मुस्लिम वोटों के बंटवारें के कारण यूपी में ​भाजपा ने विपक्ष को किया चारों खाने चित्त

टीम भारत दीप |
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हर चुनाव में मुस्लिम वोटों के बंटने के बाद बीजेपी को फायदा होता है।
हर चुनाव में मुस्लिम वोटों के बंटने के बाद बीजेपी को फायदा होता है।

प्रदेश में हुए सात सीटों पर उपचुनाव के परिणाम आने के बाद अब यूपी में राजनीतिक दलों की स्थिति साफ हो गई कि कौन कितने पानी में है। सभी राजनीतिक दल मुस्लिम वोटों को अपनी तरफ मोडने के लिए हर संभव प्रयास करते है।

लखनऊ। प्रदेश में हुए सात सीटों पर उपचुनाव के परिणाम आने के बाद अब यूपी में राजनीतिक दलों की स्थिति साफ हो गई कि कौन कितने पानी में है। सभी राजनीतिक दल मुस्लिम वोटों को अपनी तरफ मोड़ने के लिए हर संभव प्रयास करते है।

इसी का नतीजा है कि हर चुनाव में मुस्लिम वोटों के बंटने के बाद बीजेपी को फायदा होता है। 2017 के चुनाव मुस्लिम वोटों के बंटवारे से भाजपा को फायदा हुआ था। 

इस बार अलग-अलग चुनाव लड़कर दोनों दलों ने भाजपा के खिलाफ मुस्लिम वोटों को रिझाने की पूरी कोशिश की। दोनों के हिस्से में मुस्लिमों के वोट आए भी मगर बंटवारे की वजह से भाजपा को फायदा हुआ। 

अमरोहा की नौगंवा सादात विस सीट पर सपा के जावेद अब्बास ने भाजपा की संगीता चौहान को कड़ी टक्कर दी। मगर बसपा के फुरकान के खड़े हो जाने से उन्हें मुस्लिम वोटों के बंट जाने का नुकसान उठाना पड़ा।

सपा के जावेद को कुल 34.46 प्रतिशत और बसपा के फुरकान को 18.48 प्रतिशत मत मिले। बुलंदशहर सीट पर भी बसपा के मो.यूनुस भाजपा की उषा सिरोही के खिलाफ खूब लड़े, उन्हें 33.08 प्रतिशत मत मिले मगर आजाद समाज पार्टी कांशीराम के मो.यामीन ने भी 6.69 प्रतिशत अंक हासिल कर उन्हें नुकसान पहुंचाया। रही सही कसर सपा के उम्मीदवार ने पूरी कर दी।

इस सीट पर चर्चित सांसद असदउद्दीन ओवैसी की पार्टी आल इंडिया मजिलस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमीन के उम्मीदवार दिलशाद अहमद, कांग्रेस के सुशील चौधरी व रालोद के प्रवीन कुमार सिंह के बीच भी मुस्लिम वोटों की हिस्सेदारी हुई। 

इसी तरह टूण्डला विस सीट पर सपा के महाराज सिंह धनगर को 30.49 प्रतिशत और बसपा के संजीव कुमार को 22.62 मत मिले। इन दोनों उम्मीदवारों के बीच मुस्लिम वोटों का खासा बंटवारा हुआ

। वहीं बांगरमऊ सीट पर बसपा के सुरेश कुमार पाल को 20.28 प्रतिशत और कांग्रेस की आरती वाजपेयी को 22.96 प्रतिशत वोट मिले। सपा के उम्मीदवार ने भी यहां मुस्लिम वोटों में सेंध लगाई, जिससे भाजपा के श्रीकांत कटियार की राह आसान हो गयी।

कानपुर की घाटमपुर सीट पर कांग्रेस के डॉ.कृपा शंकर को 23.23 प्रतिशत और बसपा के कुलदीप शंखवार को 21.56 प्रतिशत मत मिले। यहां सपा के उम्मीदवार इंद्रजीत कोरी को 14.44 प्रतिशत वोट मिले।

इन तीनों के बीच भाजपा के खिलाफ मुस्लिम वोटों की लामबंदी कामयाब नहीं हो सकी।देवरिया सीट पर सपा के ब्रम्हशंकर त्रिपाठी व बसपा के अभयनाथ त्रिपाठी के बीच मुस्लिम वोट बंट गया।

वोट बंटवारे के कारण ही इतने विरोध के बाद भी भाजपा ने सात में से 6 सीटों पर कब्जा कर लिया।मालूम हो कि जब सपा, बसपा और कांग्रेस को खुद को मुस्लमानों का हितैषी बताने में जुटी रहती है।

 तब इसी बात का फायदा उठाकर भाजपा हिन्दूओं को यह संदेश देती है कि उनक हितों की रक्षा केवल भाजपा ही कर सकती है, इसलिए भाजपा को फायदा होता है। 


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