परिषदीय स्कूलों में अंकों का जादू पढ़ेंगे बच्चे,बच्चों की उम्र के हिसाब से बदले गए किताबों के नाम

टीम भारत दीप |

कक्षा दो की पाठ्य पुस्तक कलरव का नाम बदलकर किसलय कर दिया गया है।
कक्षा दो की पाठ्य पुस्तक कलरव का नाम बदलकर किसलय कर दिया गया है।

परिषदीय स्कूलों में अभी तक कक्षा दो से लेकर पांच तक की सभी विषय की पुस्तकों के नाम एक जैसे और छह से लेकर आठ तक की पुस्तकों के नाम एक ही थे। इससे बच्चों में काफी भ्रम की स्थिति रहती थी। बच्चों की अभिरुचि को ध्यान में रखते हुए शासन ने पुस्तकों के नाम परिवर्तन कर सरल और रोचक कर दिया है।

प्रयागराज। प्रदेश सरकार अब परिषदीय स्कूलों में कक्षा दो से आठ तक की पाठ्य पुस्तकों के नाम बदल दिए हैं। अब बच्चे गणित में गिनतारा की जगह अंकों का जादू, अंक जगत, गणित ज्ञान तो हिंदी में कलरव की जगह किसलय, पंखुड़ी, फुलवारी, वाटिका पढ़ेंगे।

कवर पेज को भी बच्चों की अभिरुचि के अनुसार आकर्षक ढंग से सजाया गया है। जबकि पाठ्यक्रम में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। नए नाम के साथ परिषदीय स्कूलों की पुस्तकें छपकर जनपद में पहुंचने लगी हैं।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हिंदी माध्यम के साथ-साथ अंग्रेजी माध्यम की पुस्तकों के नाम भी बदल दिए गए हैं। पाठ्य पुस्तकों के साथ कार्य पुस्तिका के नाम भी बदले गए हैं, जो पुस्तक के नाम से मिलते-जुलते हैं। 

परिषदीय स्कूलों में अभी तक कक्षा दो से लेकर पांच तक की सभी विषय की पुस्तकों के नाम एक जैसे और छह से लेकर आठ तक की पुस्तकों के नाम एक ही थे। इससे बच्चों में काफी भ्रम की स्थिति रहती थी।

बच्चों की अभिरुचि को ध्यान में रखते हुए शासन ने पुस्तकों के नाम परिवर्तन कर सरल और रोचक कर दिया है। इससे बच्चों को पुस्तकों का नाम याद रखने में सहूलियत होगी। 

कवर पेज को बनाया गया आर्कषक

बच्चों का किताबों में मन लगे इसके लिए कवर पेज को रचिकर रंग और आकृति से सजाया गया है, जो बच्चों को आकर्षित करें। पाठ्य पुस्तकों के साथ कार्यपुस्तिका नाम भी बदला गया है। जो पुस्तक के नाम से मिलते-जुलते ही हैं।

आंग्ला भाषा शिक्षा संस्थान के प्राचार्य डॉ. स्कंद शुक्ला ने बताया कि शासन ने एक अच्छी पहल करते हुए बच्चों की आयु वर्ग और उनकी रुचि के अनुसार पाठ्य पुस्तकों के नाम और कवर पेज बदले गए हैं।

उत्तर प्रदेश दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव का कहना है कि पुस्तकों के नाम परिवर्तित कर सरल व रोचक रखने से बच्चों को विषय के नाम याद रखने में आसानी होगी। 

अब पुस्तकों के नाम बदलकर ये हुए

कक्षा दो की पाठ्य पुस्तक कलरव का नाम बदलकर किसलय कर दिया गया है। वहीं कक्षा तीन की पाठ्य पुस्तक कलरव का नाम बदलकर पंखुड़ी और गिनतारा का अंकों का जादू किया गया है।

कक्षा चार की पुस्तक कलरव, गिनतारा, हमारा परिवेश, रेनबो, संस्कृत पीयूषम का नाम बदलकर क्रमश: फुलवारी, अंक जगत, पर्यावरण, स्प्रिंग और संस्कृत सुधा किया गया है। वहीं क क्षा पांच की पाठय पुस्तक कलरव, गिनतारा, हमारा परिवेश, रेनबो, संस्कृत पीयूषम, मंजरी, का नाम बदलकर क्रमश: वाटिका, गणित ज्ञान, प्रकृति, पीटल्स, संस्कृत सुबोध किया गया है।

कक्षा छह की पाठ्य पुस्तक मंजरी, गणित, आओ समझें विज्ञान, संस्कृत पीयूषम, रेनबो का नाम बदलकर क्रमश: अक्षरा, सीख गणित, विज्ञान भारती, संस्कृत निधि, अंग्रेजी रीडर प्रथम किया गया है।

कक्षा सात की पाठ्य पुस्तक मंजरी, गणित, पृथ्वी ओर हमारा जीवन, आओ समझें विज्ञान, संस्कृत पीयूषम, रेनबो, गृह शिल्प, महान व्यक्तित्व का नाम बदलकर क्रमश: दीक्षा, गणित प्रकाश, हमारा भूमंडल, विज्ञान भारती-दो, संस्कृत मंजूषा, अंग्रेजी रीडर-दो, गृह कौशल, भारत की महान विभूतियां किया गया है।

कक्षा आठ की पाठ्य पुस्तक मंजरी, गणित, पृथ्वी और हमारा जीवन, आओ समझें विज्ञान, संस्कृत पीयूषम, रेनबा, महान व्यक्तित्व का नाम बदलकर क्रमश: प्रज्ञा, गणित मंथन, भारत संसाधन और विकास, विज्ञान भारती-तीन, संस्कृत भारती, अंग्रेजी रीडर-तीन, हमारे आदर्श किया गया है।

इसे भी पढ़ें...


संबंधित खबरें