कांग्रेस के सहयोगी एनसीपी प्रमुख शरद पवार बोले, राहुल गांधी में निरंतरता की कमी

टीम भारत दीप |

ऐसे अब में गांधी परिवार के खिलाफ आवाज  उठाने वालों को सुर मजबूत करने को बल मिलेगा।
ऐसे अब में गांधी परिवार के खिलाफ आवाज उठाने वालों को सुर मजबूत करने को बल मिलेगा।

पहले अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपनी बुक में कमजोर नेता बताया था। अब राकांपा प्रमुख शरद पवार ने टिप्प्णी करते हुए कहा कि राहुल गांधी में कुछ हद तक निरंतरता की कमी लगती है। पवार ने हालांकि कांग्रेस नेता पर बराक ओबामा की टिप्पणियों को लेकर कड़ी आपत्ति जताई।

महाराष्ट्र। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के दिन इस समय अच्छे नहीं चल रहे है। एक तरफ कांग्रेस पार्टी की हार दर हार साग गिरती जा रही है। दूसरी तरफ उनके आलोचकों की संख्या बढती जा रही है।

पहले अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपनी बुक में कमजोर नेता बताया था। अब राकांपा प्रमुख शरद पवार ने टिप्प्णी करते हुए कहा कि राहुल गांधी में कुछ हद तक निरंतरता की कमी लगती है। पवार ने हालांकि कांग्रेस नेता पर बराक ओबामा की टिप्पणियों को लेकर कड़ी आपत्ति जताई।

एक साक्षात्कार में यह पूछे जाने पर कि क्या देश राहुल गांधी को नेता मानने के लिए तैयार है, तो पवार ने कहा कि इस संबंध में कुछ सवाल हैं। उनमें निरंतरता की कमी लगती है।ओबामा ने हाल ही में प्रकाशित अपने संस्मरण में कहा था कि कांग्रेस नेता शिक्षक को प्रभावित करने के लिए उस उत्सुक छात्र की तरह लगते हैं जिसमें विषय में महारत हासिल करने के लिए योग्यता और जुनून की कमी है।

इस बारे में पूछे जाने पर पवार ने कहा कि यह जरूरी नहीं है कि हम सभी के विचार को स्वीकार करें।उन्होंने कहा, मैं अपने देश के नेतृत्व के बारे में कुछ भी कह सकता हूं। लेकिन मैं दूसरे देश के नेतृत्व के बारे में बात नहीं करूंगा। किसी को उस सीमा को बनाए रखना चाहिए।

मुझे लगता है कि ओबामा ने उस सीमा को पार कर लिया कांग्रेस के भविष्य और यह पूछे जाने पर कि क्या राहुल गांधी पार्टी के लिए बाधा बन रहे हैं तो पवार ने कहा कि किसी भी पार्टी का नेतृत्व इस बात पर निर्भर करता है कि संगठन के भीतर उन्हें कैसे स्वीकार किया जाता है।

ऐसे समय में शरद पवार द्वारा राहुल गांधी को कमजोर बताए जाने पर कांग्रेस नेतृत्व के लिए मुश्किल बढ सकती है। आने वाले समय कांग्रेस  अध्यक्ष को लेकर फैसला हो सकता हैं। ऐसे अब में गांधी परिवार के खिलाफ आवाज  उठाने वालों को सुर मजबूत करने को बल मिलेगा। 


संबंधित खबरें