जांच में हुआ खुलासा 3 करोड़ के बंगले में रहता है 30 हजार कमाने वाले लिपिक का परिवार

टीम भारत दीप |

मालूम हो कि लिपिक 10 वर्षों तक चौकाघाट स्थित परिवहन विभाग के सिटी कार्यालय में तैनात रह चुका है।
मालूम हो कि लिपिक 10 वर्षों तक चौकाघाट स्थित परिवहन विभाग के सिटी कार्यालय में तैनात रह चुका है।

तीन मंजिला इस बंगले में कीमती लकड़ियों से भव्य सजावट भी की गई है। लिपिक वर्तमान में बलिया में तैनात है जबकि पूरा परिवार इसी बंगले में रहता है। मालूमह हो कि लिपिक 10 वर्षों तक चौकाघाट स्थित परिवहन विभाग के सिटी कार्यालय में तैनात रह चुका है।

वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में एक लिपित करोड़ों का मालिक निकला। मालूम हो कि इस लिपिक पर 2018 में आय से अधिक संपत्ति के मामले की शिकायत की गई थी। जांच के बाद सामने आया कि वह करोड़ों रुपये का मालिक है

। लिपिक की संपत्ति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वह अपने परिवार के साथ करीब 3 करोड़ के आलीशान बंगले में रहता है।  इस समय वह बलिया में है लेकिन इससे पहले तक वाराणसी में ही तैनात था।

इस मामले में शिकायतकर्ता ने कहा है कि 30 से 40 हजार रुपये कमाने वाले लिपिक के पास इतना धन कहां से आया कि वो करोड़ों के बंगले में रह रहा है, उसने लिपिक की आय का ब्योरा एंटी करप्शन विभाग को सौंपा है। 

बंगले में बनवा रखा है स्वीमिंग पूल

मालूम हो कि मरुवाडीह इलाके में बने इस बंगले में स्विमिंग पूल भी है। बंगले की दूसरी मंजिल पर बने स्विमिंग पूल के किनारे सनबाथ लेने के लिए कुर्सियों का भी इंतजाम किया गया है। इतना ही नहीं बाहर लॉन में कीमती कारें भी खड़ी रहती हैं।

तीन मंजिला इस बंगले में कीमती लकड़ियों से भव्य सजावट भी की गई है। लिपिक वर्तमान में बलिया में तैनात है जबकि पूरा परिवार इसी बंगले में रहता है। मालूम हो कि लिपिक 10 वर्षों तक चौकाघाट स्थित परिवहन विभाग के सिटी कार्यालय में तैनात रह चुका है।

कार से आता -जाता था ऑफिस

अगर लिपिक के वाराणसी कार्यकाल की बात करें तो वह उस समय स्विफ्ट डिजायर कार से ऑफिस आता-जाता था, शिकायत होने पर कार्रवाई के बजाय उसका तबादला कर दिया गया। बता दें कि जांच कर रही एंटी करप्शन विभाग की टीम को इसी लिपिक की एक और बेनामी संपत्ति के बारे में जानकारी हुई थी।

संपत्ति की मिल्कियत और कीमत का पता किया जा रहा है। दरअसल, वर्ष 2018 में 5 लिपिकों के पास आय से अधिक संपत्ति होने की शिकायत प्रदेश सरकार से की गई थी। इस प्रशासन ने इसकी गोपनीयता आदेश जारी किया था।

जांच के दौरान शिकायत सही पाई गई थी। इस पर एंटी करप्शन विभाग ने परिवहन विभाग से 12 दिसंबर 2019 को पुलिस जांच की अनुमति मांगी थी। फिलहाल शहर में लिपिक के कीमती बंगले का मामला सामने आने के बाद लिपिक इस समय चर्चा का विषय बन गया है। 


संबंधित खबरें