खतरे की आहट: धरने पर बैठे किसानों का स्वास्थ्य खराब, कोरोना जांच से इनकार

टीम भारत दीप |
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किसानों की सेवा करने के लिए दवाइयों के लंगर भी लगाए जा रहे हैं।
किसानों की सेवा करने के लिए दवाइयों के लंगर भी लगाए जा रहे हैं।

किसानों को डर है कि कहीं कोरोना जांच में फर्जी रिपोर्ट लगाकर उन्हें 14 दिन के लिए क्वारंटीन न कर दिया जाए। इसके पीछे केंद्र की साजिश भी हो सकती है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि जांच केंद्र नहीं, दिल्ली सरकार करा रही है। इसलिए डरने की बात नहीं है, परंतु किसान फिर भी नहीं मान रहे हैं।

नईदिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि सुधार के तीन कानूनों को खत्म कराने के लिए पिछले दस दिन से धरने पर बैठे किसानों की तबीयत खराब होने लगी है। अमर उज्जाला में छपी खबर के मुताबिक धरने पर डटे तीन सौ ज्यादा किसानों कोरोना के लक्षण दिखाई दे रहे है।

स्वास्थ्य विभाग के कहने के बाद भी बीमार किसान कोरोना जांच के लिए सैंपल देने को तैयार नहीं है। किसानों का कहना है कि सरकार कोरोना का डर दिखाकर उन्हें धरने से हटाना चाहती है।शनिवार को सिंघु बॉर्डर पर बड़ी संख्या में किसान बीमार नजर आए। पंजाब से आए किसान हरबीर सिंह का कहना है कि लगभग 300 लोग बीमार हैं।

इनमें ज्यादातर को बुखार है और कुछ को खांसी-जुकाम। किसानों का मानना है कि ठंड में रहने के कारण ऐसा हो रहा है, लेकिन चर्चा यह भी है कि उन्हें कोरोना भी हो सकता है। पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें कोरोना जांच कराने की बात कही तो उन्होंने इनकार कर दिया।

किसानों को डर है कि कहीं कोरोना जांच में फर्जी रिपोर्ट लगाकर उन्हें 14 दिन के लिए क्वारंटीन न कर दिया जाए। इसके पीछे केंद्र की साजिश भी हो सकती है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि जांच केंद्र नहीं, दिल्ली सरकार करा रही है। इसलिए डरने की बात नहीं है, परंतु किसान फिर भी नहीं मान रहे हैं।

दवाइयों के भी लंगर:किसानों की सेवा करने के लिए दवाइयों के लंगर भी लगाए जा रहे हैं। वहां भी लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाव के उपाय बताए जा रहे हैं, परंतु ज्यादातर किसान न तो मास्क लगाते हैं और न ही सामाजिक दूरी का पालन होता है। इसलिए आशंका है कि यदि कोई कोरोना संक्रमित हो गया तो उससे बड़ी संख्या में लोग चपेट में आ सकते हैं।

किसानों को कर रहे जागरूक: सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टर जुगल किशोर ने बताया कि सामान्य तौर पर सर्दी खांसी फ्लू भी हो सकता है। फिलहाल कोरोना काल चल रहा है। इसलिए किसानों को जांच कराने से इनकार नहीं करना चाहिए।

 यह उनकी और दूसरों की सुरक्षा का सवाल है। उन्होंने सलाह दी कि जांच से डरने की जरूरत नहीं है। किसानों का धरना खत्म कराने के लिए सरकार ने कई चरण में बात की, लेकिन किसान कानून खत्म करने से कम पर राजी नहीं है। 


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