कोरोना संकटः ईपीएफओ से 30 हजार करोड़ की निकासी, अप्रैल-जुलाई में निकला सबसे ज्यादा धन

टीम भारत दीप |

रूपये निकालने वालों की संख्या 1 करोड़ पहुंच सकती है।
रूपये निकालने वालों की संख्या 1 करोड़ पहुंच सकती है।

यह भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अधीन वित्तीय संस्था है। इसे कर्मचारियों के रिटायरमेंट के दौरान लाभ देने के लिए शुरू किया गया है।

व्यापार डेस्क। कोरोना संकट के कारण कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की जमापूंजी में से 30 हजार करोड़ की निकासी हो चुकी है। ये पैसा करीब 80 लाख कर्मचारियों ने कोविड फंड और मेडिकल एडवांस के तौर पर निकाला है। माना जा रहा है कि यदि कोरोना संकट नहीं रूका तो ईपीएफओ से रूपये निकालने वालों की संख्या 1 करोड़ पहुंच सकती है। 

बता दें कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन एक ऐसी जमा योजना है जिसमें प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले हर कर्मचारी को और उसके नियोक्ता को अंशदान देना होता है। यह भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अधीन वित्तीय संस्था है। इसे कर्मचारियों के रिटायरमेंट के दौरान लाभ देने के लिए शुरू किया गया है। 

द इकाॅनमिक टाइम्स के अनुसार अप्रैल माह में लाॅकडाउन शुरू होने के बाद से जुलाई के तीसरे हफ्ते तक ईपीएफओ के करीब 80 लाख उपभोक्ता अपनी जमा रकम में से 30 हजार करोड़ रूपये निकाल चुके हैं। 

इनमें से 8 हजार करोड़ रूपये कोविड राहत फंड के रूप में निकाले गए, जिसकी घोषणा वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने की थी। इसके अलावा 22 हजार करोड़ रूपये इलाज के नाम पर निकाले गए हैं।  ईपीएफओ के अनुसार सबसे ज्यादा निकासी अप्रैल और जुलाई के तीसरे सप्ताह में हुई है।

इसका कारण कोरोना के कारण रोजगार छिनना, सैलरी में कटौती और मेडिकल खर्च बढ़ना रहा है। बता दें कि ईपीएफओ करीब 6 करोड़ कर्मचारियों के करीब 10 लाख करोड़ जमापूंजी को मैनेज करता है। 

अधिकारियों का कहना है कि कोरोना संकट बरकरार रहने से रूपये निकालने वालों की संख्या करीब 1 करोड़ पहुंच सकती है। इससे ईपीएफओ को होने वाली आय पर असर पड़ना तय है, जिसका सीधा असर कर्मचारियों को दी जाने वाली ब्याज की दर पर भी पड़ सकता है।


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