चीनी मशीन ले रही जान:गुजरात के कोविड अस्पताल में चौथी बार लगी आग, इस बार पांच मरीज जलकर मरे

टीम भारत दीप |

देर रात कोविड सेंटर में आग लगने से अस्पताल में भगदड़  मच गई।
देर रात कोविड सेंटर में आग लगने से अस्पताल में भगदड़ मच गई।

राजकोट। गुजरात में गुरुवार रात को चौथी बार कोविड सेंटर में आग लग गई। इस बार आग से 5 मरीजों की जलकर मौत हो गई। इस बार आग गुजरात के राजकोट जिले के एक कोविड अस्पताल में गुरुवार देर रात आग लग गई। इस हादसे में पांच कोरोना मरीजों की जलकर मौत हो गई, जबकि एक मरीज की हालत गंभीर है।

राजकोट। गुजरात में गुरुवार रात को चौथी बार कोविड सेंटर में आग लग गई। इस बार आग से 5 मरीजों की जलकर मौत हो गई। इस बार आग गुजरात के राजकोट जिले के एक कोविड अस्पताल में गुरुवार देर रात आग लग गई।

इस हादसे में पांच कोरोना मरीजों की जलकर मौत हो गई, जबकि एक मरीज की हालत गंभीर है।शुरूआती जानकरी के अनुसार यह आग मशीनों में शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी है। अभी कुछ दिन पहले ऐसी ही आग मध्यप्रदेश के ग्वालियर में लगी थी, गलीमत यहीं रहीं कि ग्वायिर में ज्यादा नुकसान नहीं हुआ था।

आग लगने से पूरे अस्तपाल में भगदड़ मच गई।अस्पताल स्टाफ ने ​बा​की मरीजों को किसी तरह बाहर निकाला।  मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने हादसे की जांच के आदेश दिए हैं।राजकोट शहर के आनंद बंगला चौराहे के पास उदय शिवानंद कोविड अस्पताल के आईसीयू वार्ड में गुरुवार रात एक से दो बजे के बीच आग लगी।

हॉस्पिटल में 33 कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा था। आग से बचाए गए मरीजों को दूसरे कोविड अस्पताल में शिफ्ट किया गया है।आग से जलकर मरने वालों के नाम रामसिंहभाई, नितिनभाई बदानी, रसिकलाल अग्रावत, संजय राठौर और केशुभाई अकबरी हैं। उदय शिवानंद अस्पताल को सितंबर में ही कोविड सेंटर के रूप में मंजूरी दी गई थी।

गुजरात के किसी अस्पताल में अगस्त से अब तक आगजनी की यह चौथी घटना है। बताया जा रहा है कि मृतकों में से कुछ ने हॉस्पिटल में एक-एक लाख रुपए डिपॉजिट भी कराए थे। आग लगने की सूचना मिलते ही मौके पर फायर ब्रिगेड की टीम मौके पहुंची और राहत-बचाव का काम शुरू किया।

इस संबंध में राजकोट के पुलिस कमिश्नर मनोज अग्रवाल भी घटनास्थल पर पहुंचे।कमिश्नर ने बताया कि मुख्यमंत्री विजय रूपाणी लगातार हमारे संपर्क में हैं। हादसे के लिए जो भी जिम्मेदार होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी।

हॉस्पिटल के नर्सिंग स्टाफ ने बताया कि दूसरी मंजिल पर बने आईसीयू वार्ड में अचानक धुंए का गुबार उठने लगा। डॉक्टरों समेत सभी मेडिकल कर्मियों में भगदड़ मच गई। खिड़कियों के शीशे तोड़कर मरीजों को बचाया गया।

अभी तक जो भी आग लगने की घटनाएं हुई है उनमें खराब क्वालिटी की मशीनों की वजह से हादसा हो रहा है। यह मशीने चीन से आयातित की गई है। एक तरफ सरकार चीन के उपकरणों पर प्रतिबंध लगा रहा है। दूसरी तरफ अभी भी चीन के भरोसे कोरोना से लड़ाई लड़ रहे है। 

गुजरात में इससे पहले 6 अगस्त को अहमदाबाद के नवरंगपुरा इलाके के श्रेय अस्पताल की चौथी मंजिल पर आग लगी थी, जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई थी। मरने वालों में में पांच पुरुष और तीन महिलाएं थीं।इसके बाद  गुजरात के जामनगर के जीजी अस्पताल में 25 अगस्त को शॉर्ट सर्किट की वजह से आईसीयू में आग लगी थी।

यहां नौ मरीजों का इलाज चल रहा था। चार दमकलकर्मियों ने मौके पर पहुंचकर आग बुझाई थी। मरीजों को खिड़की से बाहर निकाला गया था। सितंबर में वडोदरा के सयाजी अस्पताल के आईसीयू-2 वार्ड में आग लगी थी। धुएं से मरीजों में दहशत फैल गई थी


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