अर्थव्यवस्था चौपट: श्रीलंका के राष्ट्रपति राजपक्षे ने लगाया आपातकाल, हिंसक प्रदर्शन के बाद लिया फैसला

टीम भारत दीप |

राष्ट्रपति  भवन के बाहर प्रदर्शन करने पर 54 लोग गिरफ्तार।
राष्ट्रपति भवन के बाहर प्रदर्शन करने पर 54 लोग गिरफ्तार।

देश के पश्चिमी प्रांत में मध्य रात्रि से सुबह छह बजे तक के लिए कर्फ्यू लगाया गया है जो दो अप्रैल से प्रभावी होगा। विदित हो कि श्रीलंका की 2.2 करोड़ की आबादी भीषण आर्थिक संकट और उसके चलते बिजली संकट से भी जूझ रही है। फिलहाल नियमित रूप से पूरे देश में हर दिन 13 घंटे बिजली की कटौती हो रही है।

कोलंबो। पड़ोसी देश श्रीलंका अर्थव्यवस्था गिरने की वजह से तेजी से महंगाई बढ़ रही है। लोगों को जरूरी चीजों के लिए परेशान होना पड़ रहा है। परेशान लोग हिंसक प्रर्दशन पर उतर आए है। गत दिवस तो राष्ट्रपति भवन पर हमला करने की कोशिश की गई।

इसे देखते हुए राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने देश में आपातकाल की घोषणा कर दी है। कोलंबो में बड़ी संख्या में लोगों ने राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के घर के बाहर कर्फ्यू तोड़कर विरोध प्रदर्शन किया। हालात काबू में करने के लिए पुलिस ने पहले पानी की बौछार की और फिर आंसू गैस के गोले दागे।

इस मामले में 54 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। गंभीर होते हालात और लोगों के प्रदर्शन को देखते हुए राष्ट्रपति राजपक्षा की तरफ से देश में आपातकाल लगाने की घोषणा की गई है। यह तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। 

देश के कई हिस्सों में लगा कर्फ्यू

देश के पश्चिमी प्रांत में मध्य रात्रि से सुबह छह बजे तक के लिए कर्फ्यू लगाया गया है जो दो अप्रैल से प्रभावी होगा। विदित हो कि श्रीलंका की 2.2 करोड़ की आबादी भीषण आर्थिक संकट और उसके चलते बिजली संकट से भी जूझ रही है। फिलहाल नियमित रूप से पूरे देश में हर दिन 13 घंटे बिजली की कटौती हो रही है।

गर्मी से लोग बेहाल

कोलंबो के एसएसपी निहाल थलदुआ ने बताया कि श्रीलंका में सालों में हुए सबसे बड़े आर्थिक संकट के बीच पूरे देश में 13 घंटे तक बिजली कटौती हो रही है। गर्मी से परेशान लोगों के कामकाज भी ठप हो रहे हैं।

इसी के विरोध में सैकड़ों की तादाद में लोग गुरुवार की रात राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षा के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन करने लगे। धीरे-धीरे करके यह प्रदर्शन उग्र हो गया और गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने दो बसों, एक पुलिस जीप और कई मोटर साइकिलों को फूंक डाला। इस दौरान हुए हमले में पांच पुलिस कर्मी भी घायल हुए हैं। हालांकि प्रदर्शनकारियों के घायल होने की कोई जानकारी नहीं है।

विदेशी मुद्रा संकट में फंसा है श्रीलंका

श्रीलंका के पर्यटन मंत्री प्रसन्ना रणतुंगे ने शुक्रवार को बताया कि श्रीलंका की मुख्य समस्या विदेशी मुद्रा का संकट है। ऐसे में इस तरह के प्रदर्शनों से देश में पर्यटन को भी आघात लगेगा जिसके और बुरे आर्थिक परिणाम भुगतने होंगे। उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि जनता को प्रदर्शन करने का अधिकार है, लेकिन यह सकारात्मक होना चाहिए। राष्ट्रपति के आवास के बाहर हुआ,वैसा कतई नहीं होना चाहिए।

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