एम्फोटेरेसिन बी इंजेक्शन की कमी से ब्लैक फंगस के मरीजों के इलाज में परेशानी

टीम भारत दीप |

एक मरीज के इलाज में औसतन 5 से 6 इंजेक्शन देने की जरूरत होती है।
एक मरीज के इलाज में औसतन 5 से 6 इंजेक्शन देने की जरूरत होती है।

इंजेक्शन न तो बाजार में मिल रहा है, न ही शासन स्तर से भी जरूरत के हिसाब से मिल पा रहा है। मरीजों में फंगस का असर जल्द दूर हो सके इसके लिए उन्हें इंजेक्शन और एंटीफंगल दवाइयां दी जाती हैं।

वाराणसी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक दिन पहले ही पूर्वांचल के कई जिलों समेत वाराणसी का दौरा करके कोरोना वायरस से निपटने की तैयारियों को देखा था। इसके बावजूद वाराणसी के बीएचयू में भर्ती ब्लैक फंगस के मरीजों के इलाज के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं मिल पा रहे है।

जैसे -जैसे मरीजों की संख्या बढ़ रहीं है वैसे-वैसे इंजेक्शन एम्फोटेरेसिन बी की किल्लत सामने आ रही है। इंजेक्शन न तो बाजार में मिल रहा है, न ही शासन स्तर से भी जरूरत के हिसाब से मिल पा रहा है। मरीजों में फंगस का असर जल्द दूर हो सके इसके लिए उन्हें इंजेक्शन और एंटीफंगल दवाइयां दी जाती हैं।

कम से कम 6 इंजेक्शन देने होते है

डॉक्टरों के मुताबिक ब्लैक फंगस के एक मरीज के इलाज में औसतन 5 से 6 इंजेक्शन देने की जरूरत होती है। एक मरीज औसतन सप्ताह भर भी रहता है तो 30 से 35 इंजेक्शन लगेगा।

पिछले सप्ताह बुधवार को पहले 100 इंजेक्शन मिले वो दो दिन में खत्म हो गए। इसके बाद बीएचयू की ओर से भी 300 इंजेक्शन की मांग की गई थी जिसमें स्वास्थ विभाग की ओर से 50 इंजेक्शन ही मिल पाए हैं।इससे कैसे मरीजों का इलाज होगा यह सोचने का विषय है। 

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आपकों बता दें कि अब तक बीएचयू में 93 मरीज सामने आ चुके हैं। बीएचयू अस्पताल के डिप्टी एमएस प्रो.सौरभ सिंह ने बताया कि बीएचयू में 24 घंटे ऑपरेशन की सुविधा शुरू हो गई है। सोमवार और मंगलवार को 17 मरीजों के ऑपरेशन हुए। अब तक 29 मरीजों के ऑपरेशन हुए हैं। जबकि 15 मरीजों की मौत हो चुकी है। वर्तमान में 78 मरीजों का इलाज चल रहा है।

78 में 46 मरीजों ने नहीं कराया टीकाकरण

ब्लैक फंगस होने की सबसे बड़ी वजह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी बताई जा रही है। इस बीच बीएचयू में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। ब्लैक फंगस से ग्रसित 78 मरीजों में 48 मरीज पोस्ट कोविड वार्ड में भर्ती हैं, इसमें 46 ने अब तक टीकाकरण नहीं कराया है।

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डिप्टी एमएस प्रो.सौरभ सिंह ने बताया कि इन मरीजों में 47 को मधुमेह है जो अनियंत्रित रहता है। अगर टीकाकरण समय से करा लिया जाए तो केवल फंगस ही नहीं बल्कि कोरोना काल में अन्य बीमारियों का खतरा भी कम रहता है।

सीएमओ डॉ. वीबी सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने शासन से 2000 इंजेक्शन की मांग की गई है, जिससे कि मरीजों के इलाज में कोई समस्या न आए। इंजेक्शन आते ही जरूरत के हिसाब से नियमानुसार बीएचयू भिजवाया जाएगा।


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