सभी को नहीं लगाई जाएगी कोरोना वैक्सीन, मोदी सरकार ने बताई वजह

टीम भारत दीप |

वैज्ञानिक विश्लेषण के बाद टीकों को मंजूरी दी जाती है।
वैज्ञानिक विश्लेषण के बाद टीकों को मंजूरी दी जाती है।

वैज्ञानिक रूप से टीका हर किसी को लगाना जरूरी नहीं है। कोरोना टीका दुनिया में हर किसी को नहीं लगाया जाएगा। सभी चीजें वैज्ञानिक सलाह पर आधारित हैं।

नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस को लेकर चल रहे दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के बीच सरकार ने कहा है कि हर किसी को कोरोना वैक्सीन नहीं लगाई जाएगी। दरअसल केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि कोरोना संक्रमण से बचाने वाला टीका देश में सभी लोगों को नहीं लगाया जाएगा।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने शुक्रवार को कहा कि हर टीका हर व्यक्ति को लगाने की जरूरत नहीं होती है। लोकसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि दुनिया में हर व्यक्ति को कोविड-19 टीका नहीं लगाया जाएगा।

दरअसल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की सांसद सुप्रिया सुले की ओर से यूनिवर्सल वैक्सीनेशन को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हर वैक्सीन को सभी लोगों को लगाए जाने की जरूरत नहीं होती। टीकाकरण के लिए प्राथमिकता समूह सावधानीपूर्वक और वैज्ञानिक ढंग से तय किए गए हैं।

कहा गया कि कल प्राथमिकता समूह में विस्तार होगा। किन्हें टीका लगाया जाए यह विशेषज्ञों की सलाह और विश्व स्वास्थ्य संगठन के गाइडलाइंस पर तय किया जाता है। बताया गया कि टीकाकरण पर भारतीय विशेषज्ञ समूह इस क्षेत्र के वैज्ञानिक विकास के साथ संपर्क में है। वैज्ञानिक रूप से टीका हर किसी को लगाना जरूरी नहीं है।

कोरोना टीका दुनिया में हर किसी को नहीं लगाया जाएगा। सभी चीजें वैज्ञानिक सलाह पर आधारित हैं।

जानकारी के मुताबिक केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्धन ने कोरोना वायरस के टीकों को लेकर अनेक लोगों के मन में पैदा हो रहीं आशंकाओं को खारिज करते हुए शुक्रवार को कहा कि दुनियाभर में वैज्ञानिकों के विश्लेषण के बाद टीकों को मंजूरी दी गयी है। हमें इन पर विश्वास करना चाहिए।

उन्होंने लोकसभा में प्रश्नकाल में कहा कि देश-दुनिया में तमाम लोगों के मन में आशंका है कि कोरोना वायरस का टीका आने वाले समय में नुकसान तो नहीं पहुंचाएगा?

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत में जिन दो टीकों कोविशील्ड और कोवैक्सिन को इस्तेमाल की मंजूरी दी गयी है, वे सुरक्षा, प्रभावशीलता और प्रतिरक्षा क्षमता पैदा करने के मानदंडों पर पूरी तरह खरे उतरते हैं।

लोकसभा में कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू के पूरक प्रश्नों के उत्तर में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ने बताया कि देश के लोगों को कोविड टीकों को लेकर कोई भ्रम नहीं रखना चाहिए। कहा गया कि पूरे वैज्ञानिक परीक्षणों और अध्ययनों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने टीकों की जो सुविधा उपलब्ध कराई है।

उसका सभी को लाभ उठाना चाहिए और अपने निवास स्थान के पास के निजी या सरकारी अस्पताल में जाकर टीका लगवाकर सभी को सुरक्षित करना चाहिए। उधर बिट्टू ने कोरोना टीकों से भविष्य में लोगों के डीएनए पर दुष्प्रभाव पड़ने संबंधी आशंकाओं पर पूरक प्रश्न पूछा था।

जिस पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आज के समय में कई बीमारियों से होने वाली मौत को टीके लगाकर रोका जा सकता है। टीकों की मदद से ही देश में चेचक और पोलियो जैसी बीमारियों को खत्म किया गया है। कहा गया कि केवल दो देशों में पोलियो थोड़ा बचा है और वह भी पूरी तरह से खत्म होने की ओर है।

कहा गया कि कई स्तर पर अनेक लोगों पर वैज्ञानिक परीक्षणों के बाद टीकों को समाज में इस्तेमाल की मंजूरी दी जाती है। स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बताया कि क्लिनिकल ट्रायल के परिणामों के आधार पर विशेषज्ञ समितियां टीकों के इस्तेमाल की मंजूरी देती हैं।

कहा गया कि टीकों का पूरी दुनिया में सात स्थानों पर स्वतंत्र तरीके से आकलन होता है जिनमें फरीदाबाद स्थित जैवप्रौद्योगिकी संस्थान भी है। बताया गया कि वैज्ञानिक विश्लेषण के बाद टीकों को मंजूरी दी जाती है। इस पर विश्वास करना चाहिए। 


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