में बनी कांशीराम कॉलोनी नगला कीरत में गरीब और आवासहीन लोगों को पात्रता के आधार पर आवास आवंटित किए गए थे। लाभार्थियों को आवास आवंटित करने के बाद आवासों की चाबियां भी दे दी गईं।

आवंटित आवासों को किराये पर उठाए जाने की शिकायत पर डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने जांच कराई। सत्यापन समिति ने आवासों की घर-घर जाकर जांच की। जांच में साफ हुआ कि 82 आवंटित आवासों को किराए पर उठाकर लाभार्थी किराया वसूल कर रहे हैं।

एक सप्ताह में मांगा जवाब

मालूम हो कि सत्यापन समिति ने अपनी रिपोर्ट आठ जून 2018 को डीएम को सौंप दी। सत्यापन समिति की रिपोर्ट आने के बाद डीएम के आदेश पर परियोजना अधिकारी जिला नगरीय विकास अभिकरण ने सभी आवंटियों को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में अपना पक्ष रखने को कहा है। नोटिस का जवाब नहीं मिलने पर आवंटन निरसत करने की चेतावनी दी गई है।

222 आवास चिह्नित

सत्यापन समिति ने कांशीराम कॉलोनी नगला कीरत के 222 आवासों को चिह्नित किया है। राजस्व विभाग, जिला नगरीय विकास अभिकरण, नगर पालिका कर्मियों की संयुक्त समिति ने 82 आवासों में किरायेदार रहने और 140 आवासों में ताला बंद रहने की रिपोर्ट दी है।

रिपोर्ट के अनुसार 140 लोग आवंटित आवासों में न रहकर अपने निजी आवासों में रह रहे हैं। आवास आवंटन के बाद उनको पड़ोसियों ने कभी भी आवासों में रहते हुए नहीं देखा है।

सत्यापन समिति ने की मनमानी

वहीं इस मामले में कांशीराम कालोनी के सभासद रणजीत सिंह का कहना है कि कांशीराम कॉलोनी नगला कीरत के आवासों की जांच में धांधली की गई है। सत्यापन समिति ने एक स्थान पर बैठकर जांच रिपोर्ट तैयार की है।

50 से अधिक आवासों में आवंटियों के रहने के बाद भी आवासों में ताला बंद होने की रिपोर्ट दी गई है। आवासों को किराए पर उठाने की रिपोर्ट भी सही नहीं है। आवंटी के भाई अथवा मां के साथ रहने पर उसे किराएदार बताया गया है।

वहीं परियोजना अधिकारी आरके सिंह का कहना है कि डीएम के निर्देश पर बनी सत्यापन समिति की जांच रिपोर्ट में 222 आवासों में लाभार्थियों के नहीं रहने की बात सामने आई है।

सभी को नोटिस जारी कर कांशीराम कॉलोनी में पांच स्थानों पर सूची चस्पा कराई गई है। एक सप्ताह में नोटिस का जवाब नहीं मिलने पर आवंटन निरसत करने की कार्रवाई की जाएगी। वहीं हितग्राहियों के नाम नोटिस जारी होने के बाद से हड़कंप मचा हुआ है। 

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